- फिर झूठ कौन बोल रहा है कांग्रेस, कुमार स्वामी या केंद्र सरकार की वेबसाइट?
–अर्जुन झा-
जगदलपुर बस्तर के इकलौते बड़े उद्योग नगरनार इस्पात संयंत्र के निजीकरण की बात से इस्पात एवं भारी उद्योग मंत्री एचडी कुमार स्वामी ने साफ इंकार किया है। ऐसे में अब एक नया सवाल पैदा हो गया है कि इस स्टील प्लांट के बारे में झूठ आखिर कौन परोस रहा है – कांग्रेस, केंद्र सरकार की वेब साइट या फिर इस्पात मंत्री।
राष्ट्रीय खनिज विकास निगम का नगरनार स्टील प्लांट अपनी स्थापना के आरंभिक दिनों से ही चर्चाओं के केंद्र में रहा है। कांग्रेस शुरू से आरोप लगाती आई है कि केंद्र की मोदी सरकार नगरनार स्टील प्लांट का निजीकरण करने वाली है। कई अखबारों ने भी इस बात को हवा दी। संसद से लेकर सड़क तक संयंत्र के निजीकरण का मसला छाया रहा। तत्कालीन सांसद दीपक बैज इस मसले को लोकसभा में निरंतर उठाते रहे हैं। उन्होंने लोकसभा में यह भी दलील दी थी कि नगरनार इस्पात संयंत्र को बेचा जाना बस्तर के आदिवासियों के साथ विश्वासघात होगा। संयंत्र का निजीकरण हो जाने से वहां आरक्षण का क्राईटेरिया लागू नहीं हो पाएगा और वहां बस्तर के आदिवासी युवा नौकरी पाने से वंचित हो जाएंगे। श्री बैज ने सदन में यह भी मांग उठाई थी कि नगरनार इस्पात संयंत्र को छत्तीसगढ़ सरकार के हवाले कर दिया जाए, छग सरकार उसका बेहतर संचालन कर लेगी। बतौर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज सार्वजनिक मंचों से भी इसके निजीकरण का पुरजोर विरोध करते रहे हैं।. कई बार कहा गया कि नगरनार स्टील प्लांट को केंद्र सरकार अडानी ग्रुप के हाथों बेचने जा रही है। वहीं सर्व आदिवासी समाज भी संयंत्र के निजीकरण के विरोध में सड़क पर उतर आया था। इसके विरोध में बस्तर बंद का भी आह्वान किया गया था। वहीं विधानसभा एवं लोकसभा चुनावों के दौरान बस्तर दौरे पर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भरी सभा में ऐलान किया था कि नगरनार इस्पात संयंत्र को हरगिज बेचा नहीं जाएगा। उस पर पहला और पूरा हक बस्तर के आदिवासियों का है। अब एक नया मामला सामने आया है कि केंद्र सरकार की वेब साइट में नगरनार इस्पात संयंत्र को बेचे जाने की प्रक्रिया का जिक्र है। इसे लेकर भी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने इस्पात मंत्री एचडी कुमार स्वामी पर सवालों की बौछार कर दी। उन्होंने कहा कि कुमार स्वामी इस बारे में अपना स्टैंड क्लियर करें। इन्हीं चर्चाओं और कयासों के बीच केंद्रीय इस्पात एवं भारी उद्योग मंत्री एचडी कुमार स्वामी का सोमवार को बस्तर आगमन हुआ। जगदलपुर के मां दंतेश्वरी एयरपोर्ट में मीडिया से चर्चा करते हुए इस्पात मंत्री कुमार स्वामी ने कहा कि वह नगरनार स्टील प्लांट के विजिट पर जा रहे हैं। वहां के कामकाज की समीक्षा करेंगे। जिन विषयों पर आज ही निर्णय लिया जा सकता है, लेंगे। अन्य विषय जिन पर अभी निर्णय नही हो सकता उसके लिए समय सीमा तय की जाएगी। पत्रकारों ने जब उनसे पूछा कि क्या एनएमडीसी के नगरनार स्टील प्लांट को निजी हाथों में दिए जाने की कोई योजना है ? कुमार स्वामी ने साफ कहा कि ऎसी कोई प्लानिंग ही नहीं है।
कांग्रेस के दोनों हाथ में लड्डू
कुमार स्वामी तो निजीकरण के सवाल का जवाब एक लाइन में दे गए, मगर अपने पीछे एक नया सवाल छोड़ गए कि फिर आखिर झूठ कौन बोल रहा है? क्या जनता के बीच कांग्रेस झूठ परोस रही है? क्या केंद्र सरकार की वेब साइट की बात झूठी है? क्या प्रधानमंत्री व गृहमंत्री बस्तर आकर झूठ बोल गए हैं या फिर स्वयं इस्पात मंत्री मीडिया को गलत जानकारी दे गए हैं? जब तक इन सवालों का तसल्ली भरा एकमुश्त जवाब नहीं मिल जाता, तब तक बस्तर की जनता की बेचैनी और चिंता दूर नहीं होने वाली है। इसलिए केंद्र सरकार को अपना स्टैंड क्लियर करना होगा। इस मामले में कांग्रेस के दोनों हाथों में लड्डू है। अगर केंद्र सरकार नगरनार स्टील प्लांट का निजीकरण कर देती है तो कांग्रेस डंके की चोट पर विरोध में न सिर्फ खड़ी हो जाएगी, बल्कि बस्तर की जनता को भी अपने साथ करने में सफल हो जाएगी। वहीं अगर निजीकरण नहीं होता है तो कांग्रेस जनता के बीच यह प्रचारित करेगी कि हमारे दबाव के चलते केंद्र सरकार को निजीकरण का फैसला वापस लेना पड़ा है।