सुरक्षा बलों को सुकमा के जंगलों में मिला नक्सलियों का विशाल हथियार भंडार

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  •  घने जंगल में गुफा को बनाया था नक्सलियों ने अपना आयुध भंडार
  • सीआरपीएफ के खोजी कुत्ते ने किया कमाल 

अर्जुन झा

जगदलपुर बस्तर संभाग के जंगलों में वैसे तो नक्सलियों ने हथियारों के कई ठिकाने बना रखे हैं और सुरक्षा बल गाहे बगाहे उन भंडारों तक पहुंचती रहती है, मगर अब फोर्स ने नक्सलियों के सबसे विशाल हथियार भंडार पकड़ लिया है। इस शस्त्रागार में फोर्स ने घातक हथियार, आयुध निर्माण सामग्री, जनरेटर, वेल्डिंग गैस सिलेंडर, जीबीएल व अन्य सामग्री बरामद की है। इस हथियार भंडार तक पहुंचने में सीआरपीएफ के डॉग सक्वाड ने बड़ी अहम भूमिका निभाई।

बस्तर संभाग में चलाए जा रहे नक्सल विरोधी अभियानों में सुरक्षा बलों को नित नई कामयाबी मिल रही है। दो दिन पहले ही बस्तर के बीजापुर जिले के पामेड़ थाना क्षेत्र अंतर्गत भट्टीगुड़ा के जंगलों में नक्सलियों के अत्याधुनिक प्रशिक्षण केंद्र और नक्सली स्मारक को ध्वस्त कर दिया था। वहीं सुकमा जिले में 203 कोबरा बटालियन और सीआरपीएफ 131वीं बटालियन की संयुक्त टीम ने मेटागुडेम और डुलेर गांवों के बीच के वन क्षेत्र में विस्फोटक सामग्री और हथियार निर्माण उपकरणों का एक बड़ा भंडार बरामद किया। बुधवार की सुबह शुरू किए गए इस अभियान में दोनों बटालियनों की कई स्ट्राइक टीमों द्वारा समन्वित कार्रवाई की गई। 203 कोबरा के 5 टीमों ने 131 बटालियन सीआरपीएफ की ए और डी कंपनियों के साथ मिलकर क्षेत्र में माओवादी उपस्थिति के बारे में खुफिया इनपुट मिलने के बाद व्यापक खोज अभियान चलाया। दोपहर करीब 3 बजे खोज दल ने मेटागुडेम गांव से लगभग डेढ़ किलोमीटर दूर एक गुफा ठिकाना खोज निकाला। वहां नक्सलियों का बड़ा हथियार भंडार मिला है। शस्त्रागार में 21 इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइसेस (आईईडी), साबुन के केसों में पैक, मल्टीपल बैरल ग्रेनेड लांचर (बीजीएल) बम, एक जनरेटर सेट, लेथ मशीन के सामान, विस्फोटक बनाने की बड़ी मात्रा में सामग्री, गन निर्माण के उपकरण और आवश्यक चिकित्सा सामग्री शामिल हैं। प्रत्येक बरामद आईईडी का वजन लगभग 250 ग्राम था। इतनी बड़ी मात्रा में हथियारों और हथियार निर्माण सामग्री की बरामदगी नक्सलियों के लिए क्षेत्र में एक बड़ा झटका है। एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी ने यह बात कही है। अधिकारी ने यह भी कहा कि 203 कोबरा की विशेष डॉग स्क्वाड और बम डिटेक्शन टीमों ने छिपे हुए भंडार को खोजने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस खोज से संकेत मिलता है कि नक्सली कार्यकर्ता क्षेत्र में नए स्थापित फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस (एफओबी) को निशाना बनाने की योजना बना सकते हैं। बरामद वस्तुओं की जटिल प्रकृति निकटवर्ती एक सक्रिय निर्माण इकाई का संकेत देती है। सभी बरामद वस्तुओं को सुरक्षा मानकों के अनुरूप सुरक्षित रखा गया है।