पहली बारिश में महारानी अस्पताल जगदलपुर का ऑपरेशन थिएटर बन गया स्वीमिंग पूल

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  • रात में हुई बारिश ने खोली अस्पताल प्रबंधन की पोल

अर्जुन झा-

जगदलपुर बस्तर जिले का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल महारानी जिला चिकित्सालय जगदलपुर अव्यवस्था का शिकार हो गया है। बीती रात हुई बरसात ने अस्पताल के ऑपरेशन थिएटर को स्वीमिंग पूल में में तब्दील करके रख दिया है। ऑपरेशन थिएटर में जलधारा फूट पड़ी है और वहां लबालब पानी भर गया है। ऐसे में इमरजेंसी केस आ गया तो दिक्कत हो सकती है।

 

महारानी अस्पताल के प्रमुख ऑपरेशन थिएटर में जल भराव की स्थिति निर्मित हो गई है। बीती रात जगदलपुर में जमकर बरसात हुई। इस बारिश का साइड इफेक्ट महारानी जिला चिकित्सालय में देखने को मिला है। जिला चिकित्सालय के मुख्य ऑपरेशन थिएटर में रात से ही जल भराव की स्थिति देखी जा रही है। बारिश के चलते ऑपरेशन थिएटर की दीवारों से जलधारा फूट पड़ी है। पानी की तेज धार दीवार से होकर ऑपरेशन कक्ष में पहुंच रही है और पूरे ऑपरेशन थिएटर की फर्श पर पानी भर गया है। ऑपरेशन थिएटर में रखे कीमती चिकित्सकीय सामान और ऑपरेशन में प्रयुक्त होने वाले उपकरण एवं सहायक दवाएं भीगकर खराब होने की स्थिति में पहुंच गई हैं। अस्पताल के कर्मचारियों ने जैसे तैसे ऑपरेशन टेबल व अन्य सामानों को बाहर निकाला। ऑपरेशन थिएटर से उलींच उलींचकर पानी को निकालने की कोशिश कर्मचारी लगातार कर रहे हैं, मगर दीवारों से बहकर आ रही धार इतनी प्रबल है कि कुछ ही देर में ऑपरेशन थिएटर फिर लबालब हो जाता है। समाचार लिखे जाने तक भी जल प्रवाह थमा नहीं था।. संभवतः छत पर भरा पानी दीवारों से रिस कर ऑपरेशन थिएटर में पहुंच रहा है। ऑपरेशन थिएटर में पानी भरने से इमरजेंसी केस वाले मरीजों का ऑपरेशन नहीं हो पा रहा है। अस्पताल के नवनिर्मित आपात कक्ष के पीछे आधुनिक ऑपरेशन थिएटर बनाया गया है, जहां सभी तरह के जटिल ऑपरेशन इस अस्पताल के अधीक्षक डॉ. संजय प्रसाद व अन्य सर्जनों द्वारा किया जाता है, किंतु रात में हुई बारिश से इस प्रमुख ऑपरेशन थिएटर के सारे कमरों में पानी घुस भर गया है। शुरुआती बरसात में यह आलम है, तो पूरे मानसून के दौरान स्थिति कैसी रहेगी, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। शुक्रवार सुबह जब ऑपरेशन के लिए मरीजों को लेकर परिजन पहुंचे तब उन्होंने यह नजारा देखा। सूत्र बताते हैं कि आज अस्पताल में किसी भी मरीज का ऑपरेशन नहीं किया जा सका। इस मामले में अस्पताल अधीक्षक सह सिविल सर्जन बचते फिर रहे हैं और ऑपरेशन योग्य मरीजों के परिजन डाक्टरों को ढूंढते भटकते रहे हैं

अभी शुरू हुआ है सीजन

मानसून सीजन की शुरुआत अभी ढंग से हुई भी नहीं है कि महारानी अस्पताल का यह हाल हो गया है। अभी मानसून का पूरा सीजन बाकी है। ऐसे में आने वाले दिनों में अस्पताल का और किस कदर बुरा हाल होगा, अंदाजा लगाया जा सकता है। पूरे बस्तर संभाग में सर्व सुविधाओं से युक्त दो ही बड़े अस्पताल हैं। एक है स्व. बलिराम कश्यप मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल डिमरापाल जगदलपुर और दूसरा महारानी जिला चिकत्सालय जगदलपुर। वैसे तो संभाग के बीजापुर, सुकमा, दंतेवाड़ा, नारायणपुर, कांकेर व कोंडागांव जिलों में भी जिला चिकित्सालय हैं, मगर सुविधाओं, सर्जन और विशेषज्ञ डॉक्टरों के मामले में जगदलपुर के ही दोनों अस्पताल ज्यादा समृद्ध हैं। इसे देखते हुए पूरे संभाग से क्रिटिकल केसेस जगदलपुर के लिए ही रेफर किए जाते हैं। इसके अलावा नक्सली हमलों व आईईडी ब्लास्ट में घायल होने वाले लोगों को सबसे पहले जगदलपुर के ही अस्पतालों में लाया जाता है। महारानी जिला चिकित्सालय के ऑपरेशन थिएटर में सर्जरी बंद रहने से गंभीर मरीजों की प्राण रक्षा पर खतरा पैदा हो सकता है।