कांकेर की जंग में 2019 का मिथक तोड़ पाएगी कांग्रेस, या फिर बजेगा भाजपा का डंका

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  •  कांकेर की विधानसभा सीटों के चुनावी नतीजों का सटीक विश्लेषण

-योगेश पाणिग्रही-

जगदलपुर छत्तीसगढ़ प्रदेश में दूसरे चरण का मतदान सम्पन्न होने के बाद और सभी उम्मीदवारों का भाग्य ईवीएम में कैद हो गया है। अब सभी प्रत्याशी अपनी -अपनी जीत के दावे कर रहे हैं, जोकि स्वाभाविक है। इन सबके बीच कांग्रेस पार्टी के लोकसभा प्रत्याशी वीरेश ठाकुर के पिछले विधानसभा चुनाव में हार को लेकर तरह -तरह की बातें सामने आ रही हैं। कि पिछली बार जब कांकेर लोकसभा क्षेत्र में आठ विधायक कांग्रेस थे तो चार विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस कैसे हार गई? 2019 के लोकसभा चुनाव और 2023 के विधानसभा चुनाव के विधानसभावार नतीजों का सटीक विश्लेषण बस्तर की सियासी तासीर की बेहतर परख करने वाले राजनैतिक विश्लेषक योगेश पाणिग्रही ने गहन अध्ययन के बाद तैयार किया है।

लोकसभा चुनाव 2019 के आंकड़ों पर गौर करें तो चार- चार विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस व भाजपा को जीत मिली थी। विधानसभावार आंकड़े देखें तो सिहावा में लक्ष्मी ध्रुव विधायक थीं। तब कांग्रेस को 71182 वोट तथा भाजपा को 64061 वोट मिले थे। वीरेश ठाकुर को 6 हजार 581 वोटों की लीड मिली थी। वहीं संजारी बालोद में वर्तमान विधायक कांग्रेस की संगीता सिन्हा के होते हुए भी कांग्रेस ने 74 हजार 547वोट पाए और भाजपा ने 83हजार 044 वोट पाकर 8 हजार 497 वोटों की बढ़त ली थी। मंत्री रहीं अनिला भेड़िया के क्षेत्र डौंडी लोहारा में कांग्रेस को 79 हजार 190 वोट, तो भाजपा को 67 हजार 820 मिले। कांग्रेस 11हजार 370 से विजय पताका फहरा पाई थी। गुंडरदेही में कुंवर सिंह निषाद विधायक होते हुए कांग्रेस 76 हजार 754 तो भाजपा को 88 हजार 145 मत मिले। कांग्रेस 11 हजार 391वोटों से हारी। इसी प्रकार अंतागढ़ में अनूप नाग के विधायक रहते कांग्रेस को 44 हजार 444 व भाजपा को 59 हजार 653 मत मिले जिससे लोकसभा चुनाव में बड़ी हार 15 हजार 209 वोट की मिली। भानुप्रतापपुर में विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज मंडावी के रहते कांग्रेस को 71 हजार 254 तथा भाजपा को 56 हजार 563 मत मिले थे और भाजपा 14 हजार 691 वोटों से आगे रही। कांकेर में पूर्व आईएएस शिशुपाल सोरी के विधायक रहते कांग्रेस को 58 हजार 167 तथा भाजपा को 60 हजार 719 को वोट मिले। बमुश्किल कांग्रेस को 2 हजार 552 वोटों की ही लीड मिल पाई थी। केशकाल विधानसभा क्षेत्र में बस्तर विकास प्राधिकरण के पूर्व उपाध्यक्ष संतराम नेताम के विधायकी में कांग्रेस को 62 हजार 454 मत तो भाजपा को 63 हजार 371 वोट मिले। यहां कांग्रेस को सबसे छोटी हार 917 वोट से मिली थी।

लीड कायम रख पाएंगे विधायक?

कांकेर लोकसभा क्षेत्र में 2023 के विधानसभा चुनाव में पांच विधानसभा क्षेत्रों सिहावा, संजारी- बालोद, डौंडीलोहारा, गुंडरदेही व भानुप्रतापपुर में कांग्रेस के निर्वाचित विधायक हैं। भाजपा की ओर से अंतागढ़, कांकेर व केशकाल में विधायक हैं। क्या कांग्रेस- भाजपा के वर्तमान विधायक अपने -अपने निर्वाचन क्षेत्रो में लीड बरकरार रख पाएंगे या फिर पिछले लोकसभा चुनाव की तरह आंकड़ों में इस बार उलट फेर होगा?केंद्रीय चुनाव आयोग की वेबसाइट से मिले आंकड़ों के अनुसार विधानसभा चुनाव में मिले आंकड़ों पर गौर करें तो कांग्रेस को सिहावा में 13 हजार 166 ,संजारी बालोद में 17 हजार 406, डौंडीलोहारा में 35 हजार 579, गुंडरदेही में 14 हजार 863 व भानुप्रतापपुर में 30 हजार 932 समेत कुल 1 लाख 11 हजार 946 वोट मिले थे। वहीं भाजपा को अंतागढ़ में 23 हजार 710, कांकेर में 16 हजार, केशकाल में 5 हजार 556 समेत कुल 29 हजार 282 वोट मिले थे।विधानसभा चुनाव परिणाम के अनुसार लीड पर गौर किया जाए तो कांग्रेस पार्टी के पास 82 हजार 664 वोटों की लीड है। लेकिन प्रश्न यह उठता है कि कांग्रेस न्याय के आधार पर लीड बरकरार रख पाएगी या भाजपा मोदी मैजिक में चुनाव जीत जाएगी।