- दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष पन्नालाल की पत्रवार्ता
जगदलपुर सर्व आदि दल ने विधानसभा चुनाव में ग्यारह प्रत्याशी उतारे थे। निर्वाचन आयोग में दल का पंजीयन 16 अक्टूबर को हुआ, पर चुनाव चिन्ह नहीं मिला। मात्र तीन सप्ताह और शून्य अर्थव्यवस्था के बावजूद पार्टी का प्रदर्शन बहुत ही उत्साहजनक रहा।
उक्त बातें सर्व आदि दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष पन्नालाल ने यहां पत्रवार्ता में कहीं। उनके साथ दल के अंकुश बारिएकर, रामू यादव, ढंकेश्वर साहू, सुभाष महानंद व अमित रॉबर्ट भी मौजूद थे। पन्नालाल ने कहा कि प्रत्याशियों ने बस्तर क्षेत्र की 9 सीटों पर 80, 669 वोट प्रभावित किए तथा ग्यारह सीटों पर 1लाख 14 हजार 286 मतदाताओं को परंपरागत वोटिंग से हटाया।
सरगुजा में इसाई लामबंद
सरगुजा क्षेत्र में इसाई समाज लामबंद हुआ है। अब तक इसाई समाज में आम सहमति से परंपरागत वोटिंग होती थी। 2023 के चुनाव में समाजिक चर्चाओं के बाद चर्च राजनीति से दूर रहा। सक्षम अगुओं की बातें स्वीकार्य रहीं। कांग्रेस पार्टी से ईसाई समाज की नाराज़गी की वजह लाशों को उखाड़े जाने, हत्याएं, हमले, धान लूट पर एफआईआर नहीं होन रही। कुनकुरी में समयाभाव के कारण लोक – स्वीकार्य प्रत्याशी चयन नहीं हो पाया। बाकी सीटों के पर्चे निरस्त हो गए।
कोंटा में डर का माहौल
पन्नालाल ने कहा कि चुनाव में ईसाई वोटरों पर जानलेवा हमले, कोंटा में नामांकन भर रहे दो प्रत्याशियों को हमलों के कारण भूमिगत होना पड़ा। बड़ी हिम्मत से तीसरा प्रत्याशी चन्नाराम ने पर्चा भरा। हथियार से लैस भीड़ ने वोट ना डालने की चेतावनी दी। दो जगहों पर करीब 25 एकड़ धान की खड़ी फसल लूटी गई। पुलिस से संरक्षण नहीं मिला। डर के माहौल के कारण नोटा में करीब 8 हजार वोट पड़ना अभूतपूर्व है। व्याप्त भय के कारण कई चर्च ने आम आदमी पार्टी की सदस्यता ले ली है। कांकेर में भाजपा 16 प्रतिशत अधिक वोटों से जीती, जबकि सर्व आदि दल को 1,506 मिले और कुल 4,235 वोटों को प्रभावित किया। केशकाल में भाजपा 5,560 से जीती सर्व आदि दल का प्रभाव 5,727 वोटों पर रहा। वहीं चित्रकोट में भाजपा 8,370 से जीती तथा ईसाई समाज के 10,398 परंपरागत वोट नहीं पड़े।
परंपरागत वोटिंग से दूर हुए ईसाई
राष्ट्रीय अध्यक्ष पन्नालाल ने कहा कि सरगुजा क्षेत्र में सर्व आदि दल के प्रचार ने ईसाई समाज को परंपरागत वोटिंग से अलग रखा। बस्तर के कोंटा में कांग्रेस 1,981 वोटों से जीती।भाजपा को 30,795 वोट मिले। सर्व आदि दल को 2,881 वोट मिले। अत्याचार के दौर में कांग्रेस की निष्क्रियता रही। भाजपा का नैतिक एवं संवैधानिक समर्थन मिलने से कोंटा का रुख बदल जाता। बस्तर सीट पर कांग्रेस की जीत 6,431 वोटों से हुई और सर्व आदि दल ने 6,539 वोटों को प्रभावित किया।
साय की बातों से समाज खुश
सर्व आदि दल के नेताओं ने कहा कि नारायणपुर दंगों के दौर में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के बयान ‘सिर्फ 2 प्रतिशत के लिए बाकियों को नाराज नहीं कर सकते’ और अल्पसंख्यक आयोग में समाज के सदस्य को स्थान नहीं देना नाराजगी का कारण था। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस संवैधानिक और सेक्युलर मूल्यों को पुनः स्थापित करे। तभी वह कुछ हासिल कर पाएगी। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने धर्मातरण के मुख्य कारण गरीबी, मूलभूत सुविधाओं और आत्म सम्मान के अभाव को खत्म करने की बात कही है और स्वैच्छिक धर्म मानने की आजादी को बरकरार रखने की घोषणा की है। इससे समाज में हर्ष व्याप्त है।