- विभाग है उदासीन, खनन माफिया के हौसले हैं बुलंद
बकावंड ग्राम पंचायत कोलचूर में अवैध मुरूम उत्खनन का मामला सामने आया है। स्थानीय प्रशासन द्वारा शिकायत करने पर भी गैर कानूनी उत्खनन के खिलाफ कड़े कदम नहीं उठाए गए हैं।
मिली जानकारी के अनुसार कोलचूर गांव के आसपास अवैध मुरूम उत्खनन के मामले सामने आए हैं। इस प्रकार के गैरकानूनी कार्यों खिलाफ स्थानीय प्रशासन कड़ा रुख नहीं अपना रहा है। इस मामले में नियमित जांच के बाद कई अवैध उत्खनन के जगहों पर खनन माफिया द्वारा मुरूम का अवैध खनन किया जा रहा था। माइनिंग डिपार्टमेंट जगदलपुर में रमाकांत सोनी को इसकी जानकारी दी गई, तब उन्होंने टीम तो रवाना की, लेकिन टीम के समय पर नहीं पहुंचने के कारण खनन माफिया समय पाकर भाग निकले। Murum परिवहन कर रहे वाहन का पीछा करते हुए जिस जगह पर मुरूम बेची गई, उसे अधिकारियों को दिखाया गया। बावजूद अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई। इससे इस बात की पुष्टि होती है कि अधिकारी अपना जिम्मेदारी नहीं समझते। ऐसे में भला कैसे अवैध खनन बंद होगा। माफियाओं को कुछ डर नहीं अधिकारियों का आखिर क्यों? पंचायत के प्रमुख रामेश बघेल ने कहा कि हमने गांव में अवैध मुरूम उत्खनन के मामले में कठोर कार्रवाई करने का निर्णय लिया है। हमारा लक्ष्य है कि गांव के संसाधनों का अवैध उत्खनन रोका जाए और प्राकृतिक संतुलन बनाए रखा जाए। इस मामले में कानूनी कार्रवाई की जाने की संभावना है। जिससे अवैध उत्खनन के अन्य मामलों पर भी सख्ती से रोक लग सके।