गृहमंत्री ने सदन में दी जानकारी, अब तक 570 किसानों ने की आत्महत्या
रायपुर। विधानसभा में गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने बताया कि भाजपा सरकार के समय तीन साल में जितने किसानों ने आत्महत्या किया उससे आधे से कम किसानों ने कांग्रेस सरकार के तीन सालों में आत्महत्या किया है। यह सरकार की किसानों के हित में लाई गई योजनाओं के कारण हुआ है। किसान आत्महत्या के मामलों में कमी की वजह है शासन की योजनाओं का लाभ किसानों को मिलना।
प्रश्नकाल के दौरान भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री डॉ. कृष्णमूर्ति बांधी ने सदन में किसान आत्महत्या का मामला उठाया। उन्होंने 2019 से लेकर 2022 के बीच कितने किसानों ने आत्महत्या की और उन्हें दिए गए मुआवजा दिया गया इसकी जानकारी गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू से मांगी। जवाब में गृहमंत्री ने बताया कि जनवरी 2019 से 12 फरवरी 22 तक कुल 570 किसानों ने आत्महत्या की है। इनमें से 2 किसानों ने कृषिगत कारणों से और बाकी सभी ने अन्य कारणों से खुदकुशी की है। उन्होंने बताया कि इन किसानों में से 187 और 79 अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति के तथा 304 पिछड़ा वर्ग और सामान्य वर्ग के हैं। उन्होंने बताया कि भाजपा सरकार के समय वर्ष 2016 में 585, 2017 में 285 और 2018 में 185 कुल 1052 किसानों ने आत्महत्या किया था।
यूपी के किसान को नहीं दिया गया मुआवजा -साहू
भाजपा विधायक बांधी ने इस पर कहा कि मंत्री ने विभाग की ओर से किसानों के लिए मुआवजा का प्रावधान नहीं होने की बात कही है। क्या मुआवजे का कोई नियम बनाएंगे? यूपी के किसान को 50 लाख रुपये दिए गए हैं। भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा ने उत्तरप्रदेश के किसानों को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा 50 लाख रुपये मुआवजा देने का मामला उठाते हुए कहा कि जब वहां के किसानों को छत्तीसगढ़ सरकार 50 लाख का मुआवजा दे सकती है, तो छत्तीसगढ़ के किसानों को उतनी ही रकम क्यों नहीं दी जा रही। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने भी कहा कि आगे किसान आत्महत्या न करें उसके कारणों का परीक्षण होगा क्या? क्या मुआवजे का नियम भी बनाए जाएंगे। ताम्रध्वज साहू ने कहा, मुआवजे को लेकर अभी ऐसा नियम नहीं है। मंत्री ने स्पष्ट किया कि यूपी के किसान को मुआवजा नहीं दिया गया है। मुख्यमंत्री अपने विवेकधीन से वो राशि देते हैं।