- तीन लाख रुपए का चेक हो गया था अनादरित
- अब देना होगा 3.51 लाख रू, वरना एक माह की जेल
दल्लीराजहरा चेक बाउंस हो जाने के एक मामले में दल्ली राजहरा न्यायालय की प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट श्रीमती सोनी तिवारी ने चेक जारी करने वाले आरोपी बीएसपी कर्मचारी जीवन लाल साहू को अदालत उठने तक की सजा सुनाई है।
न्यू मार्केट मेनरोड दल्ली राजहरा स्थित बॉबी रेडियो एंड इलेक्ट्रेकिल के संचालक प्रवीण जैन पिता फतेहचंद जैन ने अपने वकील दीपक सामटकर के माध्यम से क्वार्टर 80 बी, सड़क -10 सेक्टर आर 1 निवासी बीएसपी कर्मचारी एवं रिटायर्ड सैनिक जीवन लाल साहू पिता बिसाहू लाल साहू के खिलाफ न्यायालय में वाद दायर किया था। इसके मुताबिक जीवन लाल साहू ने लेनदेन के सिलसिले में प्रवीण जैन को तीन लाख रुपए का एक चेक जारी किया था। यह चेक भारतीय स्टेट बैंक का था। प्रवीण जैन ने जब चेक को भुनाने के लिए पंजाब एंड सिंध बैंक की दल्ली राजहरा शाखा स्थित अपने खाते में राशि ट्रांसफर करने के लिए में जमा किया था। कुछ समय बाद बैंक ने यह कहते हुए चेक को अमान्य कर दिया कि चेक जारीकर्ता जीवन लाल साहू के खाते में पर्याप्त धन नहीं है। यह चेक आनादरित होकर प्रवीण जैन को लौटा दिया गया। इसके बाद प्रवीण जैन ने धन वापसी हेतु अपने वकील के माध्यम से जीवन लाल साहू को रजिस्टर्ड डॉक से नोटिस भेजा। नोटिस में कानूनी कार्रवाई की बात भी कही गई थी, लेकिन जीवन लाल साहू ने इस नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया। अंततः प्रवीण जैन ने अपने वकील दीपक समेटकर के माध्यम से अदालत में परिवाद दायर कर दिया। प्रथम श्रेणी न्यायाधीश श्रीमती सोनी तिवारी ने प्रवीण जैन के वकील दीपक सामटकर द्वारा रखे गए साक्ष्यों का अवलोकन करने व उनकी दलीलें सुनने के बाद वादी प्रवीण जैन के पक्ष में फैसला देते हुए प्रतिवादी जीवन लाल साहू को अदालत उठने तक की सजा सुनाई। न्यायाधीश ने जीवन लाल साहू को हिदायत दी है कि वह प्रवीण जैन को प्रतिकर की राशि 3 लाख 51 हजार रू. का भुगतान एक माह के भीतर करें। एक माह में राशि नहीं देने की स्थिति में जीवन लाल साहू को एक माह के साधारण कारावास की सजा का निर्देश भी न्यायाधीश ने दिया है। मामले में जीवन लाल साहू की ओर से अधिवक्ता आरएम अग्रवाल ने तथा प्रवीण जैन की ओर से अधिवक्ता दीपक सामटकर ने पैरवी की।