खदान मजदूर संघ भिलाई के महामंत्री एम पी सिंग ने मुख्य महाप्रबंधक राजहरा खदान समूह भिलाई इस्पात संयंत्र को पुनः ज्ञापन सौंपकर (1) Award letter no CCNW HH/PO-4270009384/PRNO-1130016028/610,Dtd-29-02-2020 (2) Award letter no-CCNW/PO-4270007912/PRNO-1130013744/680 संदर्भित ठेके में हुए भ्रष्टाचार पर कार्रवाई की पुनः मांग की है मैसर्स राजहरा इंजीनियरिंग वर्क्स सहकारी समिति मर्यादित (REWSS) के संचालक श्री अनिल यादव एवं राजहरा प्लांट के उप महाप्रबंधक श्री S.R.BASKI के द्वारा आपसी मिली भगत से भ्रष्टाचार की गई और वह प्रमाणित भी हो चुका है, जिसकी जानकारी ना केवल स्थानीय स्तर पर संबंधित अधिकारियों को दी गई बल्कि इसकी जानकारी प्रभारी डायरेक्टर भिलाई इस्पात संयंत्र एवं सेल चेयरमैन महोदया को भी दी गई( इस संदर्भ में संघ द्वारा अब तक की गई पत्रव्यवहार की प्रति लिपियां संलग्न है)। सेल कार्पोरेट कार्यालय के अधिकारियों से चर्चा भी की गई जिसमें कहा गया कि स्थानीय अधिकारियों को इस विषय में जांच कर समुचित विभागीय कार्रवाई करने हेतु निर्देशित कर दिया गया है।
स्थानीय स्तर पर इस मुद्दे को लेकर प्रबंधन की हर स्तर पर संघ ने चर्चा की जिसमें प्रबंधन के अधिकारियों द्वारा यही आश्वासन दिया गया कि सेल में भ्रष्टाचार और भ्रष्ट अधिकारी/कर्मचारी/ ठेकेदार के लिए कोई जगह नहीं है और इस मुद्दे पर संबंधित अधिकारी एवं ठेकेदार पर समुचित कार्रवाई की जाएगी। किंतु आज तक किसी तरह का कोई कारवाई ना होना यही दर्शाता है कि इस भ्रष्टाचार के खेल में संभवतः स्थानीय स्तर एवम उच्च स्तर के अधिकारियों का पूरा संरक्षण एवं सहयोग है और इसलिए अधिकारी किसी तरह की कोई करवाही नहीं कर रहे हैं। इस मुद्दे को संघ के द्वारा माननीय प्रभारी निदेशक बीएसपी के साथ हुई चर्चा में भी उठाया गया था । जिस पर प्रभारी निदेशक bsp ने शीघ्र ही समुचित कार्रवाई की बात कही थी किंतु स्थिति आज भी वही है और किसी तरह का कोई कर्यवाही प्रबंधन द्वारा नहीं किया गया है जो कि कई प्रश्नों को जन्म देता है और अधिकारियों की भ्रष्टाचार में लिप्त होने की पुष्टि करता है।
अतः इस पुनस्मरण ज्ञापन के माध्यम से संघ आपसे यह निवेदन करता है कि इस भ्रष्टाचार में लिप्त ठेकेदार एवं अधिकारी पर प्रबंधन द्वारा इस पत्र प्राप्ति के एक सप्ताह के अंदर दंडात्मक कार्यवाही की जाए और की गई करवाही से संघ को लिखित में सूचित की जावे। अगर प्रबंधन के अधिकारियों द्वारा ऐसा नहीं किया जाता है तो संघ न केवल इस भ्रष्टाचार के विरुद्ध समुचित कानूनी कार्रवाई करने हेतु स्वतंत्र होगा बल्कि उक्त ठेकेदार द्वारा किए गए और किए जा रहे सभी ठेके कार्यों एवं सभी संबंधित अधिकारी /अधिकारियों के देखरेख में कराए गए एवं कराए जा रहे सभी ठेकाकार्यो की जांच की मांग करते हुए समुचित फोरम में बात दायर करने हेतु भी स्वतंत्र होगा।
