कई लोगों की जान बचाएगी डॉ. चंद्रमोहन लाल गर्ग की काया

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  • किया गया डॉ. गर्ग के पार्थिव शरीर का दान
  • मेडिकल कॉलेज में स्वर्णकार परिवार ने पूरी की देह दान की प्रक्रिया

जगदलपुर जिस डॉक्टर ने जीते जी सैकड़ों लोगों को नया जीवन दिया था, अब उस डॉक्टर की काया भी कई लोगों को नई जिंदगी देगी।

आयुर्वेद और होम्योपैथी के प्रसिद्ध प्रेक्टिशनर डॉ. चंद्रमोहन लाल गर्ग का बीते दिन आकस्मिक निधन हो गया। शुक्रवार दोपहर परिजनों ने उनका पार्थिव देह स्व. बलिराम कश्यप स्मृति शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय जगदलपुर को समर्पित कर दिया। इस अवसर पर मेकॉज के डीन सहित एनाटॉमी विभाग के प्राध्यापक और विद्यार्थी उपस्थित रहे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मिथिलेश स्वर्णकार ‌परिवार के सदस्यों के साथ अपने दिवंगत बड़े भाई डॉ. गर्ग की काया मेडिकल कॉलेज को सौंपने पहुंचे थे। उनके द्वारा विभागीय औपचारिकताएं पूरी की गई। बता दें कि स्वर्णकार परिवार के चार भाइयों में चंद्रमोहन लाल दूसरे नंबर के थे। परिजनों ने बताया कि मृत्योपरांत अपनी देह दान का निर्णय डॉ गर्ग द्वारा 2017 में ही ले लिया था। अपनी इस इच्छा की पूर्ति हेतु उन्होंने 2017 में ही आवश्यक औपचारिकताएं भी पूरी कर रखी थीं। उन्होंने अपने निर्णय की जानकारी अपने छोटे भाई, क्रेडा के पूर्व अध्यक्ष मिथिलेश स्वर्णकार को देते मृत्योपरांत औपचारिकताओं की पूर्ति हेतु उन्हें अधिकृत किया था। 23 जनवरी को हुए उनके आकस्मिक निधन के बाद सभी परिजनों ने उनके इस नेक निर्णय का सम्मान करते शुक्रवार दोपहर मेकॉज परिसर पहुंच कर वहां मर्च्युरी में सुरक्षित रखे गए डॉ गर्ग के देह को विधिवत स्व. बलिराम कश्यप स्मृति शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय, जगदलपुर को सौंप दिया।

पार्थिव देह के समक्ष ली शपथ

एनाटॉमी विभाग की ओर से मेडिकल छात्र छात्राओं द्वारा मृत काया के समक्ष सम्मान और गरिमा के साथ मरीजों से उत्तम व्यवहार करने की शपथ लेते उनके इस महान योगदान के लिए उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त की गई। मृत्यु के बाद भी उनके जारी योगदान के लिए चिकित्सकों ने परिवार का भी आभार माना।