एटीएम से 25 लाख पार करने वाला 10 साल बाद धराया

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  • अपने भाई के साथ एटीएम में बैंक की रकम डालने का काम करता था यह शातिर
  •  दोनों भाईयों ने मिलकर दिया था वारदात को अंजाम
    बकावंड एटीएम में कैश भरने वाले ने ही अपने भाई के साथ मिलकर एटीएम से करीब 25 लाख रुपए पार कर दिए और दस साल तक वह ऐश करता रहा। अंततः दस साल बाद वह पुलिस के हत्थे चढ़ ही गया।
    आरोपी जावेद अली और इरफान अली लाजिकैश कंपनी के के कर्मचारी थे और काम नगरनार, बकावंड तथा जगदलपुर के एटीएम में कैश डालने का काम करते थे। ये दोनों आपस में भाई हैं, लेकिन कंपनी प्रबंधन को अपने रिश्ते के बारे में अंधेरे में रखकर उन्होंने नौकरी पा ली थी। इसी का फायदा उठाते हुए दोनों भाइयो ने एटीएम के पैसे को चोरी करने के नियत से योजना बनाई और 11जुलाई 2014 को जावेद अली ने स्टेट बैंक के शाखा प्रबंधक से 19 लाख रुपए लेकर उसे बकावंड स्थित एटीएम में दोपहर के वक्त डाला और फिर शाम को पुनः उसी एटीएम में जा पहुंचा और वहां लगे सीसीटीवी कैमरे में स्प्रे डालकर उसमें रखे 24 लाख 8 हजार 600 रुपए को चोरी कर ले गया। दोनों भाईयों ने चोरी की रकम को आपस में बांट लिया। विवेचना के दौरान आरोपी जावेद अली गिरफ्तार हो चुका था एवं उसका भाई आरोपी इरफान अली फरार हो गया था।
    विगत 10 वर्षो से पेंडिग प्रकरण को निपटाने उप महानिरीक्षक व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जितेंद्र सिंह मीणा ने थाना प्रभारी बकावंड निरीक्षक दिनेश यादव के नेतृत्व में टीम गठित कर आरोपी को शीघ्र पकड़ने निर्देशित किया था।करने पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक माहेश्वर नाग, पुलिस अनुविभागीय अधिकारी भानपुरी घनश्याम कामड़े व नगर पुलिस अधीक्षक जगदलपुर विकास कुमार के मार्गदर्शन में इरफान अली की लगातार पतासाजी की जा रही थी। 22 दिसंबर को मुखबिर से सूचना मिली कि इरफ़ान अली जगदलपुर मे घूम रहा है। उसके बाद बकावंड से गई पुलिस टीम ने आरोपी को जगदलपुर के बस स्टैंड तिराहा के पास स्कूटी मे घूमते हुए पकड़ लिया। पुलिस को देखकर भाग रहे इरफ़ान को दौड़ाकर पकड़ा गया। पूछताछ में आरोपी ने अपने भाई को अपना गोपनीय पासवर्ड बताकर घटना करना कबूल किया।आरोपी इरफ़ान अली को ज्यूडिशियल रिमांड पर भेजा गया है। आरोपी को पकड़ने में बकावंड थाने के प्रधान आरक्षक मोहन कश्यप, आरक्षक राहुल नेताम, दीजिंद्र शुक्ला, जगत कश्यप, केशव राणा, अमृत कुजूर, भीष्म ठाकुर की भूमिका सराहनीय रही।