ग्रामीणों की आस्था को आघात पहुंचा रहे हैं पंचायत सचिव

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  • धर्म स्थल के निर्माण में भी अधर्म का खेल कर रहे हैं सचिव गागड़ा
  • मातागुड़ी निर्माण के लिए स्वीकृत राशि की हेराफेरी का गंभीर आरोप

बकावंड ग्राम पंचायत बकावंड के आदिवासी पंचायत सचिव आदिवासियों की आस्था से खिलवाड़ करने पर आमादा है। ग्राम देवी बैरम माता (भैरव माता ) की गुड़ी निर्माण कार्य पंचायत सचिव ने सालभर से लटका रखा है। बकावंड के आदिवासी समुदाय तथा माता पर आस्था रखने वाले अन्य जाति समुदायों के लोगों में पंचायत सचिव की मनमानी को लेकर भारी नाराजगी देखी जा रही है। बैरम माता को बकावंड के सारे नागरिक दशकों से पूजते आ रहे हैं। इस ग्राम देवी पर यहां के लोगों में गहरी आस्था है। बैरम देवी की गुड़ी बहुत पुरानी और जर्जर हालत में है। नागरिकों ने क्षेत्रीय विधायक एवं बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष लखेश्वर बघेल से बीते साल के अंत में बैरम (भैरव) देवी की गुड़ी के नव निर्माण की मांग की थी। विधायक बघेल ने तुरंत इसके लिए 5 लाख 50 हजार रुपए की स्वीकृति दे दी थी। यह राशि इस साल जनवरी माह में ग्राम पंचायत बकावंड को जारी भी कर दी गई। शुरू में ग्राम पंचायत के सचिव ओंकार गागड़ा द्वारा गुड़ी का थोड़ा बहुत काम कराया गया। इसके बाद काम को अधूरा छोड़ दिया गया है। आधा साल बीत चुका है, लेकिन मातागुड़ी का निर्माण अब तक पूरा नहीं हो पाया है। मातागुड़ी के लिए स्वीकृत राशि की हेराफेरी की आशंका यहां के नागरिकों ने जताई है। नागरिकों का कहना है कि मातागुड़ी निर्माण के लिए स्वीकृत राशि अगर स्थानीय निवासियों की सार्वजनिक समिति बनाकर समिति को दी गई होती, तो इतनी बड़ी रकम से भव्य मातागुड़ी का निर्माण दो माह के भीतर ही पूर्ण कर लिया गया होता। उल्लेखनीय है की बकावंड में आदिवासी समुदाय और दीगर समुदायों के लोग हर सार्वजनिक एवं पारिवारिक कार्यों की शुरुआत बैरम माता की गुड़ी में पूजा अर्चना कर व उनसे आशीर्वाद लेकर ही करते हैं। ऐसे में मातागुड़ी का निर्माण अधूरा रहने से यहां के लोगों की आस्था आहत हो रही है। पंचायत सचिव ओंकार गागड़ा स्वयं आदिवासी हैं, लेकिन वे आदिवासियों एवं आम नागरिकों की आस्था को आघात पहुंचाने पर तुले हुए हैं। पंचायत सचिव के ऐसे धर्म विरोधी रवैए को लेकर नागरिकों में खासी नाराजगी है।नागरिकों ने विधायक लखेश्वर बघेल से पंचायत सचिव ओंकार गागड़ा के खिलाफ कार्रवाई करने तथा ग्राम पंचायत से पूरी राशि 5 लाख 50 हजार रुपए वापस लेकर मातागुड़ी निर्माण का दायित्व स्थानीय नागरिकों की समिति को सौंपने की मांग की है।

अदृश्य शक्ति’ का हाथ है सचिव के सिर पर

बकावंड ग्राम पंचायत के सचिव ओंकार गागड़ा के माध्यम से जितने भी निर्माण कार्य कराए है, उन सभी कार्यों में जमकर अनियमितता बरती गई है। नाली निर्माण की बात हो या फिर लाखों की लागत से मॉडल गोठान निर्माण की, सभी में आर्थिक गड़बड़ी की गई है। गोठान का निर्माण थूक पालिश जैसा किया गया है। वहां न मवेशियों के लिए शेड है, न गोबर संग्रहण के लिए। जो शेड बनाया गया है, वह भ्रष्टाचार की गवाही खुद दे रहा है। लाखों रुपए गोठान के नाम पर फूंके जा चुके हैं, मगर इस तथाकथित मॉडल गोठान में गोबर की खरीदी अब तक नहीं हो पाई है। इस पंचायत सचिव के पास एक अन्य ग्राम पंचायत का भी प्रभार है। ग्रामीण बताते हैं कि उस पंचायत के भी विभिन्न निर्माण कार्यों में पंचायत सचिव गागड़ा ने जमकर भ्रष्टाचार किया है। उनके कृत्यों के खिलाफ दोनों ग्राम पंचायतों के ग्रामीण कई दफे आवाज उठा चुके हैं, लेकिन उनके खिलाफ कार्रवाई तो दूर, उनके द्वारा कराए गए कार्यों की जांच भी नहीं हुई है। विधायक लखेश्वर बघेल भी इस पंचायत सचिव का बाल तक बांका नहीं कर पा रहे हैं। जबकि सचिव की करतूतों के कारण भूपेश बघेल सरकार की बदनामी हो रही है और विपक्षी दल भाजपा को सरकार पर उंगली उठाने का मौका मिल रहा है। लोगों का कहना है कि पंचायत सचिव पर अदृश्य राजनैतिक शक्ति का हाथ है, इसीलिए बेखौफ होकर वे सभी निर्माण कार्यों में गड़बड़ी दर गड़बड़ी करते जा रहे हैं।