बस्तर की इन बेटियों की मौन करुण पुकार को आखिर सुनेगा कौन?

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  • नाले के गंदे पानी में नहाने मजबूर हैं कन्या आश्रम सोरगांव की छात्राएं
  • खुले में नहाना और शौच करना पड़ रहा बेटियों को

अर्जुन झा

जगदलपुर भारत की बेटियां हिमालय की चोटी पर कदम रख चुकी हैं, हवाई जहाज उड़ा रही हैं ट्रेन चला रही हैं। देश के वैज्ञानिक चांद के दक्षिणी ध्रुव पर तिरंगा फहरा चुके हैं। वहीं दूसरी ओर ये कैसी बिडंबना है कि बस्तर कीबेटियों को आज भी खुले में शौच करना और नहाना पड़ रहा है वह भी गंदे पानी से। इन निरीह आदिवासी बेटियों की खामोश करुण पुकार को आखिर कौन सुनेगा?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ का नारा देकर बेटियों के संरक्षण और सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठा रहे हैं। हर क्षेत्र में बेटियों को आगे बढ़ाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें व्यापक कदम उठा रही हैं। बेटियों को सुरक्षित माहौल में शिक्षा दिलाने के लिए आवसीय विद्यालयों और कन्या आश्रमों की स्थापना की गई है। खासकर आदिवासी बहुल क्षेत्रों में इस तरह के पुख्ता इंतजमात किए गए हैं। मगर इन इंतजामों को आदिम जाति विकास एवं कल्याण विभाग के अधिकारी पलीता लगाने से नहीं चूक रहे हैं। कुछ ऐसा ही हाल बस्तर जिला मुख्यालय जगदलपुर से 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित 100 सीटर आदिवासी कन्या आश्रम सोरगांव का है। इस कन्या आश्रम की छात्राओं को आज भी खुले में शौच करना और नहाना पड़ रहा है। यही नहीं, बेटियों को नहाने के लिए कन्या आश्रम से काफी दूर नाले में जाना पड़ता है। नाले का पानी काफी गंदा हो चला है, फिर भी बेटियों को उसी गंदे पानी में नहाना पड़ रहा है और शौच के लिए भी नाले के आसपास की झाड़ियों की शरण लेनी पड़ती है। ऐसे में बेटियों की इज्जत और सुरक्षा दोनों दांव पर लगी रहती है। इस कन्या आश्रम में आसपास के गांवों की 7 से 13 वर्ष की बालिकाएं अपने माता – पिता और परिवार से दूर रहकर निवासरत एवं अध्ययनरत हैं।उनकी सारी जिम्मेदारी आदिम जाति विकास एवं कल्याण विभाग के अधिकारियों और आश्रम के अधिकारियों पर है। लेकिन अधिकारी अपनी जिम्मेदारी ढंग से नहीं निभा पा रहे हैं। इसका खामियाजा मासूम बेटियों को भोगना पड़ रहा है।

पानी ही नहीं है आश्रम में

सोरगांव कन्या आश्रम में पानी की जटिल समस्या शुरू से बनी हुई है। इसके कारण आश्रम में रह रही 75 से अधिक छात्राएं खुले में नहाने और शौच करने को मजबूर हैं। छात्रावास में तीन चार -बार बोर भी कराया गया, लेकिन पानी नहीं निकला। कन्या आश्रम परिसर के ड्राई जोन में होने की वजह से बोर सफल नही हो रहा है। आश्रम की कुछ छात्राओं ने बताया कि नाले के गंदे पानी में नहाने के कारण उन्हें सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार की समस्या हमेशा बनी रहती है।

की जा चुकी है शिकायत

कन्या आश्रम की अधीक्षिका द्रोपदी यादव ने बताया कि 100 सीटर बालिका आश्रम में अभी 78 छात्राएं रहती हैं। पानी की समस्या पिछले 5 वर्ष से बनी हुई है। इसके चलते हमें और बच्चियों को मजबूर होकर हॉस्टल से 500 मीटर दूर स्थित नाले में नहाने के लिए जाना पड़ता है। यहां पानी की व्यवस्था नहीं हो पा रही है। अधीक्षिका का कहना है कि कई बार विभागीय अधिकारियों से भी व्यवस्था के लिए मौखिक और लिखित रूप से निवेदन किया जा चुका है कि दूसरी जगह से पाइप लाइन व्यवस्था के माध्यम से पानी की आपूर्ति आश्रम में की जाए।

ड्राई जोन में है कन्या आश्रम

विभागीय उदासीनता का ही नतीजा है कि बेटियों को पेयजल व निस्तारी के लिए भटकना पड़ रहा है। पानी की समस्या को लेकर विभागीय अधिकारी सोनसिंह नाग ने बताया कि विभाग द्वारा हाल ही में बोर करवाया गया था, लेकिन कन्या आश्रम के ड्राई जोन में स्थित होने की वजह से पानी नहीं निकल पाया। सहायक आयुक्त ने जांच के लिए कहा है। जांच करेंगे, फिर देखते हैं कि समस्या का निदान कैसे किया जा सकता है। वैसे जब कन्या आश्रम ड्राई जोन में निर्मित है तब वहां बोर कराने में सरकारी धन की फिजूलखर्ची करने के बजाय दूसरी जगह से पाईप लाईन के जरिए कन्या आश्रम में पानी आपूर्ति करना ही श्रेयस्कर होगा।

तीसरी आंख को दृष्टि दोष

सोरगांव के कन्या आश्रम में बाहरी तत्वों की आमद रफ्त और छात्राओं की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए सरकार ने तीसरी आंख की व्यस्था कर रखी है, लेकिन यह तीसरी आंख भी दृष्टि दोष का शिकार हो गई है। कन्या आश्रम में सुरक्षा गार्ड, चौकीदार तैनात किए गए हैं।सीसीटीवी कैमरा भी लगाया गया है, लेकिन एलईडी स्क्रीन नहीं लगाई गई है। इस वजह से सीसीटीवी कैमरा (तीसरी आंख) किसी काम का नहीं रह गया है। कैमरे में कैद होने वाली तस्वीरों को देख पाना संभव नहीं हो पा रहा है।

बच्चों से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं :भाटिया

विगत दिनों दरभा एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के छात्र खराब भोजन परोसे जाने को लेकर सड़क पर उतर आए थे। इस बात को लेकर आदिम जाति विकास विभाग बस्तर के सहायक आयुक्त अमित भाटिया तत्काल हरकत में आ गए थे। उन्होंने अधीक्षक और प्रिंसिपल को पदमुक्त कर दिया। वहींं बस्तर कलेक्टर विजय दयाराम के ने बुधवार को अधीक्षक को निलंबित भी कर दिया। इस घटना के बाद से सहायक आयुक्त अमित भाटिया ने कहा कि आवासीय विद्यालयों, छात्रावासों और आश्रमों में रहकर पढ़ाई कर रहे बच्चों के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी। आज के बच्चे कल का भविष्य हैं। भोजन से लेकर किसी भी प्रकार की शिकायत यदि आती है तो संबंधित कर्मचारी पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। अमित भाटिया ने आगे कहा यदि किसी भी बच्चे को किसी प्रकार की समस्या होती है तो वह व्यक्तिगत रूप से उनके मोबाइल नंबर 9479258222 पर कॉल कर सकते या व्हाट्सएप के माध्यम से सूचना दे सकते हैं। शिकायत सही पाए जाने पर तत्काल दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी