नारंगी नदी की रेत से खड़ी हो रही है भ्रष्टाचार की ईमारत

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  •  कोंडागांव जिले में रेत के अवैध खनन व परिवहन को खनिज विभाग की खुली छूट
  • बिना रायल्टी पटाए बड़े पैमाने पर रेत की निकासी
    -अमरेश झा-
    कोंडागांव जिले में रेत माफिया और खनिज विभाग का जंगल राज कायम हो गया है। नारंगी नदी की रेत से भ्रष्टाचार की ईमारत खड़ी की जा रही है। रेत माफिया को प्रशासन और खनिज विभाग ने खुली छूट दे रखी है। यही वजह है कि रेत घाटों से अवैध खनन का कार्य निर्बाध चल रहा है।
    रेत माफिया बिना रायल्टी पटाए रेत बेचकर शासन को राजस्व का चूना लगा रहे हैं। खनिज विभाग की उड़नदस्ता टीम रेत परिवहन में लगे वाहनों को जब्त कर कार्रवाई के नाम पर सिर्फ औपचारिकता निभा रही है। जबकि रेत घाटों में खनन में लगे वाहनों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।कोंडागांव जिले की एकमात्र मुख्य नदी नारंगी नदी के रेत घाटों को रेत खनन के लिए ठेके पर दिया गया है, लेकिन रेत घाटों के ठेकेदार ने खानापूर्ति करते हुए घाटों से माफियाओं के द्वारा रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है। नदी का सीना चीरकर सालभर तक रेत माफिया बिना रायल्टी के रेत खनन कर सरकार को लाखों रुपये का चूना लगा चुके हैं। यह खेल अभी भी अनवरत जारी है। जिले में रेत माफिया जिला प्रशासन के अधिकारियों पर भारी पड़ रहे हैं।काली रात में चलता है काला धंधा
    अवैध खनन और परिवहन के खिलाफ कार्रवाई केवल दिखावे के लिए की जा रही है। जिसके कारण बेखौफ होकर रेत माफिया खनन और परिवहन कर रहे हैं। पंचायत क्षेत्र के ग्रामीणों का तो यहां तक कहना है कि रोजाना इन घाटों से रात में भी बड़ी मात्रा में रेत खनन कर परिवहन किया जा रहा है। रात जब गहरा कर स्याह काली हो जाती है, तब रेत खनन एवं परिवहन का काला धंधा और भी तेज हो जाता है। खुलेआम हो रहे रेत खनन के खिलाफ खनिज विभाग द्वारा कार्रवाई नहीं की जाने से साफ जाहिर होता है कि रेत खनन और परिवहन खनिज विभाग के अधिकारियों के संरक्षण में चल रहा है।

    कलेक्टर को भी रखते हैं अंधेरे में
    कलेक्टर के निर्देश के बाद पिछले दिनों रेत परिवहन में लगे ट्रैक्टर को जब्त कर कार्रवाई की औपचारिकता निभाई गई थी। खनिज विभाग के अधिकारी कार्रवाई में दोहरा मापदंड अपना रहे हैं। वे कलेक्टर को भी अंधेरे में रखने का दुस्साहस करने लगे हैं। रेत माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करने में अधिकारियों के हाथ कांप रहे हैं। रेत ठेकेदार यदि बिना रायल्टी के नदी से उत्खनन कर रेते बेचेंगे ही नहीं, तो परिवहन भी नहीं होगा। रेत माफियाओं के हौसले इतने बुलंद है कि बंद रेत घाटों से रेत का खनन किया जा रहा है। वहीं खनिज व राजस्व विभाग के अधिकारी जानकारी के बाद भी मौके पर पहुंचकर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। ऐसे में खनिज विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से इंकार नहीं किया जा सकता है।