विश्वव्यापी कोविड-19 महामारी को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल संजीदा है और इसके लिए उन्होंने राजपत्र में संशोधन कर आबकारी अधिनियम अनुसार सेस लगाया है जिसके फलस्वरूप 364 करोड़ 75 लाख 37 हजार 048 रुपए राजस्व में प्राप्त हुआ किंतु इस राशि का सदुपयोग अधिकारियों की वजह से जमीनी स्तर पर नहीं हुआ जिससे स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर अतिआवश्यक सामग्री, चिकित्सकों की नियुक्ति, दवाएं सहित अन्य जरुरत सामग्री की खरीदारी नहीं कर पाए जिससे आबकारी विभाग के मंत्री कवासी लखमा की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लग रहा है। इस पैसे का सदुपयोग नहीं होने से भाजपा को बैठे बिठाए मुद्दा मिल गया है।
भूपेश बघेल सरकार बेहतरीन कार्य कर रहा है किंतु मंत्रियों के जमकर किरकिरी हो रही है जबकि मुख्यमंत्री ने आदिवासी व्यक्ति को आबकारी मंत्री जैसे महत्वपूर्ण विभाग का मंत्री बनाया किंतु उनके अनपढ़ होने के कारण हर बार किरकिरी हो रही है। ज्ञात हो कि कोशिश महामारी को देखते हुए आबकारी शुल्क के रूप में 198 करोड़ 19 लाख 98 हजार 240 रुपए एवं विदेशी मदिरा से 166 करोड़ 55 लाख 38 हजार 808 रुपए की राशि छग स्टेट मार्केटिंग कार्पोरेशन लिमिटेड द्वारा शासकीय कोष में जमा की गई जोकि 364करोड़75लाख37हजार048 रुपए प्राप्त हो गये तथा इतनी राशि से दो-दो अपोलो जैसे सर्वसुविधायुक्त अस्पतालों का निर्माण किया जा सकता है किंतु यह राशि अधोसंरचना विकास मद से खर्च किया जाएगा जोकि भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ सकता है।