- ईडी दफ्तर जाने से पहले मीडिया से बोले लखमा
- खुद को पूरी तरह बेकसूर बताया लखमा दादी ने
- कवासी लखमा ने खेला अब आदिवासी कार्ड
अर्जुन झा
जगदलपुर शराब घोटाला मामले में ईडी के चंगुल में फंस चुके पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने खुद को बेकसूर, ईमानदार और गरीब इंसान बताते हुए ईडी की कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताया है। इस दौरान उन्होंने आदिवासी कार्ड भी खेला और रामायण के एक प्रसंग से भी खुद को जोड़ा।
कांग्रेस शासनकाल में हुए शराब घोटाले में फंसे पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा आज शुक्रवार को रायपुर स्थित ईडी के क्षेत्रीय कार्यालय पहुंचे। ईडी ने उन्हें और उनके सुकमा जिला पंचायत अध्यक्ष पुत्र हरीश कवासी को पूछताछ लिए बुलाया था। कवासी परिवार के ठिकानों पर आठ घंटे तक चली छापेमारी के बाद उन्हें तलब किया गया है। ईडी दफ्तर जाने से पहले मीडिया कर्मियों ने कवासी लखमा को घेर लिया। लखमा 4 मिनट 24 सेकंड तक अपनी बात मीडिया के सामने अपनी बात रखते रहे। उन्होंने ईडी की कार्रवाई को अपने द्वारा विधानसभा में उठाए भ्रष्टाचार, आदिम जाति कल्याण विभाग के आश्रम छात्रावासों में विद्यार्थियों की मौत, उनके साथ हो रही घटनाएं उठाए जाने तथा होने जा रहे पंचायत एवं नगरीय निकायों से जोड़ा। कवासी लखमा ने कहा कि आदिवासी हित की बात उठाने और स्थानीय निकायों के चुनावों को प्रभावित करने के इरादे से भाजपा के इशारे पर मेरे खिलाफ कार्रवाई की जा रही है, लेकिन मैं डरने, झुकने वाला नहीं हूं, मुझे कानून और ईडी पर भरोसा है। इसके साथ ही कवासी लखमा ने कहा- मैं अनपढ़, ईमानदार, गरीब आदिवासी हूं। मेरे पास मात्र छह एकड़ जमीन है, चार एकड़ गांव में और दो एकड़ जगदलपुर में। लखमा ने कहा कि मैं रामायण सीरियल कभी देखता नहीं था, कोरोना के दौरान देखा। रामायण में जिस तरह राजा दशरथ ने एक गरीब व्यक्ति पर बाण चलाया था और उस गरीब का श्राप राजा दशरथ को भोगना पड़ा था, आज वैसा ही मेरे साथ भी हो रहा है। कवासी लखमा ने यह भी कहा कि मैं ईडी के हर सवाल का जवाब दूंगा और मरते दम तक गरीबों की सेवा करता रहूंगा।
नहीं पहुंचा कोई समर्थक
आम तौर पर जब किसी नेता को ईडी या सीबीआई जैसी जांच एजेंसियां बुलाती हैं, तब इन जांच एजेंसियों के दफ्तर के सामने संबधित नेता के समर्थकों और उसके दल के नेता कार्यकर्ताओं का हुजूम लग जाता है, मगर कवासी लखमा के मामले में ऎसी कोई बात नजर नहीं आई। कवासी लखमा निपट अकेले नजर आए। उनके पीछे न कोई समर्थक था, न ही कांग्रेस के लोग पहुंचे थे।ईडी दफ्तर के बाहर सन्नाटा पसरा रहा। कोई नहीं था बाहर और कोई प्रदर्शन हुआ कांग्रेस का कोई नेता भी नहीं पहुंचा। इससे लगता है कि ईडी के शिकंजे में आने के बाद अब कांग्रेस ने अपने ही नेता कवासी लखमा को उनके हाल पर छोड़ दिया है। बड़ी बात तो यह कि कवासी लखमा अपने जिस आका के इशारे पर नाचते, गरजते रहे हैं, उस आका के खेमे से भी कोई कांग्रेसी लखमा के जख्म पर मलहम लगाने नहीं पहुंचा।
निर्दोष हैं लखमा: शिव
पूर्व मंत्री कवासी लखमा से ईडी की पूछताछ को लेकर पूर्व मंत्री शिव डहरिया का बयान जरूर सामने आए हैं। डहरिया ने कहा है कि बस्तर में लखमा कांग्रेस की मजबूत कड़ी हैं, निकाय और पंचायत चुनाव है, इसलिए
मजबूत कड़ी को तोड़ने का प्रयास हो रहा है। शिव डहरिया ने कहा कि कांग्रेस पार्टी बस्तर में कमजोर हो जाए यही प्रयास है।लखमा हमारी पार्टी के आदिवासी नेता हैं ईमानदार व्यक्ति हैं। वे
ईडी की जांच में खरे उतरेंगे, निराअपराध घोषित होंगे।
कांग्रेस को तोड़ने की साजिश है। उन्होंने कहा कि
बिना जांच के कोई एजेंसी दोषी नहीं बता सकती है।
निर्दोष हैं, तो साबित करें: साव
उधर उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने ईडी की जांच के दायरे में आए कांग्रेस विधायक एवं पूर्व मंत्री कवासी लखमा के बयान पर पलटवार किया है। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि ईडी एक स्वतंत्र जांच एजेंसी है, जो भी स्थिति है, वह ईडी को बताना चाहिए, जो जानकारी है वो जानकारी उपलब्ध करानी चाहिए। साव ने कहा कि चाहे वह छोटा आदमी हो या बड़ा आदमी हो, एजेंसी समान रूप से जांच करती है। उनके भावनात्मक बातें करने से विषय नहीं बनेगा। जांच के जो तथ्य हैं, उन्हे स्पष्ट रूप से बताना चाहिए। साव ने कहा कि आपको ईडी ने पूछताछ के लिए बुलाया है तो जांच में सहयोग करें। अगर आप निर्दोष है तो उस तरह की बात कीजिए। ईडी सभी बातों पर विचार करेगा। साव ने भूपेश बघेल के बयान पर कहा कि छत्तीसगढ़ का एक-एक व्यक्ति इस बात को जानता है कि प्रदेश में शराब घोटाला हो रहा था। कैसे शराब दुकानों में दो-दो काउंटर बने थे, नकली होलोग्राम का उपयोग किया गया था। कांग्रेस सरकार में एक आर्गनाइज क्रिमिनल सिंडिकेट बनाकर शराब घोटाले को अंजाम दिया गया। ये छत्तीसगढ़ के आम लोग जानते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ये जांच कांग्रेस सरकार के रहते हुए शुरू हुई थी, जांच एक सतत प्रकिया है। केंद्रीय जांच एजेंसी की प्रकिया पर सभी को भरोसा करना चाहिए और जो तथ्य हैं वह ईडी को बताना चाहिए।