बोया पेड़ बबूल का, तो नसीब में कांटे ही आएंगे न जनाब

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  • ऐन लोकसभा चुनाव के बीच बस्तर में कांग्रेस को लगा तगड़ा झटका
  • महापौर सफीरा साहू, यशवर्धन राव और अजय सिंह भाजपा में शामिल =

अर्जुन झा

जगदलपुर कहते हैं कर्म का फल यहीं मिल जाता है, जैसा बीज बोओगे, फल वैसा ही पाओगे। कुछ ऐसी ही कहानी आज बस्तर में कांग्रेस की हो गई है। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की कब्र खोदने का काम खुद कांग्रेसियों ने ही किया था। अब लोकसभा चुनाव में वही कब्र उन्हीं कांग्रेसियों के लिए मुसीबत का सबब बन गई है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय बुधवार को बस्तर लोकसभा सीट के भाजपा प्रत्याशी महेश कश्यप की नामांकन रैली में शामिल होने जगदलपुर आए थे। इस दौरान प्रदेश भाजपा अध्यक्ष किरण देव सिंह, वरिष्ठ विधायक अजय चंद्राकर भी मौजूद थे। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष किरण देव के समक्ष बस्तर के कांग्रेसी इतिहास की बड़ी घटना हो गई। महापौर सफीरा साहू, प्रदेश कांग्रेस कमेटी छत्तीसगढ़ के महासचिव एवं प्रताप देव वार्ड के पार्षद यशवर्धन राव, राज्य युवा आयोग के पूर्व सदस्य अजय सिंह, महारानी वार्ड के पार्षद मानिक राम नाग एवं लाल बहादुर शास्त्री वार्ड के पार्षद यशवंत ध्रुव ने कांग्रेस को अलविदा कहते हुए भाजपा का दामन थाम लिया। सफीरा साहू और अन्य नेताओं ने आज ही कांग्रेस से सामूहिक त्याग पत्र दिया है। अपने इस्तीफे की चिट्ठी उन्होंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज और शहर जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष सुशील मौर्य को भेज दी थी। वैसे महापौर सफीरा साहू तथा कुछ पार्षदों के भाजपा में शामिल होने की चर्चा कल शाम से ही चल पड़ी थी। भाजपा प्रत्याशी महेश कश्यप की नामांकन रैली के पहले एक संक्षिप्त समारोह में मेयर सफीरा साहू, वरिष्ठ नेता यशवर्धन राव, अजय सिंह, मानिक राम नाग और यशवंत ध्रुव ने भाजपा प्रवेश किया। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष किरण देव और अजय चंद्राकर ने पांचो नेताओं को भगवा दुपट्टा पहनाकर उनका भाजपा प्रवेश कराया। बस्तर के इन बड़े कांग्रेस नेताओं के भाजपा में शामिल हो जाने से कांग्रेस पार्टी और बस्तर लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी कवासी लखमा के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। इससे क्षेत्र में कांग्रेस विरोधी माहौल बनेगा तथा इसकी अनुगूंज निश्चित रूप से पड़ोसी कांकेर लोकसभा क्षेत्र में भी सुनाई देगी।

जैसी करनी, वैसी भरनी

पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान जो तथाकथित कांग्रेस नेता अपनी मातृ संस्था कांग्रेस के लिए भस्मासुर बन गए थे, उन्हें उनकी करनी की सजा मिलनी शुरू हो गई है। इन कांग्रेस नेताओं ने रायपुर में बैठे अपने एक बड़े आका के इशारे पर बस्तर संभाग की जगदलपुर, चित्रकोट, नारायणपुर, दंतेवाड़ा सीटों पर चुनाव लड़ रहे कांग्रेस प्रत्याशियों को हराने के लिए पूरी ताकत झोंक दी थी। ये सभी सीटें कांग्रेस के हाथ से निकल गईं। कांग्रेस की कब्र खोदने में अहम भूमिका निभाने वाले कांग्रेस नेताओं को कांग्रेस नेतृत्व जहां उपकृत करने में लगा हुआ है, वहीं जनता इन नेताओं को जवाब देने आतुर लग रही है। इन नेताओं ने बीजेपी से सुपारी लेकर कांग्रेस को हराने और बस्तर को कांग्रेस मुक्त बनाने में कोई कसर बाकी नहीं रखी थी। कांग्रेस के खात्मे के लिए भाजपा से सुपारी लेने की बात अब सही साबित होती नजर आ रही है। आज कांग्रेस के लिए बड़ा दुखद दिन रहा कि भूपेश बघेल कि आमसभा के बीच ही कुछ दूरी पर सीएम की सभा में महापौर, यशवर्धन राव समेत करीब पांच अन्य पार्षदों ने बीजेपी का हाथ थाम लिया। इससे साबित हो रहा है कि वास्तव में कांग्रेस डूबती नाव बन चुकी है और बड़े बड़े कांग्रेसी कुछ व्यक्तिगत कारणों से भाजपा में जा रहे हैं।

सबका दामन है दागदार

जिन कांग्रेसियों ने अपनी पुरानी नैया छोड़कर दूसरी नैया में सवारी कर ली है वास्तव में उसके पीछे बड़ी कहानी भी है। महापौर पर नगर निगम में बड़े बड़े घोटाले करने के आरोप लगते रहे हैं। नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष संजय पाण्डेय तो महापौर के पीछे हाथ धोकर पड़े हुए थे। पाण्डेय मेयर पर गंभीर आरोप लगाते नहीं थक रहे थे। चर्चा है कि मेयर सफीरा साहू ने अपनी गर्दन बचाने के लिए भाजपा ज्वाइन की है। वहीं यशवर्धन राव और भाजपा में गए दोनों पार्षद मानिक राम नाग एवं यशवंत ध्रुव को महापौर का बेहद करीबी माना जाता है और इसी वजह से उन्होंने भाजपा में जाना बेहतर समझा है। अब बात बीजापुर के तेज तर्रार कांग्रेस नेता रहे अजय सिंह की करें, तो अजय सिंह की बीजापुर विधायक विक्रम मंडावी के साथ शुरू से अनबन रही है। सार्वजनिक मंचों पर भी अजय सिंह और विक्रम मंडावी तलवार भांजते नजर आते थे। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी अजय सिंह को पसंद नहीं करते थे।