महापौर- अध्यक्ष और पार्षदों की वोटिंग के लिए हो अलग-अलग ईवीएम: जैन

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  •  एक ईवीएम के उपयोग से वोटर्स को होगी उलझन 
  • वीवीपैट का इस्तेमाल न होना धांधली का संकेत 

जगदलपुर पूर्व विधायक जगदलपुर व संसदीय सचिव रेखचंद जैन ने कलेक्टर व जिला निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखकर मांग की है कि आगामी निकाय चुनाव के लिए नगर निगम महापौर- नगर पंचायत अध्यक्ष तथा पार्षदों की वोटिंग अलग-अलग ईवीएम के माध्यम से कराई जाए ताकि मतदाताओं में किसी प्रकार का भ्रम न रहे।

मीडिया को जारी बयान में श्री जैन ने कहा है कि मास्टर ट्रेनर्स को प्रशिक्षण में यह बताया गया है कि इस बार एक ईवीएम के माध्यम से ही महापौर व पार्षद को वोट देने होंगे। गौरतलब है कि बस्तर संभाग में कुल 23 नगरीय निकाय हैं जिनमें से करीब 20 में वोटिंग होना है। इसमें जगदलपुर नगर निगम, जिला मुख्यालय स्थित नगर पालिका परिषद, किरंदुल- बचेली के नगर पालिका परिषद व नगर पंचायत सम्मिलित हैं। यदि एक ईवीएम का प्रयोग किया जाता है तो इससे भ्रम की स्थिति पैदा होगी। मतदाता वोट डालते समय भ्रमित हो जाएंगे और उलझन में फंसकर पसंदीदा प्रत्याशी की बजाय किसी दूसरे प्रत्याशी के पक्ष में मतदान कर सकते हैं। श्री जैन ने कहा है कि यह लोकतंत्र के विपरीत होगा। ऐसी दशा में लोकतांत्रिक मूल्यों के संरक्षण के लिए अलग -अलग ईवीएम का उपयोग किया जाना उपयुक्त होगा।

मतदाताओं का हक छीनने की कोशिश

पूर्व विधायक रेखचंद जैन ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश की अवज्ञा की जा रही है जिसमें ईवीएम के साथ वीवीपैट पर्ची का प्रावधान किया गया है। छत्तीसगढ के नगरीय निकाय चुनावों में ईवीएम के साथ वीवीपैट पर्ची का उपयोग न किया जाना मतदाताओं के साथ धोखा है। एक ओर जहां मतदाताओं की सुविधा का ध्यान भाजपा सरकार द्वारा नहीं रखा जा रहा है वहीं दूसरी ओर उनके मताधिकार पर डाका डालने की तैयारी भाजपा कर रही है। भाजपा जानती है कि बीते एक साल में उसकी कोई नीति नहीं रही है और राज्य की जनता भाजपा से बेहद खफा है। ऐसे में परिणाम विपरीत आने की आशंका ने उसे भयभीत कर रखा है। इसलिए वह जनता के अधिकार को कुचलना चाह रही है। कांग्रेस इसका मुंहतोड़ जवाब देगी। एक ईवीएम के माध्यम से एक वोट का प्रावधान किया जाना चाहिए। इस बारे में बस्तर कलेक्टर व जिला निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखकर श्री जैन ने जनहित में पूर्ववत व्यवस्था कायम रखने की मांग की है। उन्होने कहा है कि जनादेश की सुरक्षा करने व जनता के अधिकारों की बहाली के लिए यह उपयुक्त होगा।