जन मुक्ति मोर्चा ने कहा सत्ताधारी नेता जनहित के मुद्दे व भ्रष्टाचार रोकने पर ध्यान दे

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दल्ली राजहरा के जनता के नेता के बजाये पार्टी द्वारा स्थापित नेताओ द्वारा राजहरा नगर निरीक्षक (टी.आई) के लगातर स्थानातरण कि मांग किया जा रहा है, कारण अस्पष्ट है, वही दूसरी ओर राशन दुकान आबंटन में स्पष्ट घोटला नजर आने के बाद भी पार्टी द्वारा पोषित ये नेता घोटाले में संलिप्त भ्रष्ट अधिकारीयों के लिए ना कानूनी कार्यवाही, निलंबन के मांग करने में चुप्पी साधे बैठे है |विदित हो कि राजहरा नगर में सट्टा शराब अवैध उगाही से कई नेताओ कि राजनीति व घर चलता है, लगातार नगर निरीक्षक (टी.आई) द्वारा ऐसे गैर कानूनी गतिविधियों पर ताबड़तोड़ कार्यवाही से राजहरा के अपराधी जेल में है जिससे कि राजहरा में अपराध की कमी व शांति कायम है |

यदि कांग्रेस की शासन में सभी पुलिस या अधिकारी के स्थानातरण शासन के बजाय कतिपय नेताओ के भरोसे पर होता होगा तो ये आम जनता से विश्वासघात व प्रशासन में बैठे अधिकारीयों के अधिकार को समझा जा सकता है | रसूखदार लोगों के दबाव में पुलिस अधिकारीयों पर बढ़ने से आम जनता के उपर अन्याय व पुलिस से न्याय की उम्मीद नही किया जा सकता, जो पुलिस के कार्य में दखल देते है या शहर में अपना रुतबा के लिए पुलिस अधिकारीयों के बेवजह स्थानातरण की मांग करते है तो पुलिस अधिकारी व पुलिस थाना का कोई औचित्य नही है, जिले के बड़े अधिकारीयों को तय करना चाहिए |वही दुसरे ओर दल्ली राजहरा में राशन दुकान आबंटन में कथित भ्रष्टाचार, लुके छिपे ढंग से बिना पारदर्शिता के अपने चाहते लोगो को आबंटन कर दिया गया है |आम जनता के द्वारा इस घोटाले में उच्च स्तरीय जाँच करने व इस आबंटन को निरस्त करने तथा भ्रष्टाचार में संलिप्त अधिकारीयों, जनप्रतिनिधियों पर कानूनी कार्यवाही कर गिरफ्तार की मांग को न अधिकारी सुन रहे है और वही नगर निरीक्षक के स्थानातरण की आवाज उठाने वाले नेता, आश्चर्यजनक ढंग से चुप्पी साध लिए है | इन दोनों मुद्दों पर शासन प्रशासन अपना मत स्पष्ट नही करते तो जन मुक्ति मोर्चा शीघ्र ही सड़क की लड़ाई लड़ेगी और उग्र आंदोलन करेगी ।

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