- व्यस्त सड़क पर रोजाना लगाई जाती हैं दुकानें
- मछली और मांस की दुकानों से निकलने वाले अवशेष फेंक दिए जाते हैं आसपास
बकावंड विकासखंड मुख्यालय बकावंड के मेन रोड पर रोजाना लगने वाला बाजार खतरों का बाजार बन गया है। इस सड़क पर दिनभर भारी वाहनों की आवाजही होती है और हर पल दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। मांस, मछली का धंधा करने वाले लोग मुर्गे, मछलियों के अवशेष को आसपास ही फेंक देते हैं, जिन्हें खाने के लिए कुत्तों का जमघट लगा रहता है। ये अवशेष बस्ती में प्रदूषण भी फैला रहे हैं।
बकावंड की मेन रोड बस्ती के बीच से गुजरी है। इस रोड पर हाईवा, ट्रक जैसे भारी वाहनों की सुबह से देर रात तक आवाजाही होती रहती है। इसी सड़क के दोनों किनारों पर सब्जी, चिकन, मछली, मांस मटन, जनरल सामान आदि की दुकानें रोज लगाई जाती हैं। व्यापारी अपने सामानों को सड़क पर फैलाकर रखते हैं। इस वजह से सड़क काफी संकरी हो जाती है और आवागमन में दिक्कत होती है।सड़क पर से बड़ी गाड़ियों को गुजरने में कठिनाई होती है। यह सड़क सुबह से देर शाम तक बहुत ज्यादा व्यस्त रहती है। प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक शालाओं तथा महाविद्यालय के सैकड़ों विद्यार्थी इसी सड़क से आवाजाही करते हैं। वाहनों की रफ्तार काफी तेज रहती है और अनियंत्रित तरीके से उन्हें चलाया जाता है। इसके कारण हमेशा दुर्घटना का भय बना रहता है। कई बार विद्यार्थी वाहनों की ठोकर से घायल भी हो चुके हैं। ऐसे में भारी वाहन दुकानदारों और राहगीरों को कब कुचलते हुए निकल जाएं, कहा नहीं जा सकता। कुछ माह पहले अतिक्रमण हटाने के नाम पर तहसीलदार ने मुख्य सड़क से लगी दो-तीन दुकानों पर कार्रवाई भी की थी, लेकिन अब फिर पुराना ढर्रा शुरू हो गया है। व्यापारी रोड पर बैठकर दुकान चलाना का नही छोड़ रहे हैं। प्रशासन, गांव के सरपंच व सचिव कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं।
*आवारा कुत्तों का जमघट भी
रोड पर ही मुर्गी मछली की भी दुकानें लगाई जाती हैं। दुकानदार मुर्गो और मछलियों को काटने के बाद उनके पंख, पैर व अन्य अवशेष आसपास ही फेंक देते हैं। इनकी बदबू से लोग हलाकान होते रहते हैं। वहीं मांस, मछलियों के काटकर फेंके गए बेकार अंगों को खाने के लिए वहां आवारा कुत्तों का दिनभर जमघट लगा रहता है। ये कुत्ते हिंसक और आक्रामक हो चले हैं तथा राह से गुजरते बच्चों को काटने के लिए दौड़ाते हैं। ये कुत्ते कई लोगों पर हमला भी कर चुके हैं। कुछ दुकानदारों ने सरकारी जमीन पर कब्जा कर दुकानें बना ली हैं तथा कुछ लोगों ने ग्राम पंचायत की दुकानों पर कब्ज कर लिया है, बावजूद वे सड़क पर ही धंधा कर रहे हैं।