मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में प्रसूता से अमानवीय बर्ताव

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  •  सिजेरियन के बाद वार्ड में शिफ्ट करते समय कर्मियों ने दिखाई संवेदनहीनता
  • ऑपरेशन से हुई डिलवरी, दर्द से तड़पती रही महिला

जगदलपुर डिमरापाल स्थित शासकीय मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल में में एक प्रसूता महिला के साथ अमानवीय बर्ताव किए जाने की घटना सामने आई है। ऑपरेशन से डिलवरी कराने के बाद दर्द से तड़पती महिला को दूसरे वार्ड में शिफ्ट करने के दौरान स्टाफ नर्स और वार्ड आया ने गंभीर लापरवाही बरती। पीड़ा से बेहाल महिला को बेड उपलब्ध कराने के बजाय घंटों व्हील चेयर पर बिठाए रखा गया।

बीते 8 दिसंबर को बस्तर जिले के अति संवेदनशील क्षेत्र कोलेंग निवासी सीतावती नाग को डिलवरी हेतु मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में एडमिट किया गया। उसका जटिल ऑपरेशन के बाद प्रसव हुआ। महिला को दूसरे दिन लेबर वार्ड से प्रसूति वार्ड में शिफ्ट करने के दौरान परिजनों से ही कह दिया गया कि मरीज को बेड से उठाकर व्हील चेयर पर बिठाओ। मौजूद कर्मियों ने महिला को स्ट्रेचर से ले जाने की जरूरत नहीं समझी। जबकि उस समय महिला की स्थिति काफी नाजुक थी और दर्द से कराह भी रही थी। परिजनों के आपत्ति करने पर नर्स और आया उनसे बदसलूकी पर उतर आए। जब दूसरे वार्ड में प्रसूता महिला को पहुंचाय गया, तो वहां कोई स्टाफ नर्स उपलब्ध नहीं थी। वार्ड आया मरीज को उसी हालात में व्हील चेयर पर छोड़कर मरीज़ के परिजनों से यह कहते हुए चलती बनी कि तुम लोग बेड पर अपनी चादर बिछाओ और मरीज को उठाकर खुद ही बेड पर रखो, यहां चादर नहीं मिलेगी। इस प्रकार लगभग 10 मिनट तक डिलवरी मरीज व्हील चैयर में दर्द से परेशान होती बैठी रही। पीड़िता के परिजनों ने स्टाफ नर्स के वार्ड में नहीं होने से हताश होकर मोबाइल फोन से वीडियो बनाकर सामाजिक कार्यकर्ताओं के माध्यम से मेडिकल कॉलेज के डीन को भेज दी। इसी बीच पहुंची स्टाफ नर्स परिजनों को डांटते हुए कहने लगी कि इस वक्त रात 8 बजे मरीज को तुम लोग वार्ड में लाओगे, तो कोई नहीं देखेगा। जब मामला डीन तक पहुंचा तो स्टॉफ नर्स एक दूसरे पर दोषारोपण करने लगीं। ड्यूटी पर तैनात नर्स, आया, वार्डबॉय में तालमेल का अभाव भी देखा गया। वार्ड में तैनात नर्स ने 10 दिसंबर को सुबह 7 बजे ट्रीटमेंट के दौरान महिला के परिजनों से दुर्व्यवहार करते हुए कहा कि तुम लोग वीडियो बनाकर शिकायत करते हो, अभी दवाई दे रही हूं, फिर से वीडियो बनाकर भेजो।