Award letter number CCNW/PO-427000 9384 / PR No. 1130016028/ 610. Dtd-29.02.2020 के ठेके में श्रमिकों की हाजरी और वेतन में गड़बड़ी की गई थी जिसकी शिकायत भारतीय मजदूर संघ ने स्थानीय प्रबंधन को थी और श्रमिकों को उनका अधिकार दिलाने के लिए प्रबंधन को तत्काल कार्यवाही करने को कहा था ,जिस पर प्रबंधन द्वारा जांच करने पर भारतीय मजदूर संघ द्वारा ठेकेदार अनिल यादव पर
लगाये गये आरोपो को सही पाया और उस पर उचित कार्यवाही करने का संघ को आश्वासन दिया। किंतु ठेकेदार अनिल यादव द्वारा सभी आरोपों को गलत बताया जा रहा था, जो कि सरासर ग़लत है, ठेकेदार अनिल यादव द्वारा श्रमिकों की हाजरी और वेतन में गड़बड़ी की गई थी जो कि प्रमाणित हो चुका है। और यह बात इससे भी प्रमाणित होती है कि शिकायत के बाद अभी तक ठेकेदार अनिल यादव द्वारा श्रमिकों के खाते में लगभग 40000 रुपए प्रत्येक श्रमिकों के खाते में डाला जा चुका है और बाकी पैसे को जल्द ही डालने की बात कही जा रही है। इसमें फिर ठेकेदार अनिल यादव द्वारा यह कहना कि उसके द्वारा किसी प्रकार की गड़बड़ी
नहीं की गई है।सरासर ग़लत है एटक के कार्यकारी अध्यक्ष होने का प्रभाव दिखा कर श्रमिकों की मेहनत के पेसो को हजम किया है जिसकी जितनी भी निन्दा की जाए कम है क्योंकि एक तरफ एटक का कार्यकारी अध्यक्ष बनकर श्रमिक हित की बात करना और दुसरी तरफ ईस तरह श्रमिकों के हक के पैसों को हजम कर जाना ठेकेदार अनिल यादव और एटक के कार्यकारी अध्यक्ष के दोहरे चरित्र को उजागर करता है। इतना सब होने के बाद ठेकेदार अनिल यादव द्वारा श्रमिकों को अभी तक पेमेंट स्लिप नहीं दिया जा रहा है और न ही उनको उनके पुराने किये गये कार्य की मासिक हाजरी की जानकारी दी जा रही है जिससे श्रमिकों को पता चल सके कि
ठेकेदार अनिल यादव द्वारा उनके खाते में पैसा कितना और किस लिए डाला जा रहा है और श्रमिकों को पता चल सके कि अभी और कितना पैसा ठेकेदार अनिल यादव से लेना है, किंतु अभी तक किसी तरह की जानकारी नहीं देना समझ से परे है?और ठेकेदार द्वारा श्रमिकों को खाते में पैसा क्यो डाला जा रहा है उसकी भी कोई जानकारी नहीं दी जा रही है |
इससे साफ पता चल रहा कि पकड़े जाने पर ठेकेदार अनिल यादव द्वारा श्रमिको का पैसा वापस किया जा रहा है फिर भी कोई कार्यवाही नहीं हो रही है |
भारतीय मजदूर संघ के सचिव लखन लाल चौधरी ने आगे बताया कि ईस ठेके में पाई गई आर्थिक अनियमितता गंभीर अपराध की श्रेणी में आती है और ईस पर ठेकेदार और जिम्मेदार अधिकारी के ऊपर किसी प्रकार की कार्यवाही का न होने से कर्मचारियों में असंतोष पनप रहा है। क्योंकि ईस तरह कंपनी के पैसों का खुलेआम बंदरबांट किया जा रहा है और किसी प्रकार की कार्यवाही न होने से ऐसे भ्रष्ट ठेकेदारों का मनोबल बढ़ता जा रहा है क्योंकि एक तरफ कंपनी पैसों की कमी का हवाला देकर नियमित कर्मचारियों की सुवीधाओ में एक एक कर कटौती करतीं जा रही है और दुसरी तरफ ऐसे ठेकेदार कंपनी का पैसा खुलेआम लुट रहे हैं,और
नियमित कर्मचारि अपने को ठगा महसूस कर रहा है कि यही महारत्न कंपनी है, जिसमें ठेकेदार मनमानी कर रहा है,और कंपनी के अधिकारी उसे मौन सहमति दे रहे हैं। इसलिए संघ ईसके लिए जिम्मेदार अधिकारी पर भी कार्यवाही करने की मांग करता है जिससे सभी नियमित कर्मचारियों और ठेका श्रमिकों में एक अच्छा संदेश जाएगा,आज कि स्थिती में तो ऐसा लग रहा है कि भ्रष्टाचार के खेल में श्रमिकों के वेतन का बंदरबांट हो गया, लेकिन न तो ठेकेदार दोषी है न कोई अधिकारी अभी किसी ऊपर किसी प्रकार की कार्यवाही का न होना एक बड़े भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है कि पता नहीं ईस बंदरबांट में कितने लोग शामिल हैं? भारतीय मजदूर संघ प्रबंधन से मांग करता है कि ईस पुरे मामले शामिल ठेकेदार अनिल यादव और उससे संबंधित अधिकारियों पर तत्काल कार्यवाही की जावे अन्यथा संघ कड़े कदम उठाने के लिए बाध्य होगा,चाहे इसके लिए संघ को किसी भी तरह का आन्दोलन ही क्यो न करना पड़े। क्योंकि कंपनी के नियम सबके लिए समान है फिर एटक के कार्यकारी अध्यक्ष के ऊपर कार्रवाई का नहीं करना प्रबंधन के कुछ अधिकारी की मिलीभगत की ओर इशारा करता है। साथ ही इसके लिए जिम्मेदार अधिकारी पर भी कार्यवाही करने की मांग संघ करता है। नहीं तो ईसी तरह कंपनी के कुछ भ्रष्ट अधिकारी ठेकेदारों के साथ मिलकर कंपनी को आर्थिक नुकसान पहुंचाते रहेंगे और फिर कंपनी ईसकी भरपाई नियमित कर्मचारियों की सुवीधाओ में कटौती कर करेंगी, इसलिए ईस पर कार्यवाही कर तत्काल अंकुश लगाया जाए।
धन्यवाद लखन लाल चौधरी सचिव खदान मजदूर संघ राजहरा शाखा