- तेंदूपत्ता संग्राहकों को गांव जाकर दे रहे हैं नकद पारिश्रमिक राशि
- बीजापुर में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सोच को आगे बढ़ा रहे हैं विधायक विक्रम मंडावी
- अर्जुन झा की विशेष रपट
बीजापुर गुड गवर्नेस क्या होती है अगर इसे नजदीक से महसूस करना है, तो छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में चले आईए। यहां के तेंदूपत्ता संग्राहक महिला – पुरुषों के हंसते मुस्कुराते चेहरे सच्चाई खुद बयां कर देंगे। उनके होठों पर तिर आने वाली मुस्कान बता देगी कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तेंदूपत्ता संग्राहकों की सुख सुविधा का कितना ध्यान रखते हैं। बीजापुर के युवा विधायक विक्रम मंडावी अपने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की इसी सोच को आगे बढ़ाने में पूरी शिद्दत से जुटे हुए हैं। प्रदेश के मजदूरों, गरीबों, तेंदूपत्ता संग्राहकों और किसानों को अपनी मेहनत की कमाई के लिए दर दर भटकना न पड़े। उन्हें उनका मेहनताना उनके गांव में ही मिल जाए। इन मेहनतकश लोगों को बैंक, पोस्ट ऑफिस के चक्कर न लगाने पड़ें। इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तेंदूपत्ता संग्राहकों को उनकी पारिश्रमिक राशि का नकद भुगतान उनके गांवों में ही कराने की पहल की है। मुख्यमंत्री श्री बघेल की इस पहल से बस्तर संभाग के बीजापुर जिले 54 हजार से अधिक तेंदूपत्ता संग्राहकों को उनके गांव में ही नगद भुगतान की व्यवस्था की गई है। जिले में करीब साढ़े 32 करोड़ रु. की राशि का नकद भुगतान तेंदूपत्ता संग्राहकों को किया जा रहा है। घर बैठे ही मेहनताना राशि मिल जाने से तेंदूपत्ता संग्राहकों में उल्लास बिखर पड़ा है। पहले राशि उनके बैंक खातों में जमा करा दी जाती थी।संग्राहकों को एकाउंट से रकम निकालने के लिए बैंक शाखाओं के चक्कर लगाने पड़ते थे। इस फेर में वे दो – तीन दिन तक दूसरा काम नहीं कर पाते थे। तेंदूपत्ता संग्राहकों ने अपनी यह व्यथा क्षेत्रीय विधायक एवं बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विक्रम मंडावी को सुनाई थी। मंडावी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तक बात पहुंचाई और उनसे आग्रह किया कि बीजापुर जिले के तेंदूपत्ता संग्राहकों को उनकी पारिश्रमिक राशि के नकद भुगतान की व्यवस्था उनके गांवों में ही कराई जाए। मुख्यमंत्री बघेल ने तत्काल सहमति जताते हुए इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिए। अब बीजापुर में नकद भुगतान की व्यवस्था रफ्तार पकड़ चुकी है।
भर आईं संग्राहकों की आंखें
विधायक विक्रम मंडावी ने बुधवार को ग्राम कर्रेमरका, माटवाड़ा, जांगला, बरदेला, जैवारम और मिंगाचल फड़ों के तेंदूपत्ता संग्राहकों को पारिश्रमिक राशि का नकद भुगतान किया।विधायक मंडावी के हाथों से नकद भुगतान प्राप्त करते समय ज्यादातर तेंदूपत्ता संग्राहक भावुक हो उठे थे। उनकी आंखें भर आईं थीं। ये लोग अपनी क्षेत्रीय बोली में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और विधायक विक्रम मंडावी को खूब आशीष दे रहे थे। तेंदूपत्ता संग्राहकों में किसी ने 32 हजार रु. तो किसी ने 28 हजार, किसी ने 27 हजार, किसी ने 20 हजार, 19 हज़ार, 18 हजार तो किसी ने 15 हजार रु. से अधिक की राशि तेंदूपत्ता संग्रहण कर प्राप्त की है। पारिश्रमिक राशि का भुगतान जिलेभर के तेंदूपत्ता फड़ों में तेंदूपत्ता संग्राहकों को किया जा रहा है। विधायक विक्रम मंडावी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में तेंदूपत्ता आय अर्जित करने का एक प्रमुख साधन है। जिले के तेंदूपत्ता संग्राहकों की मांग थी कि उन्हें भुगतान बैंक अकाउंट से न करवाकर सीधे उनके गांव में ही नगद भुगतान किया जाए। इस मांग को प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गंभीरता से लिया और बीजापुर जिले के तेंदूपत्ता संग्राहकों को नकद भुगतान कराने संबंधी आदेश जारी कर दिए। अब संग्राहकों को नकद भुगतान किया जा रहा है। नकद भुगतान पाकर तेंदूपत्ता संग्राहक बेहद खुश हैं। इस दौरान विधायक विक्रम मंडावी ने तेंदूपत्ता संग्राहकों से उनके दुख तकलीफ और की और गांव की समस्याओं के बारे में चर्चा भी की।
54 हजार संग्राहकों को मिल रहा लाभ
जानकारी के अनुसार बीजापुर जिले को तेंदूपत्ता सीजन 2023 के लिए 28 समितियों बांटा गया है। इन समितियों के अधीन 465 फड़ों में तेंदूपत्ता का संग्रहण 54 हजार से अधिक संग्राहकों द्वारा किया गया है। महज सात दिन में कुल 81 हजार 98 मानक बोरा तेंदूपत्ता का संग्रहण किया गया। इसकी राशि 32 करोड़,43 लाख 93 हजार 828 रुपए बनी। इस राशि का वितरण तेंदूपत्ता संग्रहकों को किया जा रहा है।*बड़े दयालु हैं हमारे मुख्यमंत्री : विक्रम*विधायक विक्रम मंडावी बताते हैं कि जब उन्होंने मुख्यमंत्री को तेंदूपत्ता श्रमिकों की दास्तां सुनाई, तो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्रवित हो उठे। बघेल का कहना था कि किसी गरीब को अपनी ही मेहनत की कमाई के लिए भटकना पड़े यह दुखद है। श्री मंडावी ने कहा कि मजदूरों के बीच पले बढ़े और आदिवासियों के साथ लंबा समय गुजारने वाले भूपेश बघेल को अपने मुख्यमंत्री के रूप में पाकर हम धन्य हो गए हैं। उनकी संवेदनशीलता और दयालुता का कोई मुकाबला नहीं है। बीजापुर के आदिवासियों और तेंदुपत्ता संग्राहकों का आशीर्वाद एवं स्नेह सदैव मुख्यमंत्री बघेल के साथ बना रहेगा।