- जेसीबी से खोदवा रहे हैं तालाब, ट्रैक्टर से दुलाई
- गांव के मजदूरों को धेला भर काम नहीं दिया जा रहा
-अर्जुन झा-
बकावंड वन विभाग के बकावंड रेंज में पदस्थ अधिकारी शासकीय रकम की लूट में इस कदर लगे हुए हैं कि सरकारी कायदों का भी पालन नहीं कर रहे हैं। नाली निर्माण के बाद अब तालाब निर्माण में भी मजदूरों को रोजगार के अवसर से वंचित कर दिया गया है। तालाब खोदाई का काम मजदूरों से न कराकर जेसीबी से किया जा रहा है।
तालाब के अंदर से खोदाई में निकलने वाले पत्थर और मिट्टी की निकासी ट्रेक्टर के जरिए कराई जा रही है। कहा जा रहा है कि सरकारी रकम की बंदरबांट के लिए यह तरकीब निकाली गई है। जेसीबी और ट्रेक्टर के जरिए काम कराने से निर्माण जल्द पूरा हो जाता है और मस्टररोल में फर्जी हाजिरी को देखने का मौका ग्रामीणों को नहीं मिल पाता। हालांकि कहा तो यह भी जा रहा है कि फर्जी मस्टररोल में पहले से वन विभाग में पंजीबद्ध मजदूरों के नाम भरकर यह प्रदर्शित किया जाता है कि निर्माण कार्य मजदूरों के जरिए कराया गया है। इस तरह गरीब मजदूरों की मजदूरी छीनकर जेसीबी और ट्रेक्टर से काम लिया जा रहा है और अधिकारी जेब भर रहे हैं। केंद्र और राज्य की सरकारें मजदूरों को अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध कराने के लिए विभिन्न निर्माण कार्यों में मानव श्रम शक्ति के उपयोग को प्राथमिकता दे रही हैं, मगर शासन की महत्वाकांक्षी योजनाओं को पलीता लगाने और मंशा पर पानी फेरने एवं मजदूरों का रोजगार छीनने का काम वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी कर रहे हैं। बकावंड वन परिक्षेत्र के अधिकारी भी हर निर्माण कार्य में यही नीति अपनाते चले आ रहे हैं। वन विभाग के बकावंड रेंज के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत संत करमरी में वन विभाग द्वारा कैंपा मद से ताला बनिर्माण का कार्य कराया जा रहा है। इस कार्य में वन विभाग के अधिकारी एवं ठेकेदार स्थानीय ग्रामीणों को काम नहीं दे रहे हैं। तालाब की खोदाई जेसीबी और ट्रेक्टर की मदद से कराई जा रही है। वहीं दूसरी ओर ग्रामीण काम की तलाश में भटक रहे हैं। तालाब खोदाई का कार्य वन विभाग के बकावंड में पदस्थ रेंजर लछिंदर बघेल द्वारा कराया जा रहा है। वन परिक्षेत्र अधिकारी लछिंदर बघेल का कहना है कि निर्माण कार्य जल्द पूर्ण करने का निर्देश विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा दिया गया है। इसीलिए जेसीबी एवं ट्रैक्टर के जरिए कार्य करवाया जा रहा है।
नई नहीं है रेंजर की करतूत
उल्लेखनीय है कि वन परिक्षेत्र अधिकारी लछिंदर बघेल की यह करतूत नई नहीं है। इससे पहले भी जंगल में नाली निर्माण उन्होंने जेसीबी की मदद से कराया है। श्री बघेल जब करपावंड रेंज में पदस्थ थे, तब भी उनके द्वारा कराए गए कार्यों पर उंगली उठती रही है। बकावंड रेंज में पदस्थ होने के बाद भी रेंजर का ढर्रा नहीं बदला है। उनके कारनामों का खुलासा हम पहले भी इस समाचार पत्र के माध्यम से कर चुके हैं। उनके खिलाफ कई बार शिकायत भी हो चुकी है, लेकिन अब तक वन विभाग के उच्च अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की है। कांग्रेस शासनकाल के दौरान भाजपा नेता कांग्रेस सरकार और कांग्रेसी जनप्रतिनिधियों पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का आरोप लगाते नहीं थकते थे। अब भाजपा के नेता भी वन विभाग में हो रहे भ्रष्टाचार को लेकर आश्चर्यजनक ढंग से मौन हो गए हैं।