गर्ल्स हॉस्टल पोटा केबिन में लगी भीषण आग, पूरा भवन हुआ खाक, एक छात्रा लापता

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  • 350 छात्राओं को दूसरे हॉस्टल में किया गया शिफ्ट
  •  आदिम जाति कल्याण विभाग के स्थानीय अधिकारी की लापरवाही फिर उजागर
    -अर्जुन झा-
    जगदलपुर बस्तर संभाग के बीजापुर जिले में फिर बड़ा हादसा हो गया। वहां स्थित आवासीय गर्ल्स हॉस्टल पोटा केबिन में बीती देर रात भीषण आग लग गई। उस समय सभी छात्राएं सो रही थीं, जो आग की तपिश महसूस होते ही जाग गईं और उन्होंने भागकर जान बचाई। आग से पूरा हॉस्टल और छात्राओं का सामान जलकर खाक हो गया है।
    मिली जानकारी के अनुसार आवसीय पोटा केबिन में 350 छात्राएं रहकर पढ़ाई करती हैं। बुधवार 7 मार्च की देर रात ये छात्राएं भोजन करने और कुछ देर तक कोर्स की किताबों का अध्ययन एवं होम वर्क पूरा करने के बाद अपने अपने बेड पर सोने चली गईं। जब ये छात्राएं गहरी नींद में थीं, तभी हॉस्टल पोटा केबिन में आग लग गई। आग तेजी से पूरे भवन में फैल गई। आग की तपन महसूस होने पर कुछ छात्राओं की नींद खुल गई। आग की लपटें देखकर उन छात्राओं ने चीख पुकार मचाना शुरू कर दिया।

शोर सुनकर सभी छात्राएं उठ गईं और उन्होंने भागकर अपनी जान बचाई। सभी छात्राएं हॉस्टल से बाहर निकलकर सुरक्षित दूरी पर चली गईं और मदद के लिए शोर मचाने लगीं। उनकी आवाज सुनकर हॉस्टल के कर्मचारी और आसपास रहने वाले ग्रामीण मौके पर पहुंच गए। सभी ने यहां वहां से पानी लाकर आग बुझाने की कोशिश की, मगर आग इतनी तीव्र थी कि कर्मचारी और ग्रामीण भी कुछ नहीं कर पाए। आग ने पूरी पोटा केबिन को जद में ले लिया और पूरी तरह से खाक कर दिया। बाद में सभी छात्राओं को रेस्क्यू कर जीबीवी केबिन में शिफ्ट किया गया। पूरी पोटा केबिन जलकर खाक हो गई है। वहीं वहां रहकर अध्यनरत लिपाक्षी नामक छात्रा के लापता होने की खबर है। यह पोटा केबिन बीजापुर जिले के आवापल्ली थानाक्षेत्र अंतर्गत चिंताकोंटा में स्थित है और आदिम जाति कल्याण एवं विकास विभाग द्वारा संचालित है। यहां रहने वाली छात्राएं अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग की हैं। वहीं दूसरी ओर लापता छात्रा लिपक्षी की खोजबीन की जा रही है। अधिकांश छात्राओं के परिजन घटना स्थल पर पहुंच गए हैं। लापता छात्रा लिपाक्षी के भी पहुंचने की खबर है। वहीं छात्राएं जान बचाने के फेर में अपने कपड़े लत्ते, पुस्तक कॉपियां और दीगर जरूरी सामानों को निकाल नहीं पाई। यह सारे सामान भी जल गए हैं। अग्नि दुर्घटना की खबर मिलते ही मौके पर बीजापुर के एसडीएम, जिला शिक्षा अधिकारी, टीएमसी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, खंड शिक्षा अधिकारी, खंड स्त्रोत समन्वयक पहुंच गए हैं।


सहायक आयुक्त हैं बेपरवाह
बीजापुर में पदस्थ आदिम जाति कल्याण एवं विकास विभाग के सहायक आयुक्त की बेपरवाही फिर एक बार उजागर हो गई है। विभाग के कामकाज और छात्रावासों, कन्या आश्रमों, शिक्षा परिसरों की देखरेख और व्यवस्थाएं जानने की फुरसत सहायक आयुक्त को नहीं है। हॉस्टल में इतनी बड़ी दुर्घटना हो गई और सहायक आयुक्त श्री मसराम अपने सरकारी बंगले में आराम फरमाते रहे। सारे बड़े अधिकारी पहुंच गए थे, लेकिन इन साहब का कोई पता ही नहीं था। मसराम काफी विलंब से पहुंचे। उल्लेखनीय है कि बीजापुर जिले के छात्रावासों, शिक्षा परिसरों में आए दिन कोई न कोई घटना होती रहती है। कुछ दिनों पूर्व एक छात्र ने छात्रावास के अपने कमरे में फांसी लगा ली थी, हॉस्टलों से छात्र छात्राएं अक्सर गायब हो जाते हैं। मगर साहब को इन सब बातों की कोई चिंता ही नहीं है। उन्हें तो बस फर्जी जाति प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी पा चुके प्रभारी प्राचार्य, शिक्षक शिक्षिकाओं और अन्य कर्मकारियों को बचाकर धन कमाने की ही फिक्र रहती है। उनकी प्रशासनिक क्षमता और विभाग में पकड़ पर भी सवाल उठाए जाते रहे हैं।