अकेला चला था, कारवां बनता गया, दीपक बैज का जोश हाई

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  •  अब अकेला नहीं रह गया है न्याय की राह का पथिक 
  • सारागांव से आगे बढ़ा दीपक बैज का कारवां 

अर्जुन झा-

जगदलपुर एक शेर है – मैं चला था अकेले कारवां बनता गया। यह शेर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज के नेतृत्व में कांग्रेस द्वारा निकाली गई छत्तीसगढ़ न्याय यात्रा के साथ फिट बैठ रहा है। दीपक बैज का कारवां इतना लंबा हो चला है कि उसे देख पीसीसी चीफ का जोश हाई है। बिना थके, बिना हारे न्याय की राह का यह पथिक आगे बढ़ता ही चला जा रहा। उसने इंसाफ की लड़ाई जो छेड़ रखी है। लड़ने वाला कभी थकता नहीं, हार जीत की परवाह कभी करता नहीं, क्योंकि वह अब अकेला नहीं है। उसकी आवाज में अब लाखों आवाजें शामिल हो गई हैं।

छत्तीसगढ़ न्याय यात्रा के पांचवे दिन का आगाज सारागांव से हुआ। दीपक बैज का कारवां सारागांव के कस्तूरबा गांधी आश्रम से सुबह 9 बजे निकल पड़ा।शुरू में सेवादल के लोगों ने राष्ट्रध्वज को सलामी दी।यात्रा शुरू करने से पहले अध्यक्ष दीपक बैज सरागांव में मीडिया के साथियो से घिर गए। उन्होंने संवाददाताओं से चर्चा करते हुए प्रदेश के बिगड़े हालात, कानून व्यवस्था, बढ़ते अपराधों पर चिंता जताई और भाजपा सरकार को हर दृष्टि से फेल करार दिया। दीपक बैज ने कहा कि यह महज यात्रा नहीं, इंसाफ की लड़ाई भी है। इसके बाद पीसीसी चीफ दीपक बैज का काफिला विभिन्न गांवों से गुजरता हुआ दोपहर को डीपीएस स्कूल के पास सेमरिया गांव पहुंचा। जहां साहू समाज भवन में दोपहर भोजन और विश्राम की व्यवस्था थी।पांचवे दिन की यात्रा का अंतिम पड़ाव सड्डू है। चार दिन से पैदल चलते रहने के बाद भी दीपक बैज जरा भी थके नजर नहीं आ रहे हैं। उल्टे यात्रा में उमड़ रही भीड़ और मिल रहे जन समर्थन से उनका जोश हाई नजर आ रहा है। वे दोगुने नहीं बल्कि चार गुना ज्यादा जोश से लबरेज होकर लगातार अपने कर्म पथ पर आगे बढ़ रहे हैं। पार्टी के अन्य बड़े नेता भी गाहे बगाहे न्याय यात्रा में शामिल होने के लिए पहुंचते रहते हैं।