चौदह भाजपाई पार्षद कांग्रेस पार्षदों पर पड़े भारी, कांग्रेस भवन की रणनीति धर्राशाही तो भाजपाईयों में नई ऊर्जा का संचार, नगर निगम के महापौर के प्रथम बजट भाषण में खुली पोल

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जगदलपुर। अप्रत्यक्ष प्रणाली से नगर निगम में सफीरा साहू महापौर बनने व कोविड-19 के झंझावातों के बीच अपना बजट नगर पालिका निगम की सामान्य सभा की बैठक में रखा किंतु कांग्रेस पार्टी की गुटबाजी ने भाजपा को संबल प्रदान किया तथा पार्षदगण सभा में भारी पड़ गये। वर्तमान में भाजपा के पास 13से 14 पार्षद ही है और कांग्रेस के बहुमत होने के बावजूद उनका प्रतिकार नहीं कर पाए जिससे कांग्रेस की भद्द जमकर पिटी। वहीं दुसरी तरफ शहर जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष राजीव शर्मा ने पार्षदों को बारीकी से रणनीति बताई थी किन्तु

महापौर श्रीमती सफीरा साहू व निगम अध्यक्ष श्रीमती कविता साहू के अपने-अपने समर्थक पार्षद इस दौरान कांग्रेस की ओर से दमदारी से प्रदर्शन नहीं कर पाए। इन सबके बीच यह चर्चा का बाजार गर्म है कि कांग्रेस भवन की बंद कमरे की राजनीति धर्राशाही हो गई।बस्तर जिले के नगर निगम में कांग्रेस पार्टी बड़े बहुमत में हैं और इनके पास पर्याप्त बहुमत होने के बावजूद महापौर श्रीमती सफीरा साहू के बजट भाषण के दौरान नेताप्रतिपक्ष संजय पांडे के नेतृत्व में जो हंगामेदार रुख भाजपा के लोग अख्तियार करते रहे उसके बावजूद कांग्रेसी पार्षदों द्वारा अपने स्थान पर खड़े न होना सिधे-सिधे गुटबाजी प्रत्यक्ष रूप से झलक रही है।इसी प्रकार की स्थिति यही और निर्मित होती रही तो कांग्रेस के लिए यह जटील समस्या बन सकता है।

59लाख 27 हजार रुपए घाटे का बजट


नगर पालिका निगम में भारी शोर -शराबों के बीच सफीरा साहू ने अध्यक्ष श्रीमती कविता साहू की अनुमति से शहर के विकास कार्यों के लिए 24अरब1करोड़ 71 लाख रुपए का बजट पेश किया। इस दौरान 24अरब 1करोड़ 12 लाख रुपए निगम को आय प्राप्त होगी और 24अरब 1करोड़ 71 लाख रुपए से खर्च होगा। इस बजट से 59 लाख27हजार रुपये घाटे का बजट है। इस बजट से गढ़बो नवा जगदलपुर अंतर्गत कई प्रकार के कार्यों को कराने की प्रतिबद्धता जताई गई थी। महापौर श्रीमती सफीरा साहू ने कोरोना काल को लेकर भी भावुक हो गए और उन्होंने कोरोना काल के दौरान सभी वर्गों के किये गये कार्यों के लिए तारीफ भी है।