धान की सूखत के नाम जारी है किसानों से खुली लूट

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  • कचनार केंद्र में लिया जा रहा है 4 किलो ज्यादा धान
  •  केंद्र प्रभारी करती हैं किसानों से अभद्र व्यवहार
    अर्जुन झा

बकावंड धान की सूखत के बहाने किसानों से लूट का खुला खेल चल रहा है। बस्तर जिले के अधिकतर धान खरीदी केंद्रों में प्रति बोरा चार किलोग्राम तक अतिरिक्त धान तौला जा रहा है। बकावंड विकासखंड अंतर्गत कचनार स्थित धान खरीदी केंद्र में भी किसानों से जमकर ठगी की जा रही है। सूखत के नाम पर तराजू के धान वाले पलड़े को इतना ज्यादा झुका दिया जा रहा है कि किसानों की कमर टूटने लगी है। धान खरीदी केंद्र प्रभारी एवं प्रबंधक की मिलीभगत से किसानों के धान को अधिक मात्रा में तौलकर प्रत्येक धान बोरे में एक से चार किलोग्राम तक का ज्यादा धान लिया जा रहा है। किसानों से ठगी के इस खेल को धान खरीदी केंद्र प्रभारी व लेंपस प्रबंधक उच्च अधिकारियों की मिलीभगत से अंजाम देते आ रहे हैं। 80 किलोग्राम की भर्ती वाले बोरे में 84 किलोग्राम धान तौलकर मात्र 80 किलोग्राम ही खरीदी रजिस्टर में दर्ज किया जा रहा है। जो किसान अतिरिक्त धान तौले जाने का विरोध करते हैं, उन्हें डराया धमकाया जाता है। उनके धान को ज्यादा नमी वाला तथा गुणवत्ता विहीन बताकर रिजेक्ट कर दिया जाता है। ऐसे में दूर दराज के गांवों से धान बेचने पहुंचे किसान मजबूर होकर खरीदी केंद्र प्रभारी के सामने आत्म समर्पण कर देते हैं। खरीदी केंद्र प्रभारी के इस रवैए को लेकर किसानों में गहरी नाराजगी देखी जा रही है।

खप रहा है कोचिंयों का धान
कचनार गांव ओड़िशा की सीमा से लगा हुआ है। कचनार समेत आसपास के तथा ओड़िशा के गांवों में दर्जनों धान कोचिया सक्रिय हैं। स्थानीय कोचिए जरूरतमंद ग्रामीणों से 50 किलोग्राम से लेकर दो ढाई क्विंटल तक धान खरीद खरीद कर इकट्ठा कर लेते हैं और ज्यादा मात्रा में धान संग्रहित हो जाने पर उसे कचनार के खरीदी केंद्र में खपा देते हैं। इसी तरह ओड़िशा के कोचिए और व्यापारी वहां से ट्रेक्टरों व पिकअप वाहनों में भरकर लाए गए धान को इस खरीदी केंद्र में आसानी से बेच लेते हैं। उनके धान को स्थानीय किसानों के नाम पर खरीदा जाता है। इस तरह खरीदी केंद्र प्रभारी व प्रबंधक लाखों के वारे न्यारे कर रहे हैं। बीते वर्ष भी कचनार खरीदी केंद्र में इसी तरह गोलमाल किया गया था।खरीदी केंद्र प्रभारी ललिता राव चर्चा करने पर वे इस संवाददाता पर ही बिफर पड़ी। वे धमकाते हुए कहने लगीं कि कि आप हमारे धान खरीदी केंद्र में किसका परमिशन लेकर घुसे हो, आपके संपादक कौन हैं, बताओ। खरीदी केंद्र प्रभारी अपने स्टॉफ और किसानों से भी अभद्र व्यवहार करती हैं। खरीदी केंद्र प्रभारी के इस बेरूखे व्यवहार से किसान व स्टाफ भी परेशान हैं। खरीदी प्रभारी ने यह भी कहा कि कोई भी आए पहले परिचय देते हैं उसके बाद खरीदी केंद्र में घुसते की इजाजत दी जाती है। बाद में थोड़ा नरम पड़ते हुए खरीदी केंद्र प्रभारी ने कहा कि थोड़ा बहुत तो झूकत लेना पड़ता है। बाद में धान सूख जाता है तो इसकी भरपाई कैसे होगी? वहीं जिला सरकारी बैंक के मैनेजर श्री पांडे ने ज्यादा अतिरिक्त धान तौले जाने के सवाल का कोई जवाब नहीं दिया।
वर्सन
पता करवाता हूं
सूखत की वजह से तय मात्रा में ही अतिरिक्त धान लिया जाता है। अगर कचनार खरीदी केंद्र में ज्यादा अतिरिक्त धान लिया जा रहा है, तो पता करवा लूंगा।
-श्री नायक
लेंपस प्रबंधक, कचनार