- ईडी की छापेमारी के बाद पहली बार आए मीडिया के सामने पूर्व मंत्री
अर्जुन झा-
जगदलपुर ईडी की छापेमारी के बाद पहली बार मीडिया के सामने आए शराब घोटाले में फंसे पूर्व आबकारी कवासी लखमा खुद को अनपढ़ बताकर अपना बचाव करते नजर आए।
उल्लेखनीय है कि ईडी की टीमों ने शनिवार को पूर्व मंत्री कवासी लखमा के नागारास सुकमा तथा रायपुर स्थित आवासों, उनके सुकमा जिला पंचायत अध्यक्ष पुत्र हरीश कवासी एवं विश्वासपात्र सुकमा नगर पालिका अध्यक्ष जगन्नाथ राजू साहू और बड़े ठेकेदार भदौरिया के सुकमा स्थित आवासों पर एकसाथ आठ घंटे तक छापेमारी की थी। छापेमारी में इन चारों के ठिकानों से ईडी को अहम दस्तावेज, लैपटॉप आदि मिलने की खबर है। ईडी की टीमें सभी के मोबाईल फोन भी जप्त कर अपने साथ ले गई हैं। रायपुर में कवासी लखमा के दो अन्य करीबियों के ठिकानों पर भी छापे मारे गए थे। इस कार्रवाई के बाद पहली बार मीडिया के सामने आए कवासी लखमा का चेहरा बुझा बुझा सा नजर आ रहा था, बोलने में भी थरथराहट सी महसूस हो रही थी। मीडिया के सामने खुद को बेकसूर बताते हुए कवासी लखमा ने ईडी की छापेमारी को राजनीति से प्रेरित बताया। लखमा ने कहा- मैंने विधानसभा में सड़क निर्माण के ठेके, छात्रावास आश्रमों में आदिवासी बच्चों की मौत जैसे गंभीर मुद्दे उठाए थे। इन मामलों में भाजपा सरकार घिरी हुई है और इसलिए छापेमारी कराई गई है। कवासी लखमा ने खुद को अनपढ़ बताते हुए कहा कि एक अनपढ़ व्यक्ति भला कैसे हजारों करोड़ का घोटाला कर सकता है? कवासी लखमा ने कहा कि उनके एवं उनकी पत्नी के नाम पर मात्र एक एक बैंक अकाउंट है। शराब घोटाले में अपना हाथ होने से साफ इंकार करते हुए कवासी लखमा ने कहा कि यह पुराना मामला है और अब कार्रवाई की जा रही है, यह भी संदेहास्पद है। गौरतलब है कि अक्सर मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक और कांग्रेस के ही नेताओं का मजाक बनाने वाले कवासी लखमा शराब घोटाले के मामले में अपने आपको अनपढ़ बताकर बचने के प्रयास में नजर आ रहे हैं। ईडी की छापेमारी को 50 घंटे से ज्यादा का समय बीत चुका है, मगर कवासी लखमा के बचाव में कांग्रेस का कोई बड़ा नेता खड़ा होता दिखाई नहीं दे रहा है। वहीं प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से भी इस बारे में कोई अधिकृत बयान अब तक नहीं आया है। मतलब कभी पार्टी के नेताओं को ठेंगे पर रखने वाले कवासी लखमा को अब बाकी नेता ही अंगूठा दिखा रहे हैं। यही लखमा कभी बस्तर के विधायक सांसद का मजाक बनाया करते थे, अब खुद को उपहास का पात्र बना चुके हैं।