निगम, मंडलों, आयोगों में जल्द फेरबदल, बस्तर होगा प्रभावित

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  • इंद्रावती विकास प्राधिकरण, पर्यटन मंडल, आदिवासी विकास प्राधिकरण में नए नेताओं को मिलेगा जिम्मा

अर्जुन झा

रायपुर/ जगदलपुर राज्य में निगम, मंडलों, आयोगों, बोर्डों और प्राधिकारणों में जल्द ही कांग्रेस के नए नेताओं को मौका मिलने वाला है। इस महत्वपूर्ण उलटफेर में बस्तर संभाग भी अछूता नहीं रहेगा। बस्तर में आदिवासियों की बहुलता और पर्यटन स्थलों की भरमार है। लिहाजा पर्यटन मंडल, इंद्रावती विकास प्राधिकरण, आदिवासी विकास प्राधिकरण और हस्तशिल्प विकास बोर्ड में फिलहाल काबिज नेताओं की छुट्टी हो सकती है। उनकी जगह नए चेहरों को मौका मिलेगा। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस बाबत रुपरेखा तैयार और जिन्हें मौका दिया जाना है, उन नामों को फाइनल कर लिया है, बस घोषणा का इंतजार है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज की अध्यक्षता में हुई पीसीसी कार्यकारिणी की बैठक में निगम, प्राधिकारणों, आयोगों, मंडलों, बोर्डों के अध्यक्ष पदों व सदस्यों के लिए नए चेहरों के नाम तय कर लिए गए हैं।घोषणा जल्द की जाने वाली है। बैठक में विधानसभा चुनावों के लिए राज्य की सभी 90 सीटों हेतु प्रत्याशी चयन समेत अन्य मापदंडों, चुनाव घोषणा पत्र को लेकर भी चर्चा हुई। इसके लिए राज्य के नवगठित पांच जिलों के लिए कांग्रेस अध्यक्षों के नाम फाइनल कर लिए गए हैं। इसकी भी घोषणा जल्द कर दी जाएगी। सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी पीसीसी के इनमें से ज्यादातर फैसलों पर सहमति दे दी है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के ये ताजा फैसले बस्तर संभाग के लिए इसलिए अहम हैं, क्योंकि यहां पचासों पर्यटन स्थल उपलब्ध हैं, आदिवासी आबादी की बहुलता है और बस्तर की जीवन दायिनी नदी इंद्रावती संभाग की वादियों में हिलोरें मारती और वादियों को हराभरा करती हुई पड़ोसी राज्य ओड़िशा की धरा को भी प्राण दान देती है, आप्लावित करती है। बस्तर के आदिवासियों के कल्याण के लिए राज्य शासन ने बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण का गठन किया है। वहीं बस्तर में पर्यटन की भी अपार संभावनाएं हैं। इंद्रावती टाइगर रिजर्व, एशिया के सबसे ऊंचा वाटर फाल चित्रकोट जल प्रपात, तीरथगढ़ जल प्रपात, विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा, अति प्राचीन कोटमसर गुफा, केशकाल वेली जैसे अनगिनत पर्यटन स्थलों को बस्तर की वादियां अपने दामन में समेटे हुए है। इन पर्यटन स्थलों का दीदार करने हर साल देश विदेश से हजारों पर्यटक बस्तर आते हैं और कई दिनों तक यहीं रुके रहते हैं। इससे राज्य सरकार को करोड़ों रुपयों के राजस्व की प्राप्ति होती है, हजारों लोगों को रोजगार मिलता है और होटल समेत दीगर व्यवसाय समृद्ध हो रहे हैं।

