तारापुर हाई स्कूल में विद्यार्थियों के भविष्य से हो रहा खिलवाड़

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  • समय पर स्कूल नहीं पहुंचते प्राचार्य और शिक्षक, अध्यापन चौपट
  • तारापुर हाई स्कूल में विद्यार्थियों के भविष्य से हो रहा खिलवाड़
  • समय पर स्कूल नहीं पहुंचते प्राचार्य और शिक्षक, अध्यापन चौपट


बकावंड नया शैक्षणिक सत्र आरंभ होते ही शालाओं में अध्ययन अध्यापन कार्य शुरू हो चुका है। मगर शासकीय हाई स्कूल तारापुर में पढ़ाई का भट्ठा बैठ गया है। इस स्कूल के शिक्षक अपनी मर्जी के मालिक बन गए हैं। वे टाईम शेड्यूल का जरा भी पालन नहीं कर रहे हैं।शिक्षक समय पर स्कूल नहीं आते और शाला बंद होने से पहले ही अपने घर लौट जाते हैं। प्राचार्य भी समय के पाबंद नहीं रह गए हैं। शिक्षकों पर उनका कोई नियंत्रण नहीं रह गया है। ऐसे में स्कूल के शिक्षा स्तर का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।


जिला शिक्षा अधिकारी भारती प्रधान के निर्देश पर बीईओ, बीआरसी और संकुल समन्वयक शालाओं का सतत निरीक्षण कर में शिक्षक शिक्षिकाओं की उपस्थिति, मध्यान्ह भोजन व अध्यापन की जानकारी ले रहे है, किंतु बकावंड ब्लाक के तारापुर हाई स्कूल में शिक्षकों द्वारा भारी लापरवाही बरते जाने की बात सामने आ रही है। ग्रामवासियों के अनुसार इस हाई स्कूल के प्राचार्य अपने मातहतों पर अंकुश नहीं लगा पा रहे हैं। शिक्षक कभी भी समय पर शाला नहीं पहुंचते हैं। अक्सर वे पूर्ण अवकाश होने से पहले ही स्कूल को भगवान भरोसे छोड़कर घरों को लौट जाते हैं। शिक्षक जब तक स्कूल में रहते हैं, आपस में गप्पें मारते हुए समय गुजार देते हैं। क्लास लेने में वे दिलचस्पी नहीं दिखाते। विद्यार्थी भी अपनी कक्षाओं में धमा चौकड़ी करते रहते हैं। ग्रामीणों के मुताबिक खुद प्राचार्य भी हमेशा लेट स्कूल आते हैं। सरकार गांवों में शिक्षा स्तर सुधारने लाखों रु. खर्च कर रही है। वहीं शिक्षकों की ऐसी लापरवाही से बच्चे अच्छी शिक्षा से वंचित हो रहे हैं। ग्रामीणों ने जिला शिक्षा अधिकारी से स्कूल की व्यवस्था सुधारने की मांग की है।

नया शैक्षणिक सत्र आरंभ होते ही शालाओं में अध्ययन अध्यापन कार्य शुरू हो चुका है। मगर शासकीय हाई स्कूल तारापुर में पढ़ाई का भट्ठा बैठ गया है। इस स्कूल के शिक्षक अपनी मर्जी के मालिक बन गए हैं। वे टाईम शेड्यूल का जरा भी पालन नहीं कर रहे हैं।शिक्षक समय पर स्कूल नहीं आते और शाला बंद होने से पहले ही अपने घर लौट जाते हैं। प्राचार्य भी समय के पाबंद नहीं रह गए हैं। शिक्षकों पर उनका कोई नियंत्रण नहीं रह गया है। ऐसे में स्कूल के शिक्षा स्तर का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। जिला शिक्षा अधिकारी भारती प्रधान के निर्देश पर बीईओ, बीआरसी और संकुल समन्वयक शालाओं का सतत निरीक्षण कर में शिक्षक शिक्षिकाओं की उपस्थिति, मध्यान्ह भोजन व अध्यापन की जानकारी ले रहे है, किंतु बकावंड ब्लाक के तारापुर हाई स्कूल में शिक्षकों द्वारा भारी लापरवाही बरते जाने की बात सामने आ रही है। ग्रामवासियों के अनुसार इस हाई स्कूल के प्राचार्य अपने मातहतों पर अंकुश नहीं लगा पा रहे हैं। शिक्षक कभी भी समय पर शाला नहीं पहुंचते हैं। अक्सर वे पूर्ण अवकाश होने से पहले ही स्कूल को भगवान भरोसे छोड़कर घरों को लौट जाते हैं। शिक्षक जब तक स्कूल में रहते हैं, आपस में गप्पें मारते हुए समय गुजार देते हैं। क्लास लेने में वे दिलचस्पी नहीं दिखाते। विद्यार्थी भी अपनी कक्षाओं में धमा चौकड़ी करते रहते हैं। ग्रामीणों के मुताबिक खुद प्राचार्य भी हमेशा लेट स्कूल आते हैं। सरकार गांवों में शिक्षा स्तर सुधारने लाखों रु. खर्च कर रही है। वहीं शिक्षकों की ऐसी लापरवाही से बच्चे अच्छी शिक्षा से वंचित हो रहे हैं। ग्रामीणों ने जिला शिक्षा अधिकारी से स्कूल की व्यवस्था सुधारने की मांग की है।