शाला भवनों की रंगाई पोताई की आड़ में करतूत पर लीपापोती

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  • जैबेल शैक्षणिक संकुल में अनुदान राशि की जमकर अफरा तफरी का मामला
  •  मामला उजागर होने के बाद स्कूलों का रंग रोगन शुरू
    -अर्जुन झा-
    बकावंड सीआरसी अनुदान और शाला अनुदान की राशि की अफरा तफरी का मामला उजागर किए जाने के बाद जैबेल संकुल केंद्र में शालाओं की नए सिरे से रंगाई पोताई कराकर संकुल समन्वयक ने अपनी करतूत पर लीपापोती शुरू दी है।
    बस्तर जिले के बकावंड ब्लाक के संकुल केंद्र जैबेल में शिक्षा विभाग से मिली सीआरसी ग्रांट और शाला अनुदान राशि की संकुल समन्वयक द्वारा जमकर गड़बड़ी की गई है। विभिन्न चुनावों के दौरान गांवों में ज्यादातर मतदान केंद्र शालाओं में ही बनाए जाते हैं।प्रशासन द्वारा मतदान के पूर्व शाला भवनों की साफ सफाई और रंग रोगन कराया जाता है, ताकि मतदान कर्मियों को साफ सुथरा और तनाव रहित माहौल मिल सके। हालिया निपटे छत्तीसगढ़ विधानसभा के चुनावों के दौरान भी जैबेल संकुल के अनेक शाला भवनों की साफ सफाई और रंग रोगन कराया गया था। जिला प्रशासन द्वारा कराया गया यह काम जैबेल के संकुल समन्वयक के लिए कमाई का जरिया बन गया। संकुल समन्वयक ने शालाओं की चुनाव के दौरान की रंगाई पोताई को सीआरसी ग्रांट और शाला अनुदान मद से किया जाना दर्शाकर हजारों रुपए हजम कर लिए। इस संवाददाता ने प्रमुखता से उजागर किया था। रंगाई पोताई की आड़ में खेल करने के अलावा संकुल समन्वयक अरुण पाण्डेय ने स्कूलों में खेल सामग्री, घड़ियां व अन्य सामान प्रदान करने में भी बड़ी कमाई की है। बताते हैं कि इन सामग्रियों की रकम की वसूली स्कूलों से की गई थी। जांच में यह मामला सही पाए जाने पर उन्हें बीआरसी पद से हटा दिया गया था। तब की कांग्रेस सरकार में बैठे रसूखदार जनप्रतिनिधियों के दम पर वे पुनः बकावंड ब्लॉक में वापस नियुक्त हो गए। वापसी के बाद वे आज भी सुर्खियों में बने रहते हैं। शिक्षा विभाग के अधिकारी उनके खिलाफ शिकायतों को आश्चर्य जनक ढंग से नजरअंदाज करते आए हैं। चर्चा है कि संकुल समन्वयक अपनी अवैध कमाई का हिस्सा अधिकारियों तक भी पहुंचाते हैं। इसीलिए शिकायतों पर कार्रवाई नहीं होती। कई स्कूलों में अनुदान राशि जारी होने के बाद भी रंगाई पोताई कार्य नहीं हुआ है। इस विषय को लेकर पहले विपक्ष में रहे भाजपा के जनप्रतिनिधि सवाल उठते रहे हैं। वहीं अब संकुल समन्वयक ने शालाओं की रंगाई पोताई का काम शुरू करा दिया है। चर्चा है कि ऐसा करके वे अपने किए की लीपापोती कर रहे हैं। इधर बकावंड के विकासखंड शिक्षा अधिकारी ने भी हमारी खबर पर संज्ञान लेते हुए ब्लॉक के सभी संकुल समन्वयकों को आदेश जारी कर कहा है कि सीआरसी ग्रांट और शाला अनुदान मद की राशि का उपयोग वास्तविक कार्यों में और समय पर करें तथा विकासखंड शिक्षा कार्यालय को इस बाबत रिपोर्ट प्रस्तुत करें।