ओम माथुर ने विपक्षी दलों के बहिष्कार को कहा टुच्ची हरकत

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  • प्रदेश भाजपा प्रभारी की टिप्पणी पड़ सकती है भाजपा पर भारी
  • नए संसद भवन के लोकार्पण समारोह के बॉयकॉट पर प्रतिक्रिया

जगदलपुर छत्तीसगढ़ भाजपा के प्रभारी ओम माथुर यहां विपक्षी दलों पर टिप्पणी करते भाषायी मर्यादा लांघ गए। नए संसद भवन के उद्घाटन एवं लोकार्पण समारोह के विपक्षी दलों द्वारा बहिष्कार किए जाने पर पत्रकारों के समक्ष अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने विपक्ष के लिए एक ऐसे शब्द का इस्तेमाल कर दिया, जो भाजपा के लिए भारी पड़ सकता है। पूर्व राजयसभा सदस्य एवं पार्टी के छत्तीसगढ़ प्रभारी ओम माथुर 28 मई की शाम जगदलपुर पहुंचे।

बस्तर संभाग में उनका चार दिनों तक बेहद व्यस्त कार्यक्रम है। माथुर बस्तर संभाग के सभी जिलों के पदाधिकारियों और कार्यकर्त्ताओं के साथ बैठकें करेंगे और मिशन 2024 के लिए उन्हें रिचार्ज करेंगे। 28 मई की शाम जगदलपुर में पत्रकारों से चर्चा करते हुए संसद की नई बिल्डिंग के उद्घाटन समारोह का विपक्षी दलों द्वारा बहिष्कार किए जाने पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि संसद की पुरानी बिल्डिंग जर्जर हो चुकी है, निकट भविष्य में लोकसभा क्षेत्रों का परिसीमन भी होने वाला है। तब सदस्यों की संख्या भी बढ़ जाएगी। इस लिहाज से नए संसद भवन का निर्माण जरूरी हो गया था। जिस कांग्रेस के एक परिवार ने देश पर 65 सालों तक राज किया, उसने इस दिशा में सोचा भी नहीं। वर्तमान भाजपा सरकार ने भविष्य की जरूरतों को देखते हुए सुविधापूर्ण संसद भवन का निर्माण कराया है। नए संसद भवन के लोकार्पण समारोह का कांग्रेस समेत 21 दलों द्वारा बहिष्कार किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण और उन दलों के लिए काला दिन है। विपक्षी दलों को हमारे खिलाफ बोलने का नैतिक अधिकार नहीं है। सेंगोल के विरोध के सवाल पर माथुर ने कहा कि जिस दंड ( सेंगोल ) को नेहरू जी ने स्वीकार किया था, उस ऐतिहासिक दंड को एक कोने पर रख दिया गया था। हमारी सरकार ने उसे ढूंढ निकाला और उसे उसका सम्मान वापस दिलाते हुए नए संसद भवन में प्रतिष्ठित कराया है। यह दंड शासक पर नियंत्रण रखने का प्रतीक है। भाजपा नेता ओम माथुर ने कहा कि स्वयं को लोकतंत्र का झंडाबरदार कहने वाली कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने नए संसद भवन के लोकार्पण समारोह का बहिष्कार कर लोकतंत्र का अपमान किया है, टुच्ची हरकत की है। माथुर ने विपक्षी दलों के खिलाफ जिस टुच्ची शब्द का इस्तेमाल किया है, वह भाजपा और उसकी केंद्र सरकार पर भारी पड़ सकता है। भाजपा के पूर्व छत्तीसगढ़ प्रभारी पुरंदेश्वरी ने भी कांग्रेस के खिलाफ ऐसे ही बिगड़े बोल कहे थे। उसके बाद राज्य में भाजपा का क्या हश्र हुआ, सबके सामने है।