फर्जी ट्रेडिंग इन्वेस्टमेंट में फांस कर जामुल भिलाई के शख्स को लगाया 29 लाख रुपए का चूना

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  • अंतर राज्यीय जालसाज गिरोह के 6 आरोपी चढ़े बस्तर पुलिस के हत्थे
    -अर्जुन झा-
    नगरनार फर्जी ट्रेडिंग इंवेस्टमेंट के जाल में फांस कर जामुल भिलाई के एक व्यक्ति को लगभग 29 लाख रुपए का चूना लगाने वाले अंतर राज्यीय जालसाज गिरोह को बस्तर पुलिस ने पकड़ा है। अंतर्राज्यीय गिरोह के 6 आरोपियों को गुजरात से गिरफ्तार किया गया है। जांच में आरोपियों के इंटरनेशनल गिरोह से संपर्क होने के सबूत मिले हैं।आरोपियों द्वारा विदेश से ‘‘फर्जी इन्वेस्टमेंट एप-आईसीआईसीआई सिक्योरिटी इंटरनेशनल इन्वेस्ट एवं व्हाट्सएप नंबर का उपयोग किया गया था। आरोपियों द्वारा उपयोग किये गये नंबर एवं अकाऊंट नंबर साइबर पोर्टल में दर्ज करने पर पता चला कि आरोपियों के खिलाफ उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, तमिलनाडू, तेलंगाना आदि राज्यों में भी प्रकरण दर्ज हैं। उपरोक्त राज्यों से बस्तर पुलिस द्वारा संपर्क कर प्रार्थियों को न्याय दिलाने हेतु की जा कार्रवाई रही है। सायबर क्राईम के मामले में पुलिस अधीक्षक शलभ सिन्हा द्वारा रूचि लेकर वृहद पैमाने पर विषेष अभियान चलाकर आरोपियों की पतासाजी, धरपकड़ एवं विवेचना कराई जा रही है। एसीसी जामुल भिलाई निवासी अजित ठाकुर से 28 लाख 81 हजार 104 रू. की ठगी करने वाले 6 आरोपियों को गिरफ्तार करने में बस्तर पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस अधीक्षक शलभ सिन्हा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महेश्वर नाग, नगर पुलिस अधीक्षक आईपीएस उदित पुष्कर के मार्गदर्शन व डीएसपी गीतिका साहू र के पर्यवेक्षण में निरीक्षक गौरव तिवारी एवं शिवानंद सिंह के नेतृत्व में टीम गठित कर आपराधिक प्रकरणों का अनुसंधान किया जा रहा है। अजीत कुमार ठाकुर जाति ब्राम्हण निवासी एसीसी जामुल भिलाई हाल पता हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी जगदलपुर ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि दिनांक 8 जून को उसके फेसबुक अकाऊंट में इंडियन स्टॉक ऑफिस वीआईपी 76 का लिंक देखकर व्हाटसएप ग्रुप का मेम्बर बना तथा धन निवेश कर लाभ कमाने के लिए आईसीआईसीआई सिक्योरिटी इंटरनेशनल इन्वेस्ट नामक एप डाउनलोड किया। प्रार्थी अजीत कुमार उक्त एप के द्वारा डेली रिव्यू देने पर प्रतिदिन 5 हजार रू. खाते में जमा होने से अपर सर्किट स्टॉक, आईपीओ में निवेश करना शुरू किया। जिससे प्रार्थी को कुछ धन लाभ होने पर प्रार्थी द्वारा 85 हजार रूपये निकाल लिया गया। उक्त प्रक्रिया में विश्वास होने पर एप के माध्यम से 28 लाख 81 हजार 104 रूपये उस ऐप पर इन्वेस्ट किया। जिसमें उसे लाभ तो दिखा परन्तु विड्राल करने पर उसे कोई रकम प्राप्त नही हुई। इससे पर फ्रॉड होने की भनक लगी। अजीत ने ठगी होने की रिपोर्ट पर थाना नगरनार में दर्ज कराई। विवेचना के दौरान उपलब्ध तकनीकी साक्ष्यों का विष्लेषण किया गया जिसके आधार पर निरीक्षक शिवानंद सिंह के नेतृत्व में टीम गठित कर, टीम द्वारा सायबर सेल के मदद से आरोपी को घेराबंदी कर गिरफ्तार किया गया। जिनसे पूछताछ करने पर अहमदाबाद गुजरात थाना गोमतीपुर का निवासी होना बताये एवं प्रार्थी के निवेश का धन अपने खाते में प्राप्त कर ठगी करना स्वीकार किया। उक्त आरोपियों द्वारा एक व्यक्ति के नाम पर भिन्न-भिन्न खाते खुलवाकर एवं निवेश की धन राशि आहरित कर विदेश में भेजना स्वीकार किया गया।जिसकी लेन-देन की पुष्टि तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर हो रही हैं एवं विवेचना जारी है। आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर न्यायालय के समक्ष पेश किया गया है।

    इन्हें पकड़ा है पुलिस ने
    गिरफ्तार आरोपियों में जमशे द अहमद फारूकी पिता शब्बीर अहमद फारूकी उम्र 43 वर्ष निवासी 206 एफ.रसूल अशद टाउनशिप गोमतीपुर गार्डन चौकी के सामने थाना गोमतीपुर, प्रवीण खटिक पिता राजू भाई खटिक उम्र 28 वर्ष निवासी 207 महेश्वरी नगर सोसायटी तक्षशिला स्कूल के सामने ओढव थाना ओढव जिला अहमदाबाद गुजरात, राकेश पहाड़िया पिता गौरीशंकर पहाड़िया जाति खटिक उम्र 26 वर्ष निवासी सी. 288 उमिया नगर सोसायटी तक्षशिला स्कूल के पीछे अहमदाबाद गुजरात, रमेश आर. पंचाल पिता रेवन दास उम्र 56 वर्ष निवासी हाउसिंग बोर्ड हाल पता एफ./403 गजानंद 189 रिंगरोड अहमदाबाद, राकेश राजपूत पिता राजेन्द्र सिंह राजपूत उम्र 50 वर्ष निवासी पांच तलावाड़ा सोसायटी भार्गव रोड कुबेरनगर अहमदाबाद गुजरात, ट्विंकल शर्मा पिता प्रमोद शर्मा उम्र 24 वर्ष निवासी 37/127 गुजरात हाउसिंग बोर्ड पुलिस लाईन सरसपुर शामिल हैं। आरोपियों से 3 नग की-पेड मोबाईल, 5 नग टच स्क्रीन मोबाईल, 3 नग स्वाईप मशीन, 2 नग स्केनर मशीन (आईडीएफसी बैंक एवं इन्डसण्ड बैंक), 11 नग एटीएम कार्ड, 2 नग पासबुक, 3 नग चेकबुक, 6 क्रेडिट कार्ड एवं पहचान संबंधी अन्य दस्तावेज बरामद किए गए हैं। प्रकरण में बस्तर पुलिस द्वारा अब तक 35 लाख रू. होल्ड कराया जा चुका है। आरोपी द्वारा फर्जी डीमेट अकाऊंट से स्टॉक के नाम पर निवेश कराकर प्रार्थी से विभिन्न चरणों में एवं विभिन्न माध्यमों से कुल 28 लाख 81 हजार 104 रू. की ठगी की गई। इस प्रकरण में निरीक्षक शिवानंद सिंह, गौरव तिवारी, टामेश्वर चौहान, एएसआई
    सतीश यादव, प्रधान आरक्षक मौसम गुप्ता, विकास सिंह, आरक्षक गौतम सिन्हा, रवि कुमार, मुकुंद राम भंडारी, राधिका नेताम, नव आरक्षक दीपक कुमार ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।