दैनिक भास्कर के संवाददाता अज्जयन पिल्ले पर हुए प्राणघातक हमले के बाद राजहरा थाने में मामले को लेकर निष्पक्ष तरीके से कार्यवाही नही करने के विरोध में धरने पर बैठ गए।
पत्रकार सुरक्षा कानून की उड़ाई जा रही है धज्जियां
प्राप्त जानकारी अनुसार नगर पंचायत चिखलाकसा में विवादित पुलिया निर्माण को लेकर जानकारी लेने पहुंचे दैनिक भास्कर के संवाददाता अज्जयन पिल्ले पर सर्वप्रथम एसडीएम कार्यालय में मारपीट की गई, जिसके बाद इसके संबंध में शिकायत दर्ज करवाने के लिए राजहरा थाने पहुंचने पर पुनः थाना परिसर में झूमा झटकी की गई, जिसमे संवाददाता द्वारा अपने बचाव में हमला करने वालों को दूर हटाने का प्रयास किया गया तो हाथ घूसों सहित डंडे से प्रहार किया गया जिसमे पिल्ले के सर पर गंभीर चोट आई। जिसके बाद पुलिस प्रशासन द्वारा संविधान के चौथे स्तंभ पर घातक हमला किए जाने वालों को राजनैतिक दबाव के कारण बचाने का प्रयास किए जाने का आरोप साथ आए पत्रकार एवं नगर के गणमान्य नागरिकों द्वारा लगाया जा रहा है।
गौरतलब है कि पूर्व की कांग्रेस सरकार द्वारा पत्रकारों की सुरक्षा और उन पर हो रहे हमलों और आरोपों को देखते हुए पत्रकार सुरक्षा अधिनियम बनाया गया था, किंतु प्रदेश में भाजपा की सरकार आते ही पत्रकारों के साथ इस प्रकार का सौतेला व्यवहार और काउंटर केस के नाम से प्रसिद्ध राजहरा थाना की कार्यवाही पर प्रश्न चिन्ह लग रहा है।
पत्रकार सुरक्षा अधिनियम के अनुसार अधिकृत अधिकारी के जांच उपरांत ही अपराध दर्ज किया जाना चाहिए था किंतु इस घटना में राजनैतिक दबाव और रसूखदार परिवार के लोगो के द्वारा इस प्रकार का शर्मनाक कृत्य किए जाने वालों को बचाने हेतु राजहरा थाना के द्वारा काउंटर केस बना दिए जाने की जानकारी प्राप्त हो रही है।
ब्लॉक सहित जिले और संपूर्ण प्रदेश के पत्रकार संघ ने इस घटना की कड़ी निन्दा करते हुए कहा कि पत्रकारों के साथ इस प्रकार का व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ब्लॉक ही नही पूरे प्रदेश स्तर पर इस घटना को लेकर एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा।