नक्सल गढ़ में हो रही है गरीबों के हिस्से के चावल की अफरा तफरी

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  • 40 फीसदी राशन कार्ड पंचायत सचिव और सेल्समैन के कब्जे में
  • पीडीएस के चावल के बदले में वनोपज लेते हैं क्षेत्र के व्यापारी
  • खाद्य निरीक्षक ने रंगेहाथ पकड़ा चावल तस्करी का मामला

अर्जुन झा

जगदलपुर/कोंटा बस्तर संभाग के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले का कोंटा इलाका पीडीएस के चावल की कालाबाजारी को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहता है। चांवल माफिया पर कार्रवाई नहीं होने से उनके हौंसले बुलंद हैं। ऐसा ही एक मामला पिछले दिनों खाद्य विभाग द्वारा पकड़ा गया था। विभाग द्वारा जप्त वाहन से भी माफिया ने चावल को ठिकाने लगा दिया और खाली वाहन को थाना पहुंचा दिया गया। धुर नक्सल प्रभावित जगरगुंडा क्षेत्र के दूरनदरभा के पास गरीब परिवारों के आवंटन के लिए भेजे गए 23 बोरी चावल को अन्यत्र ले जाते हुए एक पिकअप वाहन और एक ट्रेक्टर को खाद्य विभाग की टीम ने पकड़ा था। यह चावल 19 जुलाई को सिलगेर के साप्ताहिक बाजार में वनोपज के साथ अदला बदली करने के इरादे से ले जाया जा रहा था। खबर है कि पंचायत सचिव और सेल्समैन ने 40 फीसदी उपभोक्ताओं के राशन कार्ड अपने कब्जे में ले रखे हैं। उनके संरक्षण में गरीबों का राशन चावल माफिया तक आसानी से पहुंच रहा है। साप्ताहिक बाजार सिलगेर के रास्ते गरीबों का चावल बासागुड़ा, आवापल्ली पहुंचा करता है, जहां से अन्य जिलों में चांवल की कालाबाजारी कर दी जाती है। खाद्य विभाग द्वारा पीडीएस का जप्त चावल एलमपल्ली एवं गुमोड़ी पंचायत की राशन दुकान के होने की चर्चा है। अब देखना है कि खाद्य विभाग के अधिकारी चावल माफिया को बेनकाब करेंगे या फिर माफियाओं के साथ मिलकर बहती गंगा में खुद भी हाथ धोएंगे? ज्ञातव्य हो कि सुकमा जिले के कोंटा इलाके में दो दर्जन ऐसे पंचायतें हैं, जहां गरीबों को राशन पहुंचाना किसी चुनौती से कम नहीं हैं। इसके लिए चिंतलनार में 8 से 10 दुकानों के राशन, चांवल एवं अन्य सामग्री का वितरण किया जाता है। यहीं पर चावल तस्करों की नजर गड़ी रहती है। ये राशन माफिया पंचायत सचिव और सेल्समैन से सांठगांठ कर गरीबों के चावल की अफरा तफरी करते हैं।

चांवल बोरे लदे ट्रेक्टर पिकअप जप्त

मुखबिर के सूचना पर खाद्य निरीक्षक हरिशंकर ने बहादुरी का परिचय देते हुए धुर नक्सल प्रभावित जगरगुंडा सिलगेर के बीच दूरनदरभा के पास ट्रेक्टर एवं पिकअप से 23 बोरी चावल जप्त किया था। आश्चर्य की बात यह है कि उक्त चावल को जप्त कर थाना भेजा गया था, मगर थाना पहुंचने से पहले ही चावल को रास्ते से माफिया ने ठिकाने लगा दिया। जप्त ट्रेक्टर सीजी 18 एन 5876 को जगरगुंडा थाना में और पिकअप वाहन को चिंतलनार थाने में रखा गया है। इस मामले से खाद्य निरीक्षक कोंटा के एसडीएम और अपने वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत करा चुके हैं। वाहन में चावल बरामदगी की सारी सच्चाई मोबाइल फोन के कैमरे में कैद कर ली गई है। खाद्य निरीक्षक ने बताया कि चावल की अफरातफरी में उड्डाम बादर, सुनील सिंह, रामकुमारी सिंह, राजू कोर्राम एवं एक अन्य व्यक्ति की संलिप्तता रही है।

सचिव एवं सेल्समेन की भूमिका संदिग्ध

जानकारी के अनुसार उक्त चावल सुकमा के एक राईस मिलर द्वारा दोरनापाल वेयर हाऊस में जमा कराया गया था। इसका लाट नंबर 892 एवं एफएसएस नंबर 10520015000015 है। बारीकी से जांच होने पर इस तथ्य का खुलासा हो सकता है कि उक्त चावल किस राशन दुकान को भेजा गया था? सूत्र बताते हैं कि यह चावल एलमपल्ली से गुमोड़ी पंचायत की राशन दुकान में है। चावल की अफरा तफरी में पंचायत सचिव एवं सेल्समैन की भूमिका संदिग्ध है। ये लोग साप्ताहिक बाजारों में गरीबों का चावल व्यापारियों तक पहुंचाया करते हैं।*बॉक्स**जप्त राशन चावल रास्ते से गायब*खाद्य निरीक्षक द्वारा दोनों वाहनों से चावल जप्त किया गया था। पंचनामा कर वाहनों को जगरगुंडा थाना ले जाने को कहा गया था। वाहन चालक ने वाहन को तो थाना पहुंचा दिया, लेकिन पीडीएस का चावल रास्ते से गायब कर दिया गया। जगरगुंडा थाना प्रभारी ने बताया कि पिकअप वाहन को उनके थाने में और और ट्रेक्टर को चिंतलनार थाना में रखा गया है। खाद्य विभाग मामले की जांच कर प्रतिवेदन आगे की कार्रवाई के लिये एसडीएम कोंटा को भेज चुका है।