रायपुर। नवा रायपुर के किसानों ने सरकार द्वारा वर्ष 2012 के सर्वे के आधार पर 2500 वर्गफीट के आवासीय पट्टा देने का विरोध किया है। किसानों का कहना है कि जब तक पूरे जमीन का पट्टा नहीं दिया जाएगा, तब तक एक भी किसान पट्टा नहीं लेगा। किसानों ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों का सर्वे आज की स्थिति में कराया जाए। नवा रायपुर किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष रूपन चंद्राकर ने कहा, पूर्व में भाजपा सरकार ने किसानों को उसके काबिज जमीन पट्टा देने की बात कही थी। जब तक किसानों की मांगें पूरी नहीं होती, उनका आंदोलन जारी रहेगा।
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पिछले 60 दिनों से नवा रायपुर विकास प्राधिकरण भवन के सामने धरने पर बैठे किसानों का आंदोलन तेज होता जा रहा है। इस बीच सात मार्च से ग्रामीणों को आवासीय पट्टा देने का कार्यक्रम जारी किया है। यह काम 4 मई तक चलना है। नई राजधानी परियोजना प्रभावित किसान कल्याण समिति की मांगों के संबंध में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा गठित मंत्रिमंडलीय समिति द्वारा की गई सिफारिशों को मान्य करते हुए नवा रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण के संचालक मंडल ने किसानों के हित में 6 बिन्दुओं पर अमल करते हुए आदेश जारी किए हैं। इनमें प्रमुख रूप से आवासीय पट्टा वितरण, पात्रतानुसार 1200 से 2500 वर्गफीट आवासीय भूमि का आबंटन, शासकीय भूमि पर कब्जा जहां पर है, वहीं दिया जाना, जिसके लिए ग्रामीण विकास योजना के क्रियान्वयन की शर्त को शिथिल करने की सहमति शामिल है।
मंत्रालय जाने निकले किसानों को रोका
गुरुवार को मुख्य सचिव अमिताभ जैन से मिलने मंत्रालय जाने की कोशिश कर रहे ग्रामीणों को पुलिस ने वहीं रोक दिया। बाद में किसानों ने वहीं पर अपना विरोध दर्ज कराया। अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे नई राजधानी प्रभावित किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष रूपन चंद्राकर ने बताया, सभी प्रभावित गांवों से किसान सुबह धरनास्थल पर इकट्ठा हुए थे। कार्यक्रम था कि 27 गांवों के सभी वयस्कों को 1200 वर्गफीट विकसित भूखंड और गांव के लोग जहां बसे हैं उस पूरी बसाहट का पट्टा मांगने एक अपील फार्म मुख्यमंत्री को भेजेंगे। यही अपील फॉर्म मुख्य सचिव को देने जाने वाले थे, लेकिन हमें निकलने नहीं दिया गया। मांगे पूरी होने तक आंदोलन जारी है।