- विरोध के चक्कर में संतोष पर हो सकती है कार्रवाई
- सामू की तरह लग सकती है कमलचंद्र भंजदेव की लाटरी
रायपुर बस्तर संभाग की जगदलपुर विधानसभा सीट से भाजपा के पूर्व विधायक और कुछ भाजपा नेताओं ने 2013 में कांग्रेस द्वारा की गई गलती दोहरा दी है। मामला तूल पकड़ चुका है और रिपोर्ट दिल्ली तक जा चुकी है। प्रायोजित विरोध पूर्व भाजपा विधायक पर भारी पड़ सकता है। पूर्व विधायक पर अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है और कमलचंद्र भंजदेव की लॉटरी लगने की संभावना बढ़ गई है।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मुख्यालय कुशाभाऊ ठाकरे भवन में टिकट वितरण को लेकर उहापोह की स्थिति निर्मित हो गई है। जगदलपुर विधानसभा क्षेत्र के कुछ भाजपा कार्यकर्त्ताओं के हंगामा खड़ा कर दिया था। इसके बाद संगठन मंत्री पवन साय ने कुछ लोगों से गोपनीय चर्चा की तो खुलासा हुआ कि हंगामा करने वालों को पूर्व विधायक संतोष बाफना ने भेजा था। हंगामे में शामिल कुछ लोगों ने इस आशय की स्वीकारोक्ति पवन साय के समक्ष भी की और बताया कि उन्हें पूर्व विधायक ने भेजा था। इन लोगों ने ऐसी ही जानकारी प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव और डॉ. रमनसिंह को भी दी। इससे अनुशासनहीनता परिलक्षित हो गई। इस कदम को भारतीय जनता पार्टी के संविधान के विपरीत मानते हुए मामले की शिकायतें दिल्ली मुख्यालय तक किए जाने की भी चर्चा है। संगठन से जुड़े एक बड़े नेता ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि चौंकाने वाले नाम सामने आएंगे। बस्तर संभाग की एकमात्र सामान्य विधानसभा सीट जगदलपुर से करीब 600 बाफना समर्थक कार्यकर्ताओं ने रायपुर पहुंचकर किरण देव को प्रत्याशी बनाए जाने का विरोध किया। बाफना समर्थकों को उनके विश्वस्त लोगों ने फंडिंग की थी। फंडिंग करने वालों में शहरी और ग्रामीण दोनों थे। बाफना समर्थक प्रदेश भाजपा कार्यालय में प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव के तथा पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. रमन सिंह से भेंटकर संभावित सूची में आए किरण देव के नाम का विरोध कर वापस जगदलपुर जा चुके हैं। बाफना के इस कृत्य की जानकारी प्रदेश संगठन ने दिल्ली भेज दी है और अब चौंकाने वाले नाम को आगे बढ़ाया जा सकता है। ज्ञात हो कि 2013 में कांग्रेस पार्टी के लोगों ने ठीक इसी अंदाज में गजराज पगारिया के नाम का विरोध किया था। उसके बाद सामू कश्यप की लाटरी लग गई थी। अब यह कहा जा रहा है कि यदि जगदलपुर सीट से किरण देव का नाम कटता है, तो 27440 हजार वोटों से हार का स्वाद चख चुके संतोष बाफना की जगह महाराज कमलचंद्र भंजदेव को टिकट दिया जा सकता है।