बलराम मौर्य के कांग्रेस से इस्तीफे में दुर्भावना और स्वार्थ की बू

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  • किसी के गले नहीं उतर रही है दुर्व्यवहार वाली बात
    अर्जुन झा
    जगदलपुर बस्तर जिला कांग्रेस कमेटी ग्रामीण के अध्यक्ष बलराम मौर्य के इस्तीफे से उनके स्वार्थ और कांग्रेस के प्रति उनकी दुर्भावना की बू आ रही है।
    बलराम मौर्य ने जिला कांग्रेस अध्यक्ष पद से 13 अप्रैल को अचानक तब इस्तीफा दे दिया जब कांग्रेस के सबसे बड़े नेताओं में शुमार राहुल गांधी बस्तर आए थे। बलराम मौर्य ने अपने इस्तीफे की जो वजह बताई है, वह भी हैरान करने वाली है और किसी के गले नहीं उतर रही है। बलराम मौर्य ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी को भेजे गए अपने लंबे चौड़े त्याग पत्र में जिला कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के पीछे अपने साथ हुए दुर्व्यवहार को कारण बताया है। आज तक ऐसी कोई घटना नजर नहीं है कि जिसमें बलराम मौर्य के साथ कांग्रेस के किसी नेता ने दुर्व्यवहार या उनका अपमान किया हो। अगर ऐसा कभी हुआ भी होगा, तो बलराम मौर्य अब तक खामोश क्यों बैठे रहे, पार्टी फोरम में या फिर मीडिया में उन्होंने आवाज क्यों नहीं उठाई? अगर ऐसी घटना कहीं हुई होती, तो बात मीडिया तक जरूर पहुंचती। क्योकि सोशल मीडिया के जमाने में ऐसी बातें प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया से छुपी नहीं रह पातीं। बलराम मौर्य के पास भी मोबइल फोन है, फिर उन्होंने अब तक यह बात क्यों जाहिर नहीं होने दी? अपमान का घूंट पीकर वे कैसे खामोश बैठे रहे? ये सारे सवाल दुर्व्यवहार और अपमान वाली बात को संदेह के दायरे में ला रहे हैं। बलराम मौर्य को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज और जगदलपुर के पूर्व विधायक रेखचंद जैन भी बराबर सम्मान देते रहे हैं। उन्हें हर कार्यक्रम में आमंत्रित किया जाता रहा है। उन्हें हरमंच पर उनके पद और वरिष्ठता क्रम के आधार पर जगह दी जाती रही है। विधानसभा चुनाव के दौरान दीपक बैज और रेखचंद जैन के साथ बलराम मौर्य भी नजर आते रहे हैं। ऐसे में दुर्भावना और अपमान वाली बात टिकती नजर नहीं आ रही है। त्यागपत्र में बलराम मौर्य ने स्वयं स्वीकार किया है कि कांग्रेस पार्टी में उन्हें पूरा सम्मान मिला है। उन्होंने इसके लिए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी समेत प्रदेश प्रभारी, सह प्रभारियों, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, बस्तर के कुछ नेताओं के प्रति आभार भी जताया है, मगर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व विधायक रेखचंद जैन का जिक्र नहीं किया है। इससे प्रतीत होता है कि दीपक बैज और रेखचंद जैन से खुन्नस रखने वाले जगदलपुर के कुछ नेताओं एवं रायपुर में बैठे एक बड़े कांग्रेस नेता के इशारे पर बलराम मौर्य ने इस्तीफा दिया है। कांग्रेस और दीपक बैज एवं रेखचंद जैन के प्रति बलराम मौर्य की दुर्भावना अब सामने आ गई है। कहा है कि अपने राजनैतिक स्वार्थ के लिए बलराम मौर्य ने कांग्रेस छोड़ी है।