इन नेताओं की हो सकती है छुट्टी

वर्तमान में इंद्रावती विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उपाध्यक्ष बस्तर जिला शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजीव शर्मा हैं। इंद्रावती बेसिन विकास प्राधिकरण में बतौर सदस्य जगदलपुर के वरिष्ठ कांग्रेस नेता मलकित सिंह गैदू नमित हैं। इस प्राधिकरण के उपाध्यक्ष राजीव शर्मा का कार्यकाल अभी बाकी है। उन्हें यथावत रखा जाएगा। वहीं सदस्य मलकित सिंह गैदू को संगठन में कोई बड़ा दायित्व दिया जा सकता है। सूत्रों की मानें तो उन्हें चुनाव घोषणा पत्र समिति में भी जगह मिल सकती है। ग्रामीण इलाकों के कुछ आदिवासी नेताओं को इंद्रावती बेसिन विकास प्राधिकरण में नमित किया जा सकता है। इसी तरह पर्यटन मंडल में इस बार बस्तर के ही किसी पढ़े लिखे नेता को अध्यक्ष तथा आदिवासी नेताओं को सदस्य नियुक्त किया जा सकता है। अनुसूचित जनजाति आयोग में भी बस्तर के ही बड़े आदिवासी नेता को अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी मिल सकती है। बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष पद का दायित्व फिलहाल बस्तर के विधायक लखेश्वर बघेल सम्हाल रहे हैं। इस प्राधिकरण में बीजापुर के विधायक विक्रम मंडावी समेत संभाग के कुछ अन्य विधायक सदस्य हैं। पद परिवर्तन की कड़ी में डेसिंग पर्सनॉलिटी के युवा विधायक विक्रम मंडावी को प्रमोट कर आदिवासी विकास प्राधिकरण का अध्यक्ष बनाया जा सकता है। मंडावी जोश से लबरेज और निडर नेता हैं। वे नक्सलियों के निशाने पर हैं। एक बार उन पर नक्सली हमला भी कर चुके हैं, मगर इस हमले se बिना डरे विक्रम मंडावी तुरंत युवकों के साथ क्रिकेट खेलते नजर आए थे। वहीं बकावंड, भानपुरी, बस्तर ब्लॉक, करपावंड, तोकापाल, लोहंडीगुड़ा, उसरीबेड़ा, नगरनार, सुकमा, दंतेवाड़ा, बीजापुर, कोंटा, कांकेर, केशकाल, कोंडागांव, नारायणपुर व अन्य स्थानों के कांग्रेस नेताओं को बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण में सदस्य नियुक्त किए जाने की चर्चा है। बस्तर शिल्प पूरी दुनिया में मशहूर है। हस्तशिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष पद पर अभी नारायणपुर के विधायक चंदन कश्यप काबिज हैं। उनकी जगह चित्रकोट के विधायक राजमन बेंजाम या अंतागढ़ के विधायक अनूप नाग को यह जिम्मेदारी दी जा सकती है। राजमन बेंजाम उप चुनाव में विधायक निर्वाचित हुए हैं।

मलकित सिंह गैदू को मिलेगी बड़ी जिम्मेदारी

मलकित सिंह गैदू बस्तर जिले में कांग्रेस के इकलौते बड़े चेहरे हैं। वे पूर्व में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री रह चुके हैं। उन्हें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज की कार्यकारिणी में महासचिव या पर्यटन मंडल का अध्यक्ष बनाया जा सकता है। मलकित सिंह संगठन के कार्यों में हमेशा बढ़ चढ़कर योगदान देते आ रहे हैं। बस्तर सांसद दीपक बैज के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद से ही गैदू लगातार बैज के साथ साये की तरह रहकर दौरा कर रहे हैं। बस्तर जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में उनकी समान लोकप्रियता है। संगठन में किसी पद पर न रहते हुए भी वे आम लोगों के बीच जाकर भूपेश बघेल सरकार की लोक कल्याणकारी योजनाओं और कांग्रेस की विचारधारा व सिद्धांतों का प्रचार करते रहते हैं। इसलिए संभावना है कि उन्हें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज कोई बड़ी जिम्मेदारी जरूर सौंप सकते हैं।