- मैदान पर सबके सामने खुलेआम बदलने पड़े कपड़े
- खेल विभाग ने नहीं की थी चेंजिंग रूम का व्यवस्था =
-अमरेश झा-
कोंडागांव महिलाओं के सम्मान में प्रतिवर्ष 8 मार्च को महिला दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष भी महिला दिवस के उपलक्ष में 6 मार्च से जिला मुख्यालय कोंडागांव के विकास नगर स्थित स्टेडियम के मैदान पर तीन दिवसीय जिला स्तरीय महिला खेल उत्सव का आयोजन किया गया है। जिला स्तरीय महिला खेल उत्सव के पहले दिन शुभारंभ अवसर पर शर्मनाक घटना दिखाई दी। यहां खेल के लिए पहुंची महिलाओं को चेंजिंग रूम की व्यवस्था नहीं होने के कारण खुलेआम मैदान पर ही अपने पतलून उतार कर और कपड़े बदलकर एथलीट खेलों में भाग लेना पड़ा। इस शर्मनाक मामले पर आयोजक खेल विभाग की वरिष्ठ खेल अधिकारी सुधा कुमार ने पत्रकारों को ही नसीहत दे डाली कि ऐसी कोई बात नहीं है आपको ऐसे मामलों का वीडियो रिकॉर्ड नहीं करना चाहिए।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में खेल एवं युवा कल्याण विभाग के माध्यम से कोंडागांव के स्टेडियम मैदान पर जिला स्तरीय महिला खेल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है। तीन दिनों तक चलने वाली इस खेल प्रतियोगिता के तहत शुभारंभ अवसर पर एथलीट खेलों में दौड़, रस्सा कस्सी, लंबीकूद, गोला फेंक, कबड्डी इत्यादि खेलों को शामिल किया गया हैं। महिलाओं के सम्मान में आयोजित इन खेल प्रतियोगिताओं के शुभारंभ अवसर पर ही शर्मनाक घटना दिखाई दी। स्टेडियम मैदान में आयोजक खेल एवं युवा कल्याण विभाग के माध्यम से चेंजिग रूम की व्यवस्था नहीं की गई। जिसके चलते हुए मुख्य अतिथि और सैकड़ों पुरुषों की उपस्थिति में ही मैदान में खुलेआम अपने पतलून उतरकर एथलीट खेलों में महिलाओं, युवतियों और छात्राओं को उतरना पड़ा। चिलचिलाती गर्मी में चेंजिग रूम की व्यवस्था न होने से घर से प्रतिभागियों को घर से ही डबल कपड़े पहनकर आना पड़ा।कोंडागांव में मार्च माह के शुरुआती सप्ताह में ही गर्मी का असर दिखने लगा है। इधर जिला स्तरीय खेल प्रतियोगिता में शामिल होने वाली महिलाओं के लिए व्यवस्था न होने से महिलाओं को अपने ही घर से चिलचिलाती गर्मी के बावजूद डबल कपड़े पहनकर आना पड़ा। गर्मी के मारे प्रतिभागियों का बुरा हाल हो गया था।आज होगा प्रीतियोगिता का समापन
6 मार्च को प्रारंभ हुई खेल प्रतियोगिता के तहत 3 दिनों तक विभिन्न खेलों का आयोजन किया जा रहा है। प्रथम दिवस एथलीट गेम्स हुए। दूसरे दिन इंडोर गेम जैसे टेबल टेनिस व अन्य गेम संपन्न कराए गए। वहीं तीसरे दिन 8 मार्च को खेलों का समापन किया जाएगा। बहरहाल महिला दिवस के आयोजन में नारी शक्ति के अपमान को लेकर नगरवासियो में गुस्सा देखा जा रहा है। लोगों का कहना है कि वरिष्ठ खेल अधिकारी स्वयं एक महिला हैं, उनकी मौजूदगी में नारी का ऐसा अपमान असहनीय और निंदनीय है।