लगातार शिकायत करने के बाद भी सोसायटी संचालक अनिल यादव के ऊपर भ्रष्टाचार प्रामाणित होने पर भी अधिकारीयों द्वारा किसी भी प्रकार की कार्यवाही का न करना अपने आप में कई तरह के शंकाओं को जन्म देता है। संघ को लगता है कि कुछ भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत से सोसायटी संचालक अनिल यादव भ्रष्टाचार करके गरीब मजदूरों के मेहनत की कमाई पर डाका डाल रहा है। लगभग 8 माह से अधिक समय बीतने के बाद भी किसी तरह की कार्यवाही का न होना एक बड़े भ्रष्टाचार की ओर इशारा करते हैं। क्योंकि जब सिर्फ एक ठेके में अनिल यादव द्वारा जब लाखों का घोटाला किया गया है तो आज खदान में अधिकतम ठेके अनिल यादव की सोसायटी द्वारा संचालित किया जा रहा है इसलिए अनिल यादव द्वारा संचालित सोसायटी के सभी ठेकों की जांच होनी चाहिए, जिससे खदान में चल रहे भ्रष्टाचार का पता लगाया जा सके,संघ को पुरा विश्वास है कि ईनके सभी ठेकों में भ्रष्टाचार पाया जायेगा और वो भी करोड़ों का,मगर कुछ अधिकारी अपनी पोल खुलने के डर से ईस किसी प्रकार की कार्यवाही और ईसके ठेकों की जांच को रोक रहे हैं।आज कंपनी की स्थिति आर्थिक रूप से कमजोर हो रही है जिसका एक बड़ा कारण अनिल यादव जैसे ठेकेदार और ईनको संरक्षण देने वाले भ्रष्ट अधिकारि है।जो दीमक की तरह कंपनी को चूसने में लगे हैं जिसका सीधा नुकसान नियमित कर्मचारियों को हों रहा है,वेतन समझौता वर्षों से लंबित है,एक एक कर नियमित कर्मचारियों की सुवीधाओ में कंपनी कटौती करते जा रही है। इसलिए संघ अनिल यादव के सभी ठेकों की जांच की मांग करता है,मगर यहां तो स्थिति यह है किबिल्ली के गले में घंटी बांधेगा कौन, क्योंकि यहां के अधिकारियों में छोटे ठेकेदारों को बहुत नियम कानून बाताया जाता है मगर जब अनिल यादव की बात आती है तो सब मुंह छुपाने लगते हैं। अभी आप लोगों ने अखबार के माध्यम से पढ़ा होगा कि किस तरह भ्रष्टाचार प्रमाणित होने पर मेसर्स अर्पित एसोसिएट का वेंडर रजिस्ट्रेशन रद्द करने का आदेश सेल के विजलेंस विभाग ने जारी किया, क्या उसी तर्ज़ पर अनिल यादव की सोसायटी का भ्रष्टाचार प्रमाणित होने पर वेंडर रजिस्ट्रेशन रद्द नहीं किया जाना था?? जबकि अनिल यादव की सोसायटी के खिलाफ भ्रष्टाचार के पुरे प्रमाण प्रबंधन के पास है। उसके बाद भी किसी तरह की कोई कार्यवाही नही करना है। अधिकारियों की हठधर्मिता और मिलीभगत को दर्शाता है।
संघ प्रबंधन से ईस पर जल्द से जल्द दोषी ठेकेदार और भ्रष्ट अधिकारियों के ऊपर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग करता है। संघ ने ईसकी प्रतिलिपि प्रभारी निदेशक भिलाई इस्पात संयंत्र,ई डी एम एंड आर,ई, डी, पी एंड ए,जी,एम, पर्सनल, जी,एम, पी, एम,एच,डी जी एम , पर्सनल राजहरा, जी एम ,आर,एम,एम, विजलेंस भिलाई इस्पात संयंत्र भिलाई को सम्मिलित की है |