आदिवासी मंत्री टुडू की बैठक से दूर रहे भाजपाई

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  •  मोदी के स्वागत को लेकर सामने आई नाराजगी

जगदलपुर आदिवासी हितैषी होने का दावा करने वाली भाजपा की पोल तब खुल गई, जब भाजपा नेताओं ने अपने ही आदिवासी केंद्रीय मंत्री विश्वेश्वर टुडू द्वारा आहूत बैठक का बहिष्कार कर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत करने वालों की सूची में नाम न होने से नाराज पार्टी नेताओं ने ऐसा कदम उठाया।
आदिवासी समुदाय से आने वाले मंत्री टुडू का विरोध इसलिए किया गया कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से स्थानीय नेताओं को नहीं मिलवाया, जबकि चापलूस किस्म के लोग मोदी से मिलकर फोटो वायरल करते रहे। केंद्रीय जलशक्ति राज्यमंत्री विश्वेश्वर टुडू दो दिवसी यबस्तर दौरे पर पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने बीजेपी के शक्ति केंद्र प्रभारियों की बैठक आहूत की थी। कथित रूप से उपेक्षित शक्ति केंद्र प्रभारियों ने केंद्रीय मंत्री की बैठक का बहिष्कार कर दिया। पार्टी का झंडा उठाने वाले समर्पित कार्यकर्ताओं का नाम 3 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के दौरान उनसे मुलाकात करने वालों की सूची में नहीं था।

इसके कारण वरिष्ठ कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों की उपेक्षा से पार्टी के जमीनी कार्यकर्ता नाराज हो गए और उन्होंने आदिवासी केंद्रीय मंत्री की बैठक का बहिष्कार कर दिया।प्रधानमंत्री के दौरे के दौरान भाजपा जिला संगठन और बस्तर के वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी और समाज प्रमुखों की मुलाकात प्रधानमंत्री के साथ तय की थी। सूची में नेताओं के परिजनों और ऐसे लोगों के नाम थे, जो नेताओं की परिक्रमा करते रहते हैं। ऐसे लोगों का बीजेपी से कोई वास्ता ही नहीं है। इससे कार्यकर्ता खुद को उपेक्षित महसूस करने लगे। उन्हें इस बात का मलाल था कि शीर्ष नेताओं से मुलाकात का समय आता है, तो हमारी उपेक्षा कर चापलूसों को आगे बढ़ा दिया जाता है। प्रधानमंत्री की सभा के लिए भीड़ जुटाने का कार्य यही उपेक्षित कार्यकर्त्ताओं और नेताओं ने किया था। उन्हें उपेक्षित रखा गया, जो कई वर्षों से पार्टी की सेवा करते आ रहे हैं। इन कार्यकर्ताओं को भी प्रधानमंत्री के से मिलने का अवसर नहीं प्रदान किया गया और ऐसे लोगों को प्रधानमंत्री से मिलने का पास उपलब्ध करवाया गया, जो कनिष्ठ कार्यकर्ता की श्रेणी में आते हैं।