साय सरकार की छवि बिगाड़ रहे आरआईडीसी के एमडी

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  • ठेकेदारों का भुगतान रोक मजदूरों को तरसा रहे हैं पाई- पाई के लिए

रायपुर छत्तीसगढ़ रोड इंफ्रा स्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (सीजी आरआईडीसी) के प्रबंध निदेशक सारांश मित्तल की कार्यप्रणाली से नई नवेली भाजपा सरकार की छवि धूमिल हो रही है। बिना किसी ठोस वजह के ठेकेदारों का भुगतान रोक दिया गया है।कहा जा रहा है कि एक राजनीतिक पार्टी को लाभ पहुंचाने के लिए एमडी द्वारा भुगतान लंबित रखा गया है। सीजी आरआईडीसी के अधीन सड़क निर्माण कार्य मे लगे पचासों ठेकेदारों की भुगतान राशि जो करीब 250 से 300 करोड़ की है, बिना कारण के रोके रखा गया है। ठेकेदार जब भुगतान की फरियाद लेकर पहुंचते हैं, तो एमडी के अधीनस्थ अधिकारियों का कहना होता है कि साहब अभी चुनावी कार्य देख रहे है। उससे निपटते ही इस इस मामले पर ध्यान देंगे। इस विभाग में कार्य कर रहे वरिष्ठ ठेकेदारों का कहना है कि इतना निष्ठुर अधिकारी हमने कभी नहीं देखा, जो पार्टी विशेष को लाभ पहुंचाने उस पार्टी की ओर झुके जा रहा है।

अब सरकार बदलने के बाद भी वह पिछली सरकार की दलाली की भरपाई हमारे माध्यम से बिल रोक कर करना चाह रहे हैं। बस्तर, सरगुजा, राजनांदगांव जैसे नक्सल प्रभावित इलाकों के ठेकेदार भुगतान नहीं हो पाने के कारण अपना घरबार बेचने को विवश हो गए हैं। इन ठेकेदारों को अपने कर्मचारियों के वेतन व मजदूरों के पारिश्रमिक भुगतान के लिए या तो मोटी ब्याज दर पर साहूकारों से कर्ज लेना पड़ रहा है या फिर अपना घर व अन्य चल अचल संपत्ति गिरवी रखनी पड़ रही है या बेचनी पड़ रही है। ज्यादातर ठेकेदारों की आर्थिक स्थिति बुरी तरह खराब हो चली है। मगर साहब को उनकी हालत पर जरा भी तरस नहीं आ रही है। वे तो बस अपने एक ही एजेंडे पर चल रहे हैं कि ठेकेदारों को भुगतान नहीं होगा, तो उनके मजदूर और कर्मचारी राज्य की भाजपा सरकार से नफरत करने लगेंगे और उन्हें कांग्रेस को हराने का पछतावा होगा। इस तरह ये अधिकारी भाजपा सरकार को बदनाम कर कांग्रेस को उपकृत करने में लगे हुए हैं।

उभर रहा है सरकार के प्रति आक्रोश
घरबार और चल अचल संपत्ति बेचकर भी अनेक ठेकेदार अपने कर्मचारियों व मजदूरों को वेतन व मजदूरी का पूरा भुगतान नहीं कर पा रहे हैं। जिन व्यापारियों से ठेकेदारों ने सामग्री व उपकरण खरीदे हैं, उनका भी भुगतान नहीं हो पा रहा है। मजदूरों में यह बात घर करने लगी है कि भाजपा से तो बेहतर कांग्रेस की सरकार थी। कांग्रेस के शासन काल में मजदूरी का भुगतान हो तो जाता था। मजदूरों में छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार के प्रति तीव्र असंतोष पनपने लगा है। मजदूर तो अभी से कहने लगे हैं कि अगले चुनाव में भाजपा को सबक सिखाएंगे।