हमने कोई नियम नहीं तोड़ा, कलेक्टर के नोटिस पर एनएमडीसी का जवाब

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  • राज्य सरकार की साख पर आंच पहुंचा रहे हैं डीएम 
    -अर्जुन झा-
    जगदलपुर बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा जिले के कलेक्टर द्वारा एनएमडीसी की किरंदुल यूनिट को जारी नोटिस से राज्य सरकार की साख पर आंच पहुंच रही है। एनएमडीसी ने इस नोटिस का जवाब देते कहा है कि एनएमडीसी ने राज्य के खजाने को कभी नुकसान नहीं पहुंचाया है। एनएमडीसी प्रबंधन ने जिला प्रशासन को सिलसिलेवार जवाब भी दिया है।
    रेलवे ट्रांजिट पास (आरटीपी) के बिना लौह अयस्क के कथित परिवहन और खनन कानूनों के उल्लंघन के नाम पर 1620.5 करोड़ रुपये का जुर्माना और मुआवजा लगाने का जो नोटिस दिया गया है, उसका जवाब एनएमडीसी प्रबंधन ने दिया है। प्रबंधन ने कहा है कि वर्तमान मामले में तथ्यों और परिस्थितियों पर विचार किए बगैर और बिना देखे मुआवजे की मांग और जुर्माना लगाना पूरी तरह अनुचित है।

एनएमडीसी लिमिटेड भारत सरकार के पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफसीसी) से वैध खनन पट्टे, अनुमोदित खनन योजना, सीटीओ, सीटीई, पर्यावरण मंजूरी और वन मंजूरी के साथ कार्य कर रहा है। छत्तीसगढ़ खनिज (खनन, परिवहन एवं भंडारण) नियम, 2009 के नियम 2, उप नियम 1 (डी) के अनुसार निक्षेपवार, ग्रेडवार और उत्पादवार अग्रिम रॉयल्टी का भुगतान किरंदुल कॉम्प्लेक्स, एनएमडीसी लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ राज्य सरकार को ऑनलाइन पोर्टल और अग्रिम रॉयल्टी के भुगतान के बाद, ई-परमिट नंबर जेनरेट किए जा रहे हैं। चूंकि एनएमडीसी बिंदु क्रमांक 2 के अनुसार अग्रिम रॉयल्टी भुगतान कर रहा है, इसलिए बीआईओएम किरंदुल कॉम्प्लेक्स ने रेलवे ट्रांजिट पास (आरटीपी) के बिना लौह अयस्क के कथित परिवहन के लिए छत्तीसगढ़ खनिज (खनन, परिवहन और भंडारण) नियम 2009 का कोई उल्लंघन नहीं किया है। राज्य सरकार रॉयल्टी मूल्यांकन के समय हर छह महीने में इन अभिलेखों का सत्यापन करता है और राज्य सरकार द्वारा अब तक एक भी आपत्ति नहीं उठाई गई है, जिससे जानकारी मिलती है कि बीआईओएम किरंदुल कॉम्प्लेक्स द्वारा कोई उल्लंघन नहीं किया गया है।तकनीकी रूप से, लौह अयस्क ग्रेड को अंतिम रूप देने में समय लगता है, जिससे रेलवे ट्रांजिट पास (आरटीपी) के निर्माण में 2-3 दिनों की देरी होती है। हालांकि, इससे राज्य के खजाने को कोई नुकसान नहीं होता है। इस तरह जब राज्य सरकार ने कभी एनएमडीसी के खनिज उत्खखनन पर कभी उंगली नहीं उठाई है और हमेशा रायल्टी भुगतान को लेकर संतुष्ट रही है, तब दंतेवाड़ा जिला प्रशासन द्वारा अरबों रुपयों का जुर्माना एनएमडीसी पर लगाए जाने से विवाद की स्थिति निर्मित होने की संभावना है। इससे राज्य सरकार की साख पर आंच तो पहुंच ही रही है, एक ही दल की राज्य व केंद्र सरकार के बीच टकराव पैदा होने की आशंका भी बढ़ गई है।