मंत्री और वरिष्ठ अफसरों के नाम पर एफसीआई में जमकर वसूली

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  • प्रति लॉट चावल रिश्वत दर में 1500 रुपए की कर दी बढ़ोत्तरी
  • छ्ग राईस मिलर्स एसोसिएशन कोषाध्यक्ष चंद्राकर ने की शिकायत

अर्जुन झा

जगदलपुर छत्तीसगढ़ राईस मिलर्स एसोसिएशन ने भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई ) के राज्य में पदस्थ अफसरों पर भ्रष्टाचार के संगीन आरोप लगाए हैं। एसोसिएशन का कहना है कि एफसीआई के अधिकारी चावल बोरों की लॉट को स्वीकार करने के नाम पर राईस मिलर्स से जमकर रकम की वसूली की जा रही है। एसोसिएशन ने आरोप लगाया है कि रिश्वतखोरी के दम पर इन अफसरों ने करोड़ों की संपत्ति बना ली है।छत्तीसगढ़ राईस मिलर्स एसोसिएशन के प्रदेश कोषाध्यक्ष रौशन चंद्राकर ने मामले की शिकायत केंद्रीय खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री पीयूष गोयल, केंद्रीय खाद्य सचिव, एफसीआई के सीएमडी, चीफ विजिलेंस ऑफिसर, विभागीय ईडी समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से की है। उन्होंने बताया है कि छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में पदस्थ रिजनल ऑफिसर, सभी जिलों में पदस्थ प्रबंधक लंबे समय से एक ही स्थान पर जमे हुए हैं। बताया गया है कि ये अधिकारी पहले 29 मिट्रिक टन चावल के एक लॉट को स्वीकार करने के एवज में राईस मिलर्स से 6 हजार रुपए बतौर रिश्वत लेते थे। इस वर्ष से इसे बढ़ाकर 7500 रु. प्रति लॉट कर दिया गया है। रिश्वत की रकम में डेढ़ हजार रु. प्रति लॉट बढ़ोत्तरी की जानकारी एफसीआई के अफसरों ने राईस मिलर्स की बैठक लेकर दी थी। इसके पीछे अफसरों की दलील थी कि केंद्रीय मंत्री, खाद्य सचिव, सीएमडी तक रकम पहुंचाना पड़ती है इसलिए निगम के वरिष्ठ अधिकारियों ने रकम बढ़ाने के लिए कहा है। रौशन चंद्राकर ने अपनी शिकायत में बताया है कि वर्ष 2021-22 में एफसीआई ने कुल 3244615 मिट्रिक टन चावल मंजूर किया था और इसके एवज में रिश्वत के तौर पर कुल 76.13 करोड़ रुपए वसूले गए थे। वर्ष 2022 – 23 में अब तक 3319342 मिट्रिक टन चावल स्वीकार किया गया है और इसके एवज में 85.85 करोड़ रु. वसूले गए हैं। शिकायत में आगे बताया गया है कि खाद्य निगम के अफसरों ने इस रिश्वतखोरी के चलते अरबों खरबों की संपत्ति अपने रिश्तेदारों के नाम पर बना ली है। रौशन चंद्राकर ने बताया है कि जो राईस मिलर्स रिश्वतखोरी का विरोध करते हैं, उनके चावल को तरह तरह की बहानेबाजी कर रिजेक्ट कर दिया जाता है और बिल अटका दिए जाते हैं।

पहली बार खोली भ्रष्टाचार की पोल

छत्तीसगढ़ में सैकड़ों राईस मिलें संचालित हैं। राज्य में चावल ही मुख्य कृषि उत्पादन है। छत्तीसगढ़ की अर्थ व्यवस्था का आधार भी चावल उत्पादन ही है। पहले भी राज्य के राईस मिलर्स दबी जुबान से एफसीआई के अधिकारियों के इस भ्रष्टाचार की शिकायत और चर्चा करते रहे हैं, लेकिन पहली बार छत्तीसगढ़ राइस मिल एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष ने प्रदेश में एफसीआई द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार की परत खोलकर रख दी है। कोषाध्यक्ष रौशन चंद्राकर ने 26 मई को एक लिखित पत्र केंद्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल को भेजकर इस मामले की जांच सीबीआई और ईडी से करवाने की मांग की है।