- ड्राई डे के पहले बेच रहे झोला भर भरके शराब
- शराब दुकान में लगी रही कोचियों की लंबी लाइन
- प्रशासन की आंखों में आखिर क्यों पड़ा है पर्दा
–अर्जुन झा-
जगदलपुर किसी भी राष्ट्रीय पर्व की तैयारी सिर्फ हम, आप और प्रशासनिक अधिकारी ही नहीं करते। हमारे समाज में ऐसे बहुत से लोग हैं, जो ऐसे पर्व को खास बनाने के लिए दो तीन दिन पहले से ही लगे रहते हैं। ऐसे पर्व इन लोगों को कमाई का बड़ा अवसर जो उपलब्ध कराते हैं।
सबको मालूम है कि हर राष्ट्रीय पर्व, कुछ खास त्यौहारों और कुछ बड़ी शख्सियतों की जयंती एवं पुण्यतिथि पर शराब बिक्री प्रतिबंधित रहती है। शराबबंदी का दिन लायसेंसी शराब विक्रेताओं और कोचियों की अवैध के लिए वरदान से कम नहीं होता। सरकारी तौर पर शराब विक्रय के बावजूद इस काले कारनामे पर लगाम नहीं लग पा रहा है। आने वाले गणतंत्र दिवस पर ड्राई डे को देखते हुए सरकारी शराब विक्रेताओं और शराब कोचियों ने पूरी तैयारी शुरू कर दी है। जगदलपुर शहर के हृदय स्थल पर स्थित सरकारी शराब दुकान से खुलेआम शराब की अवैध बिक्री की जा रही है। इस दुकान से बस्तर के सातों विकासखंडों के गांवों में अवैध रूप से शराब बेचने वाले कोचियों को शराब की सप्लाई होती है। जिला आबकारी विभाग के आला अधिकारी भी राजनीतिक दलों के दवाब के चलते हाथ बांधे बैठे रहते हैं। इस दुकान से रोज इसी तरह लाखों लाखों रुपयों की शराब कोचियों के घर आबकारी विभाग ओर पुलिस की शह पर भेजी जाती है। जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक अपराध नियंत्रण का दावा करते हैं मगर अपराधों की जननी शराब के अवैध विक्रय पर लगाम लगाने में असहाय से हो गए हैं। ऐसा खेल किसके इशारे पर हो रहा है? यह चर्चा का विषय है। शहर के मध्य स्थित शराब दुकान में आज दर्जन भर कोचिये लाइन लगाकर झोला भर भरके शराब खरीदते रहे और शराब दुकान के विक्रेता उन्हें बेखटके बड़ी मात्रा में शराब की बोतलें, अद्धी, पौव्वा देते रहे। जितने भी कोचिये शराब काउंटर के सामने खड़े थे, उन सभी के हाथों झोले रखे हुए थे। कोचिए शराब भरे झोले, थैले, बैग लेकर आराम से निकलते रहे, मगर उनके पकड़ने वाले नजरें बचाते रहे। लोगों का कहना है कि कांग्रेस के शासनकाल में तो नकली शराब वाला असली घोटाला हुआ था, मगर अब भाजपा के शासन में असली शराब को अवैध रूप से खपाने का घोटाला खुलेआम चल रहा है।