बस्तर में कांग्रेस की लंका जलाएंगे भाजपा के बजरंगी महेश कश्यप

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  • कट्टर हिंदूवादी छवि वाले नेता हैं भाजपा प्रत्याशी महेश कश्यप
  • बजरंग दल से जुड़कर की थी राजनीति की शुरुआत

अर्जुन झा

जगदलपुर बस्तर लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी महेश कश्यप, मूलरूप से विहिप और बजरंग दल से जुड़े आदिवासी नेता हैं। सरपंची से लेकर बीजेपी के लोकसभा प्रत्याशी बनने तक के सफर में उन्होंने केवल हिंदू और आदिवासी हितार्थ जन जागरण मंच के माध्यम से अम लोगों के बीच हिंदुत्व का अलख जगाने का शानदार कार्य किया है। इसके पहले बलिराम कश्यप जैसे धाकड़ बीजेपी के नेता ने बस्तर लोकसभा सीट से सांसद रहते हुए अपनी अलग छाप छोड़ी थी। अब महेश कश्यप बस्तर में हिंदुत्व की धार को और भी प्रखर करने में लगे हुए हैं। कहा जा रहा है कि भाजपा का यह बजरंगी इस बार बस्तर में कांग्रेस की लंका जलाकर ही रहेगा।

पहली बार बीजेपी ने बस्तर लोकसभा सीट से प्रखर हिंदूवादी छवि वाली शख्सियत के रूप में महेश कश्यप को अपना प्रत्याशी बनाया है। भतरा आदिवासी समुदाय के महेश कश्यप आज जननेता बन चुके हैं। आदिवासी समाज में रसूख बनाकर चलने वाले नेता हैं महेश कश्यप। पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान बस्तर महाराज कमलचंद्र भंजदेव के विश्वस्त सहयोगी के रूप में भी उभर कर सामने आए। हालांकि तब

कमलचंद्र भंजदेव ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया था। अपने महल में पीएम मोदी के प्रवास के दौरान महेश कश्यप की छवि को बेहतर सांसद प्रत्याशी के रूप में प्रस्तुत कर दी गई थी। तभी से कयास लगाए जा रहे थे कि भाजपा इस बार कोई बड़ा दांव खेल सकती है। अंततः इस बार बस्तर लोकसभा क्षेत्र के प्रत्याशी चयन के दौरान फौरन ही इनके नाम पर नरेंद्र मोदी की मुहर लग गई। अपनी विशिष्ट कार्यशैली से जगदलपुर विधानसभा क्षेत्र और बस्तर विधानसभा क्षेत्र में अपनी अलग पहचान महेश कश्यप ने स्थापित कर ली है। हर पंचायत में टैंकर से पानी पहुंचना और हर घर तक स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराना महेश कश्यप का उद्देश्य रहा है। पूरे बस्तर में नारा लगता था कि हाथ नहीं तो भात नहीं। इस मिथक को तोड़ते हुए मोदी जी की गारंटी को लागू करवाने अथक परिश्रम कर रहे हैं। महेश कश्यप एक अच्छे

कबड्डी खिलाड़ी भी हैं। वे राज्य स्तर के खिलाड़ी हैं। अब यह कबड्डी खिलाड़ी राजनीति के मैदान पर दांवपेंच दिखाएगा। पिछले विधानसभा चुनाव में बस्तर विधानसभा से महेश कश्यप की प्रबल दावेदारी थी, लेकिन उनके नसीब में तो लोकसभा का सफर लिखा है।

दसवीं तक पढ़े हैं महेश

बस्तर जिले के माड़पाल पोस्ट ऑफिस अंतर्गत ग्राम कुम्हरावंड कलचा निवासी महेश कश्यप ने दसवीं तक की पढ़ाई की है। भतरा आदिवासी समुदाय से आने वाले महेश कश्यप के पिता सुकरू राम, माता सुदरी बाई और धर्मपत्नी चंपा कश्यप सामान्य किसान हैं। वे बजरंग दल के जिला संयोजक, विश्व हिंदू परिषद के जिला संगठन मंत्री, विभाग संगठन मंत्री, बजरंग दल के प्रांत सह संयोजक, विहिप के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य,पतंजलि योग समिति युवा भारत के बस्तर जिला अध्यक्ष, 2014 से 2019 तक सरपंच, छ्ग सरपंच महासंघ के जिला अध्यक्ष, बस्तर सांस्कृतिक सुरक्षा मंच के संभागीय संयोजक, जिला कबड्डी संघ के सह सचिव, गौ सेवक, विहिप के प्रांतीय उपाध्यक्ष, सर्व आदिवासी समाज के सदस्य समेत कई अहम पदों पर रहे हैं। बस्तर में धर्मान्तरण के खिलाफ व्यापक अभियान चलाकर महेश कश्यप ने अपनी अलग छाप छोड़ी है।

मोदीजी के मिशन को बढ़ा रहे आगे

भाजपा प्रत्याशी महेश कश्यप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कार्यशैली के दीवाने हैं। वे कहते हैं – मोदी जी तो देश के लिए जी रहे हैं। गांव, गरीब, किसान, मजदूर, महिलाओं के कल्याण के लिए काम कर रहे हैं। मैं उनके मिशन को आगे बढ़ा रहा हूं। कांग्रेस ने देश को बेहाल कर दिया था। मोदी जी के नेतृत्व में देश तेजी से तरक्की कर रहा है। पूरे विश्व में भारत का गौरव गान हो रहा है।