माओवादियों ने माना – संगठन में बगावत की लहर, इसीलिए विज्ज़ा को दी गयी फांसी, समय रहते सतत् निगरानी बरतने माओवादियों ने जारी किए निर्देश, प्रेस नोट में बाहर आया संगठन में भीतरघात का कबूलनामा

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गणेश मिश्रा – बीजापुर।

पिछले दो महीनों से बस्तर के बीहड़ों में लगातार हो रही हत्याओं के बाद आखिर माओवादियों ने अब मान लिया है कि संगठन में बगावत की लहर तेज हो चली है,यही नही बल्कि बड़े कैडर के नक्सली ही बगावत कर संगठन की गोपनीय बातें और नक्सली नेताओ की सूचनाएं पुलिस तक पहुंचा रहे है, जिसे रोकने संगठन द्वारा निचले स्तर से उपर के मेम्बरों पर पोलित मेम्बरों को सतत् निगरानी बरतने के निर्देश जारी किए गए है। माओवादियों का यह कबूलनामा माओवादी प्रवक्ता विकल्प द्वारा जारी प्रेसनोट से बाहर आया है।

जिसमें पश्चिम बस्तर डीवीसी विज्जाल उर्फ बदरू की हत्या के जिम्मेदारी ली गई है और प्रेस नोट के जरिए इसका जिक्र भी किया गया है कि बिज्जाल की हत्या किन परिस्थितियों और कारणों में की गई, साथ ही हत्या के लिए जिम्मेदार कारणों पर माओवादियों की तरफ से संगठन स्तर पर किए गए विश्लेषण का जिक्र भी है।प्रेस नोट में जहां एक तरफ डीवीसी विज्जाल को संगठन की मुखालफत का आरोपी बताया गया है। जिसमें माओवादी कैडर्स की गोपनीय बैठकों की सूचना पुलिस तक पहुंचाने, बड़े माओवादी नेताओं के गोपनीय सूचनाएं देने, कम्यूनिकेशन सेट नंबर, कोड लिस्ट की जानकारी पुलिस को मुहैया कराने के आरोप है। इतना ही नहीं विज्जाल पर संगठन से जुड़ी महिला मेम्बर के साथ नाजायज संबंध बनाने, दैहिक शोषण के आरोप भी संगठन द्वारा उस पर लगाए गए थे।

प्रेस नोट में इस बात का उल्लेख है कि मनकेली गांव में जन्मे विज्जाल जब संगठन में शामिल हुआ था, तब उसकी गतिविधियां पूरी तरह से पार्टी के प्रति समर्पित थी। जनता को गोलबंद करने तथा पार्टी गतिविधियों, अनुशासन का पालन करने के कारण उसकी योग्यता को देख संगठन ने उस पर विश्वास जताया था। उसे डीवीसी स्तर की जिम्मेदारी इस भरोसे के साथ सौंपी गई थी कि वह माओवाद संगठन के उद्देष्यों को आगे तक लेकर जाएगा, परंतु विज्जाल संगठन की उम्मीदों पर खड़ा उतरने के बजाए पार्टी से गद्दारी शुरू कर दी। 2017-18 में पुलिस के संपर्क में आकर उसने कई दफा संगठन को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया।

माओवादी नेता के हवाले से कहा गया है कि पार्टी में मेम्बरों की गलतियों को माफ करने का प्रावधान है, लेकिन संगठन की मुखालफत से बढ़कर संगठन के सदस्यों की हत्या, गिरफतारी की साजिष रचने के साथ महिला नक्सलियों का दैहिक शोषण जैसे संगीन आरोप के चलते उसे माफ करना संभव नहीं था इसीलिए उसे फांसी की सजा दी गयी।विज्जाल का उदाहरण देते माओवादी नेता का कहना है कि माओवादी संगठन परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। जिसमें पार्टी के सभी सदस्यों को सभी तरह की परिस्थितियों के लिए तैयार रहने की आवष्यकता है। यहां आवश्यक हो गया है कि संगठन अपने स्तर पर निचले स्तर से लेकर उपर तक सतत् निगरानी बरतें ताकि संगठन में उत्पन्न भीतरघात की लहर को समय रहते रोका जा सके। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विज्ज़ा की हत्या के बाद माओवादियों के बड़े नेताओं द्वारा संगठन के जनता ना सरकार अध्यक्षों को एक बयान जारी कर विज्ज़ा के हत्या को लेकर सफाई दिया है।