इसे कहते हैं संवेदनशीलता के साथ कर्तव्य निर्वहन, उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा की कार्यशैली है लाजवाब

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  • घायल जवान का दर्द साझा करने आधी रात अस्पताल पहुंचे शर्मा 

अर्जुन झा-

जगदलपुर विपक्ष चाहे जितना भी तोहमत लगाए, लेकिन छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा की संवेदनशीलता और कर्तव्य परायणता पर कोई उंगली नहीं उठा सकता। किसी घायल जवान से मिलने आधी रात को अस्पताल जाना कोई जनप्रतिनिधि जरूरी नहीं समझता, मगर गृहमंत्री विजय शर्मा ऐसे नेताओं और जनप्रतिनिधियों में शुमार नहीं हैं, तभी तो आधी रात को वे नक्सली हमले में घायल जवान से मिलने श्री नारायणा हॉस्पिटल जा पहुंचते हैं, जवान का दर्द साझा करते हैं और उसका हौसला बढ़ाते हुए कहते हैं- चिंता मत करो, सब ठीक हो जाएगा, मैं हूं न।

विजय शर्मा उप मुख्यमंत्री और गृहमंत्री बनने के बाद से ही लगातार बस्तर में नक्सली समस्या पर ध्यान केंद्रित किए हुए हैं। वे नकसल प्रभावित इलाकों में जाकर आदिवासियों से सीधा संवाद करते हैं, उनका दुख दर्द पूछते हैं और उनकी तकलीफ दूर करने की कोशिश करते हैं। यही नहीं नकसल उन्मूलन अभियान में तैनात जवानों के कैंपों में भी जाकर जवानों का हौसला बढ़ाते रहते हैं। विजय शर्मा के इन प्रयासों के सकारात्मक नतीजे भी लगातार सामने आ रहे हैं। नक्सल नासूर को जड़ से खत्म करने के केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के कठोर संकल्प को पूरा करने की दिशा में छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री तेजी से अग्रसर होते दिख रहे हैं। बीजेपी के युवा गृह मंत्री विजय शर्मा लगातार बस्तर संभाग के दौरे करते आ रहे हैं। वे स्थानीय पुलिस, सीआरपीएफ, बीएसएफ में गजब की तालमेल बनाकर एंटी नकसल मूवमेंट को आगे बढ़ाने का काम बखूबी कर रहे हैं। भाजपा की सरकार आने के बाद जहां नक्सली हमलों में सिविलियंस और जवानों की की मौतों का ग्राफ जहां काफी नीचे आ गया है, वहीं नक्सली अंधाधुंध तेज गति से मारे जा रहे हैं। विष्णु देव साय सरकार की आत्मसमर्पण नीति भी बेहद कारगर साबित हो रही है। सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर, कोंडागांव, कांकेर जिलों में बड़े पैमाने पर नक्सली आत्मसमर्पण कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर नियद नेल्ला नार जैसी योजनाओं के दम पर नक्सल प्रभावित गांवों में तमाम सुख सुविधाएं भी पहुंचने लगी हैं। इससे ग्रामीणों का भरोसा सरकार, पुलिस और प्रशासन पर बढ़ा है। पुलिस ने निरीह आदिवासियों पर जुल्म ढाना बंद कर दिया है। पुलिस और दीगर सुरक्षा बल आदिवासियों के साथ दोस्ताना व्यवहार करने लगे हैं, उनके लिए स्वास्थ्य शिविर लगा रहे हैं, खेल गतिविधियां आयोजित कर रहे हैं और उनके बच्चों की पढ़ाई भी करवा रहे हैं। यह सब मुमकिन हुआ है केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय तथा उप मुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा की जमीनी पहल के दम पर। छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार राज्य के किसी गृह मंत्री ने जवानों के हौसले को आसमान की बुलंदियों तक पहुंचा दिया है। इसके सुखद परिणाम भी सामने आने लगे हैं। उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा नक्सलियों से मुठभेड़ में घायल डीआरजी के जवान बीती देर रात राजधानी रायपुर के  नारायणा अस्पताल पहुंचे। इस दौरान उप मुख्यमंत्री ने घायल जवान से उनका हालचाल जाना।  शर्मा ने घायल जवान से घटना की जानकारी भी ली।

नक्सलियों को फिर नेक सलाह

विजय शर्मा ने कहा कि मुठभेड़ में 28 नक्सलियों के शव बरामद हुए हैं, सर्चिंग ऑपरेशन अभी भी जारी है। संभवतः और दो-तीन नक्सलियों के शव बरामद हो सकते हैं। आज तक के नक्सल ऑपरेशन में जो कांकेर में हुआ था उससे भी बड़ा नक्सल ऑपरेशन हुआ है। बहुत बड़ी संख्या में एके-47, एसएलआर बरामद हुआ है, बहुत सारे हथियार बरामद हुए हैं। उस क्षेत्र में नक्सलियों की कमर टूट गई है, पूरी कंपनी खत्म हो गई। विजय शर्मा ने फिर दोहराया कि मैं नक्सलियों से कहना चाहता हूं कि सभी को घर पर वापस आना चाहिए। छत्तीसगढ़ की सरकार अच्छी सरेंडर पालिसी के साथ सामने आ रही है। मुख्यधारा पर सभी लौट आएं। बस्तर और बस्तर का जल, जंगल और जमीन बस्तरवासियों का है। उन्होंने कहा कि बस्तर के विकास के मार्ग पर बिछे हुए आईईडी को अब समाप्त कर देना चाहिए।