(अर्जुन झा)
जगदलपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बस्तर के नगरनार स्टील प्लांट के निजीकरण का मुद्दा उठाकर भाजपा की कमजोर नब्ज दबा दी है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बस्तर सांसद दीपक बैज की मौजूदगी में मुख्यमंत्री ने राजधानी में बस्तर के यह संवेदनशील मुद्दा उठाते हुए कहा है कि छत्तीसगढ़ में बना नगरनार स्टील प्लांट एक सार्वजनिक उपक्रम है, उसे भी अब बेचने की तैयारी मोदी सरकार कर रही है। देश की पांच बड़ी कंपनियां इसमें आवेदन लगा के रखी हुई हैं, वह बोली लगाएंगे जबकि हम शुरू से इसका विरोध करते आ रहे हैं। छत्तीसगढ़ में ही सेल के अंतर्गत आने वाला भिलाई स्टील प्लांट आज मुनाफा देने वाला संस्थान है। बैलाडीला में एनएमडीसी का जो उपक्रम चल रहा है वह भी देश को फायदा देता है। नगरनार प्लांट भी सिस्टर कंसर्न है। जब शुरू में यह बात सामने आई थी तब भी हम ने इसका विरोध करते हुए बस्तर की जनता का साथ देते हुए कहा था कि यदि एनएमडीसी नगरनार संयंत्र चला पाने में असमर्थ है तो इसको सेल को दे दिया जाए। राज्य सरकार इसमें पूरा समर्थन और सहयोग करेगी। हमने यह भी कहा था कि राज्य सरकार चलाएगी और इसे विधानसभा में पारित किया है कि राज्य सरकार भी इसे चला सकती है लेकिन अभी जो नियम शर्तें मोदी सरकार ने इस में रखी हैं इसमें हमें बाहर कर दिया गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि बस्तर की भावनाएं जुड़ी हुई हैं। बस्तर के लोगों की भावनाएं इसमें जुड़ी हैं। हम बस्तर के साथ हैं और इसकी बिक्री हम नहीं होने देंगे।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रायपुर हेलीपैड पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि आज राजीव गांधी जी की जयंती है। हर वर्ष हम लोग इस जयंती को मनाते हैं। उनके नाम से राजीव गांधी किसान नया योजना जो हमारी सरकार ने चलाई है उसकी राशि का अंतरण करते हैं। आज भी एक बड़ी राशि का अंतरण किसानों के खातों में गया है। एक अच्छी सोच के तहत राजीव गांधी को याद करते हुए इस काम को किया जाता है। राहुल गांधी की लद्दाख यात्रा पर उन्होंने कहा कि राहुल जी आज लद्दाख में हैं जो चारागाह की जमीन लद्दाख क्षेत्र में थी, आज वहां का निवासी उस जगह पर नहीं जा पा रहा है। राहुल जी ने लगातार देश हित में यह बात की थी कि चाइना भारत की जमीन को अतिक्रमण कर रहा है लेकिन मोदी सरकार चुप है। भारतीय जनता पार्टी का चाल चरित्र आज पूरे देश में उजागर हो चुका है। गौरतलब है कि बस्तर सांसद के तौर पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज नगरनार बचाने के लिए लगातार आवाज बुलंद करते रहे हैं और उन्होंने इसे निजी हाथों में जाने से रोकने दिल्ली में हर स्तर पर प्रयास किया है। इसी तरह छत्तीसगढ़ शासन के संसदीय सचिव व जगदलपुर विधायक रेखचंद जैन बस्तर सांसद दीपक बैज के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलते हुए नगरनार संयंत्र बचाओ अभियान में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। वे नगरनार संयंत्र को निजी हाथों में देने का कड़ा विरोध कर रहे हैं। बस्तर सांसद बैज और बस्तर मुख्यालय जगदलपुर के विधायक के साथ पूरे बस्तर के कांग्रेसी और बस्तर की जनता लामबंद है। ऐसे में आने वाले चुनाव में नगरनार भी बस्तर में बड़ा मुद्दा होगा।