- महिला सहकारी बैंक में हुए 20 करोड़ रुपए के घोटाले का जिन्न निकल आया है बोतल से बाहर
- विस चुनाव पर असर डाल सकता है रमन सरकार में हुआ यह फ्रॉड
अर्जुन झा
जगदलपुर इंदिरा महिला सहकारी बैंक में हुए घोटाले का जिन्न बोतल से बाहर निकल आया है। बीस करोड़ रुपए के फ्रॉड का यह मामला आगामी विधानसभा चुनावों में सुनामी लाएगा और भाजपाई तंबू की चूलें हिला डालेगा। मामले की नए सिरे से जांच शुरू हो गई है। जांच की आंच डॉ. रमन सिंह सरकार में मंत्री रहे भाजपा के कई बड़े नेताओं तक पहुंचने वाली है। इनमें बस्तर के नेता भी शामिल बताए जा रहे हैं। जिला न्यायालय रायपुर द्वारा पुलिस को इंदिरा महिला सहकारी बैंक सदर बाजार रायपुर में हुए 20 करोड़ों रुपए के घोटाले की जांच का आदेश पुलिस को दे दिया गया है। कोर्ट के आदेश के बाद रायपुर पुलिस को बैंक के मैनेजर उमेश सिन्हा के नारको टेस्ट की सीडी और एफएसएल रिपोर्ट सौंप दी गई है। बैंक के मैनेजर उमेश सिन्हा का नार्को टेस्ट बेंगलुरु में कराया गया था। अब पुलिस नए सिरे से इस मामले की जांच प्रारंभ कर चुकी है। बैंक फ्रॉड के इस सनसनीखेज मामले में इंदिरा महिला सहकारी बैंक के कई डायरेक्टर्स के खिलाफ अपराध दर्ज हो चुका है और वे फिलहाल जमानत पर बाहर हैं। नए सिरे से मामले की जांच शुरू होने के बाद अब भाजपा सरकार में मंत्री रहे कई नेताओं पर तलवार लटकती नजर आ रही है। जांच के बाद इन नेताओं पर भी गाज गिर सकती है। सूत्र बताते हैं कि ऐसे भाजपा नेताओं की फेहरिश्त लंबी है और इसमें बस्तर, सरगुजा, दुर्ग, राजनांदगांव समेत अन्य जिलों के भी नेताओं के नाम शुमार हैं। इसी साल नवंबर माह में छत्तीसगढ़ विधानसभा के के चुनाव होने वाले हैं। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बैंक घोटाले का जिन्न बोतल से बाहर निकल आया है या निकाल लाया गया है। ऐसे में सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि बैंक घोटाले का यह जिन्न विधानसभा चुनावों में कितनी बड़ी सुनामी लाएगा। तय है कि यह सुनामी भाजपा को बड़ा नुकसान पहुंचाएगा। यहां तक कि चुनाव करीब आते ही भाजपा के कई बड़े नेता जेल की सींखचों के पीछे नजर आ सकते हैं। ऐसे में इस सुनामी के असर से भाजपाई टेंट के उड़ जाने का भी खतरा है। अभी पता नहीं यह जांच कितने लोगों को अपने दायरे में लेगी, लेकिन अनुमान है कि कम से कम दर्जन भर भाजपाई तो लपेटे में आएंगे ही।*बॉक्स**कांग्रेस के हाथ में होगा ब्राम्हस्त्र*इंदिरा महिला सहकारी बैंक का यह बड़ा घोटाला सन 2006-07 के दौरान सामने आया था। उस समय छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार थी और मुख्यमंत्री से डॉक्टर रमन सिंह थे। तब इस मामले ने छत्तीसगढ़ की राजनीति में बड़ा तूफान खड़ा कर दिया था। उस समय विपक्ष में रही कांग्रेस इसे लेकर भाजपा पर बेहद आक्रामक हो गई थी। ऐसे में जाहिर है कि जब ऐन चुनावों के दौर में यह मामला नए तेवर में सामने आएगा, तब भाजपा के खिलाफ इसे कांग्रेस ब्रम्हास्त्र के रूप में जरूर उपयोग करेगी। हो सकता चुनाव में भाजपा को बड़ा नुकसान उठाना पड़ जाए।